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मनुष्य का कल्याण कथा सुनने से नही अपितु अपने जीवन में उतारने से होता है -श्री त्र्यमकेश्वर जी महाराज

नवलगढ़ -पवित्र नगरी नवलगढ़ की धरा पर मिश्र परिवार द्वारा स्व वैध श्री चिरंजीलाल मिश्र के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित अद्भुत श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन त्र्यम्बकेश्वर चैतन्य जी  महाराज ने बताया कि भगवान कृष्ण की दिव्य रासलीला में प्रवेश करने के लिए जन्म जन्मांतर तक तपस्या करनी होगी । तब इस भगवत लीला दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हो सकता है । आज की लीला की तरह यह नही है । ये तो भवसागर को पार करा देनी वाली परमात्मा की लीला ही रासलीला है । राग- द्वेष, मान - अपमान , माया - मोह षट विकारो को नष्ट कर देने वाली है कथा है । मनुष्य का कल्याण कथा सुनने से नही , अपितु अपने जीवन में उतारने से होता है । भवरोग - शोक , शामिनि विकार ऐसे संसार के दुःखो का सबसे बड़ा कारण यह है कि मनुष्य शास्त्रो की बातो को अपने जीवन में नही उतारता । कथा व्यथाओं का हरण करने वाली सबकी कामनाओ को पूर्ण करने वाली है । रुक्मणी वल्लभ भगवान का परिणय धूमधाम से मनाया । मंच पर अखिल भारतवर्षीय धर्ममहासंघ डा. गुणप्रकाश  , श्री लोहार्गल पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य महाराज , सहित कई सन्त मोजूद रहे । कथा में भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष जगदीश खाजपुरीया , भाजपा नेता भवानीशंकर शर्मा , भाजपा डाबड़ी मण्डल अध्यक्ष महिपाल सिंह , सांवरमल सामरा , विश्वनाथ कैरुवाला , डा. मनीष जांगिड़ , राजेंद्र शर्मा , प. आदित्यनारायण सुरोलिया , भरत मुरारका , रूपाराम जांगिड़ , नन्दलाल सुरोलिया , रामावतार बिबासरिया , विनोद शर्मा , सूर्यप्रकाश चोटिया , राकेश मिश्र , अमित जोशी सहित हजारो की संख्या में पुरुष और महिलाये उपस्थित रही । कल कथा का अंतिम दिन है ।