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कुम्हार जाति को अनुसुचित जाति में समलित किये जाने की मंाग


हनुमानगढ़। कुम्हार जाति को अनुसुचित जाति में समलित किये जाने की मंाग को लेकर राष्ट्रीय कुम्हार महासभा राजस्थान के श्रीगंगानगर जिलाध्यक्ष लालचंद जलन्धरा एंव हनुमानगढ़ जिलाध्यक्ष सतवीर सिंह के नेतृत्व में महासभा के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया है कि भारत की जनगणना 1911 में कुम्हार जाति ब्रिटिश सरकार के समय दलित जाति की सूचि में समलित थी आजादी के बाद आरक्षण देते समय कुम्हार जाति को अनुसुचित जाति से अलग कर दिया गया जिससे कुम्हार समाज का आज तक समुचित विकास नही हो सका है। आरक्षण के अनुसार मिलने वाले लाभ से कुम्हार समाज आजतक वंचित है जबकि आजादी के समय मध्यप्रदेश के आठ जिलों व महाराष्ट्र के चार जिलों के कुम्हार प्रज्जापति समाज को आज भी एससी का दर्जा प्राप्त है। अपना हक लेने के लिये समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा कई बार प्रदर्शन भी किये गये जिससे प्रेरणा लेते हुये मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश एंव बिहार सरकार द्वारा कुम्हार जाति को अनुसुचित जाति में शामिल करने का अनुसंशा पत्र केन्द्र सरकार को भिजवाया जा चुका है। सुबेदार सतवीर सिंह ने बताया कि राजस्थान का कुम्हार समाज अन्य पिछडा वर्ग की श्रेणी में आता है परन्तु ओबीसी की कुछ साधन सम्पन्न जातियों को आरक्षण देने के कारण कुम्हार समाज  की शासन प्रशासन में भागेदारी शुन्य के बराबर हो गई है और इस समाज के हजारो बेरोजगार युवक-युवतिया डिग्रीयां लेकर घूम रहे है। ज्ञापन देने आये प्रतिनिधि मण्डल में राजस्थान में माटी कला एंव शिल्प कला बोर्ड को नियमित रखते हुये सालाना 20 करोड़ रूपये का वितिय अधिकार देने, बोर्ड के नियमों में मिट्टी खोदने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि आवंटित करने सरकारी कार्यालयों को मिट्टी के पात्र खरीदने के लिये निर्देशित करने, शिल्प कला काम करने वालों को आरक्षित दर पर खनिज विभाग से खान आवंटित करवाने, प्रमुख सरकारी विभागों में कुम्हार कारीगरों को स्थाई नौकरी का प्रावधान करने, राज्य सरकार समाज के आर्थिक दृष्टी से कमजोर एंव उच्च शिक्षा से वंचित छात्र-छात्राओं के लिये देव नारायण योजना की तज्र पर श्रीयादे शिक्षा योजना लागू करने, धर्म संस्थापक श्रीयादे जयन्ति पर राजकीय अवकाश घोषित करने एंव समाज के सदस्य डॅा. रत्नप्पा कुम्हार, शहीद रामचन्द्र विधार्थी के नाम से पार्क सर्किल मार्ग एंव किसी महत्वपूर्ण सरकारी योजना का नामकरण करने आदि की मंाग की है। इस अवसर पर मास्टर शिव कुमार वर्मा, मुकेश घोडेला, कैलाश लुहारिया, राकेश टाक, राजेश आयतान, एडवोकेट लालचंद वर्मा, चन्द्रकात, प्रदीप जलन्धरा आदि मौजूद थे।