सोमवार, 10 जनवरी 2022

जिस समाज चेतना से स्वामीजी ने काम किया, उसे समझने और अनुकरण करने की जरूरत


चूरू के स्वामी गोपालदास चौक पर एकत्रा सर्वसमाज के लोगों ने पुण्यतिथि पर स्वामीजी को दी श्रद्धांजलि, 

स्व. रावतराम आर्य को मरणोपरांत स्वामी गोपालदास पुरस्कार 2022, बड़ी संख्या में  लोग रहे मौजूद, स्वामी गोपालदास के दिखाए मार्ग पर चलने का लिया संकल्प, 

चूरू। शहर के स्वामी गोपालदास चौक पर रविवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सर्व समाज के लोगों ने स्वामी गोपालदास की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान दलित उत्थान के क्षेत्रा में उत्कृष्ट कार्य के लिए चूरू के प्रथम जिला प्रमुख एवं पूर्व विधायक स्व. रावतराम आर्य को स्वामी गोपालदास पुरस्कार 2022 प्रदान किया गया, जिसे उनके पुत्रा मोहन लाल आर्य तथा पौत्रा वधू जिला प्रमुख वंदना आर्य ने ग्रहण किया। 

सभा को संबोधित करते हुए जिला प्रमुख वंदना आर्य ने कहा कि स्वामी गोपालदास के विचार युगों-युगों तक हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। उन्हें समाज सेवा के जो प्रतिमान स्थापित किए, उनका अंश मात्रा भी हम अनुकरण कर पाएं तो अपना जीवन सार्थक करें। उन्होंने स्व. रावतराम आर्य को याद करते हुए कहा कि उन्होंने मानव सेवा को अपना लक्ष्य बनाया और उसूलों की राजनीति की। 

मुख्य वक्ता लोहिया कॉलेज में हिंदी की प्रोफेसर डॉ मंजु शर्मा ने स्वामी गोपालदास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें स्वामीजी द्वारा खड़े किए गए संस्थानों के साथ-साथ उन संस्थाओं की बुनियाद में निहित उस समाज चेतना को समझना होगा, जिसे लक्ष्य बनाकर स्वामीजी ने काम किया। वे समाज में व्याप्त समस्या की जड़ में जाकर उसके निवारण की दिशा में काम करते थे। 

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक कुमार अजय ने कहा के हम इंसान की प्रतिष्ठा इंसान के रूप में कर पाएं, तभी स्वामीजी के स्वप्नों का समाज बन सकेगा। जब तक हमारे भीतर बदलाव नहीं आएगा, तब तक बाहरी बदलाव बेमानी है। 

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य ओम सारस्वत ने अपने ओजस्वी वक्तव्य के माध्यम से स्वामी गोपालदास के कार्यों में से अपनी सीमा और क्षमता के अनुसार कार्य करने की प्रेरणा लेने का आह्वान किया। सारस्वत ने कहा कि युवाओं को स्वामी जी के कृतित्व की जानकारी लेकर प्रेरित होने की आवश्यकता है।

शिक्षाविद् प्रो. कमलसिंह कोठारी ने स्वामी गोपालदास जी द्वारा समाज को दिये योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि स्वामी जी ने उस समय स्त्रा शिक्षा, दलितोद्धार तथा पर्यावरण जैसे विषयों पर उल्लेखनीय काम रचनात्मक दृष्टि से किया। 

शिक्षाविद प्रो. एच.आर. ईसराण ने कहा कि स्वामी जी के विचार मानव जाति के लिए प्रेरणास्पद हैं। जिस समय स्त्रा शिक्षा को समाज में जरा भी मान्यता नहीं थी, उस समय स्त्रा शिक्षा हेतु स्वामी जी ने ना केवल प्रयास किया बल्कि सर्वहितकारिणी जैसी संस्थाओं का निर्माण करके दूसरे लोगों के लिए भी मार्ग प्रशस्त किया। ईसराण ने स्व. रावतराम आर्य के व्यक्तित्व व कृतित्व पर भी प्रकाश डाला और कहा कि रावतराम आर्य ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज के वंचित वर्ग के सामाजिक उत्थान को समर्पित कर दिया। उनकी नैतिकता और ईमानदारी एक मिसाल है।

पुरस्कार प्राप्त कर स्व. रावतराम आर्य के पुत्रा मोहनलाल आर्य ने चूरू के प्रतिष्ठित स्वामी गोपालदास पुरस्कार के लिए श्रद्धेय रावतराम आर्य के चयन के लिए आभार प्रकट किया। उप जिला प्रमुख महेंद्र न्योल ने कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर हमें महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए। 

पूर्व  बीसुका उपाध्यक्ष आशाराम सैनी ने स्वामी गोपालदास को आदर्श मानकर अन्याय के खिलाफ खड़े होने की आवश्यकता बताई और कहा कि हमें अपने भीतर के डर को मिटाने के लिए स्वामी गोपालदास से प्रेरित होने की आवश्यकता है।

आदूराम न्योल ने कहा कि की स्वामी जी का जीवन मानव जाति के लिए समर्पित था। उन्होंने शोषित, गरीब और किसान के उद्धार के लिए प्रयास किये।  

पीसीसी सदस्य रियाजत अली खान ने कहा कि स्वामी गोपालदास ने अपने सद्कर्मों से शहर को सींचा और 

बालिका शिक्षा के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए। उन्होंने कहा कि राजकीय बालिका महाविद्यालय चूरू का नामकरण स्वामी गोपालदास के नाम पर करवाने के लिए मुख्यमंत्रा से मिलकर प्रयास करेंगे।

ओम डायनामाइट ने स्वामीजी को महामानव बताते हुए कहा कि सभी के सहयोग के समाज की दुखती रग पर मरहम करने का कार्य उन जैसा महापुरुष ही कर सकता था।

इस अवसर पर सुनील भाउवाला, निरंजन जांगिड़, डॉ शमशाद अली,  प्रो. डीके सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ वासुदेव चावला, किसान नेता रामरतन सिहाग, मोहन लाल अर्जुन, बलदेव सारण व सीडब्ल्यूसी सदस्य शर्मिला पूनिया ने भी विचार व्यक्त किये। 


कार्यक्रम संयोजक दलीप सरावग ने आभार व्यक्त करते हुए संकल्प दोहराया कि सभी के सहयोग से स्वामी गोपालदास के संस्कारों को समाज में फैलाने का प्रयास करते रहेंगे। सरावग ने इस कार्यक्रम में रणवीर कस्वां झारिया के साथ साझा प्रयास कर नवाचार करते हुए स्वामी गोपालदास की तस्वीर सभी आगंतुकों को भेंट की। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि हम सब को जाति व संप्रदाय से ऊपर उठकर स्वामी गोपालदास जी की शिक्षाओं को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना चाहिए क्योंकि स्वामी जी का चिंतन मानव जाति के लिए था और उन्होंने पीड़ित मानव की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। इससे पूर्व आरंभ में सभी ने स्वामीजी के चित्रा पर पुष्पांजलि अर्पित की। भंवर लाल कस्वां ने अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजकीय रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम में राकेश कस्वां, अनिल बालाण, मनरूप बेनीवाल, कुलदीप सरावग, राकेश बेनीवाल,  सुभाष लाटा, कृष्ण ईसराण ने आयोजकीय भूमिका निभाई।

 इस अवसर पर नगरश्री चूरू के सचिव श्यामसुन्दर शर्मा, डॉ जमील चौहान, भाजपा युवा मोर्चे के सूर्य प्रकाश ढाका, अंजू नेहरा, सरपंच कैलाश बसेर, महंत दिनेश दास, मंहत योगेन्द्र दास,  डॉ कादिर हुसैन, नंदकिशोर ईसराण, दीनदयाल सारस्वत, दुलाराम सारण,  अबरार खान,  भंवरलाल जांगिड़, आदर्श विद्या मंदिर की प्रधानाचार्या सरिता शर्मा, गंगाराम कड़वासरा, तेजाराम आर्य,  डॉ सुरेन्द्र महिया, खींवाराम, बिमल अग्रवाल, जगदीश चोटिया, विजयपाल धुंवा,  ज्योति,  आशा शर्मा, अजय दाधीच, राजीव बहड़, किशोर धांधू, श्रवण बसेर, किशनाराम बाबल, पवन खेमका, विनोद राठी, राजेन्द्र कल्ला, मोहरसिंह सरावग, शिशुपाल बुडानिया, मंगल व्यास भारती, रामनिवास मोगा, रणवीर मुनड़िया, जयसिंह जवानीपुरा, रिछपाल सिंह चारण, पूर्व सरपंच महेंद्र सिहाग, राहुल कस्वां, सतवीर बेनीवाल, कपिल बुरड़क, प्रेमसुख कस्वां, ज्योति सिंह, पुत्रा पाठशाला और बालिका आदर्श विद्या मंदिर के स्टाफ सहित अनेक व्यक्ति उपस्थित थे।  कार्यक्रम का संचालन रवि प्रकाश शर्मा ने किया।

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