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लौहपुरुष केशरदेव मिंतर में निर्भीकता, दिलेरी इन सभी गुणों का अद्भुत संकलन था - ओमप्रकाश मिंतर



नवलगढ़ -नवलगढ़ में स्वत्रन्रता सेनानी व् लौह पुरुष केशरदेव मिंतर की 43 वीं पुण्यतिथि मनाई गयी।  कोरोना संक्रमण के कारण यह कार्यक्रम सूक्ष्म रूप में रखा गया   मिंतर जी की पुण्यतिथि पर हर वर्ष गोपीनाथजी के  मंदिर के सभागर में एक सभा होती है जहाँ सेंकडो की संख्या में नवलगढ़ और आसपास के जन मिंतर जी को  श्रद्धांजलि देने आते है।  लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते आज उनकी पुन्यतिथि   मिंतर चौक पर  स्थित उनकी  प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया तथा पुष्पांजलि अर्पित की।  इस मौके पर नवलगढ़ चैयरमेन शोएब खत्री , वाइस चैयरमेन कैलाश चोटिया , शिक्षाविद कृष्ण कुमार दायमा , बिजली विभाग के पूर्व इंजिनियर भंवरलाल जांगिड़ , जगदीश जांगिड़ ,प्रख्यात कवी हरीश हिंदुस्तानी, अनिल पारीक , पार्षद महेंद्र सैनी , महेंद्र शर्मा , महेश शर्मा , पूर्ण सिंह आजाद व  केशरदेव मिंतर के पौत्र तरुण मिंतर भी मौजूद रहे . इस मोके पर कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर पाए केशरदेव मिंतर के पुत्र ओमप्रकाश मिंतर ने कहा की मिंतर जी ने अपने जीवन में केवल लोगो की सेवा ही की।  वो सबको साथ लेकर चलते थे ,टाइगर की चपल चाल , चंचल व्यक्तित्व , बुलंद व् स्वाभिमान युक्त आवाज। निर्भीकता दिलेरी इन  सभी गुणों का अद्भुत संकलन उनमे था।