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गरीब बालिका को दी साईकिल

खबर - पवन शर्मा
सूरजगढ़  । पंचायत समिति की पीपली ग्राम पंचायत के दोबड़ा गांव की असहाय बालिका ज्योति को सामाजिक संगठन हिम्मत ने गोद लेने के बाद उसकी परवरिश की जिम्मेदारियां निभानी शुरू कर दी है। शुक्रवार को हिम्मत संस्था के सरंक्षक दिल्ली पुलिस में एसीपी महेश ठोलिया ,संस्थान के अध्यक्ष राजेंद्र सिहाग ,सरपंच कृष्ण कुमार के साथ दोबड़ा पहुंचे वहां उन्होंने अभावों में जीवन यापन कर रही 18 वर्षीय तीन फ़ीट की ज्योति को साईकिल भेट की। साईकिल पाकर ज्योति काफी प्रफुलित नजर आई। उसने बताया अब साईकिल मिलने पर वह समय से पूर्व अपनी स्कूल में जा पाएगी साईकिल मिलने के बाद उसके साथ साथ उसके भाई को भी आराम मिलेगा जो उसे अपने कंधो पर बैठाकर रोजाना पांच किलोमीटर का सफर पैदल ही पूरा करता था। 

उम्र 18 साल कद तीन फिट 
पंचायत समिति के दोबड़ा गांव की ज्योति का जीवन शुरू से ही अभावो में रहा है। 11 वीं कक्षा में अध्ययनरत ज्योति की उम्र भले ही 18 साल है लेकिन उसका कद-काठी देखकर वह छह-सात वर्ष की ही लगती है। उसका कद मात्र तीन फ़ीट होने से देखने वाले उसे छोटी बच्ची ही समझते है। आपको बता दे की ज्योति के परिवार में उसके पिता रामकिशन माता गुड्डी देवी भाई नरेश ,मोहित और बहिन रवीना सामान्य कद काठी  के है लेकिन ज्योति का कद अन्य परिवार के सदस्यों के मुकाबले कुछ भी नहीं है। ज्योति के परिजनों ने बताया की दो वर्ष तक तो ज्योति का शरीर आम बच्चों की भांति ही ही था। लेकिन उसके बाद पता नहीं उसे क्या बीमारी लगी की उसका कद व उसका विकास रुक गया। कमजोर आर्थिक स्थिति होने के कारण परिजन अपने स्तर पर उसका इलाज भी कराया लेकिन उसमे कोई सुधार नहीं हो पाया।  

कद छोटा हौसला बढ़ा 
सामान्य से कम हाइट होने के बावजूद भी ज्योति ने अपने छोटे कद को अपने हौसलों के आगे नहीं आने दिया। उसके हौसलों व जज्बे को देखकर उसे सलाम किया जा सकता है। उसके बुलंद हौसले व पढाई की लगन उसे अपनी उम्र की लड़कियों के बराबर खड़ा करती है। पढ़ाई की लगन के वह दसवीं कक्षा उत्तीर्ण आकर 11 वीं कक्षा में प्रवेश ले पाई। गांव में कोई उच्च शिक्षा का स्कूल ना होने के कारण वह अपने भाई के कंधो पर बैठकर पांच किलोमीटर दूर पीपली गांव में पैदल अध्ययन  करने के लिए जाती है।