बीकानेर(जयनारायण बिस्सा)। गरीब मरीजों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज मुहैया क राने वाली मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षा कोष योजना बंद की जा रही है। 31 मार्च से यह योजना बंद हो जाएगी और कार्यरत स्टाफ कार्यमुक्त भी हो जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सभी सीएमएचओ व अस्पतालों को आदेश जारी कर दिए हैं। इससे पहले योजना के कर्मचारियों व अन्य सभी बकाया भुगतान के लिए बजट भी आवंटित किया गया है। सी एमएचओ कार्यालय के तहत लगे करीब 8 कार्मिक तथा पीबीएम में में इस योजना के तहत करीब 20 कंप्यूटर ऑपरेटर व फार्मासिस्ट कार्यरत हैं, ये सभी बेरोजगार हो जाएंगे।
इस योजना से बीपीएल मरीजों को सरकारी अस्पतालों में सभी सुविधाएं नि:शुल्क दी जाती है ं। इसी बीच मुख्यमंत्री निशुल्क दवा व जांच योजना लागू हो गई। इसके बाद व्यवस्था यह हो गई कि जो दवा या जांच फ्री में उपलब्ध है, मरीज वहां करा लेता है। यदि कोई नि:शुल्क दवा या जांच योजना के बाहर की है तो बीपीएल काउंटर से नि:शुल्क मुहैया कराई जाती है। वहीं, महंगी जांचों के लिए अधीक्षक बीपीएल कार्ड के आधार पर फ्री कर देते हैं। अब सवाल यह है कि इन मरीजों का क्या होगा? सरकार का तर्क है कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना लागू हो चुकी और उसमें कमोबेश सारे गरीब कवर होते हैं। लेकिन इसके लिए भर्ती होना जरूरी है।
अब इस योजना के लिए बजट नहीं मिलेगा
सरकार से हमारे पास एक सर्कुलर आया है कि एमएमजेआरके की सभी श्रेणियों को बी एसबीवाई में शामिल किया जा चुका। इसलिए अब इसके तहत अलग से कोई बजट नहीं दिया जाएगा। यदि कोई रोगी भामाशाह कार्ड प्रस्तुत नहीं करता है तो उसे प्रेरित करेंगे कि कार्ड लेकर आए।
- डॉ. पी के बेरवाल, अधीक्षक, पीबीएम
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