खबर - जयंत खांखरा
खेतड़ी -31 वर्षीय पर्यावरण में आध्यात्मिक गो पद यात्रा सुबह माधोगढ़पहुंचने पर 101 महिलाओं ने कलश यात्रा निकालकर कार्यक्रम में भाग लिया यह कलश यात्रा केशवदास आश्रमपहुंची जहां गो कथा का आयोजन किया गया कथा में देसी गाय व हेलिस्टन और जर्सी गाय का भेद बताया तथा मानव जीवन में देसी गाय के महत्व पर प्रकाश डालाकथावाचक संतने कहा कि पहले रोटी गाय को खिलाएं ताकि आपका भोजन प्रसाद बन सके इस कलयुग में दूध की नहीं दुआ व दवा की जरूरत है दूध की डेरी कम है मेडिकल स्टोर ज्यादा है साथ ही कहा कि गाय माता का दूध औषधि का काम करता है गाय हमें निरोग रखती है डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक 30% लोगों को भोजन नहीं पचता है पेट में कब्ज की शिकायत रहती है केवल गाय की छाछ ही पाचन तंत्र को सही रख सकती है रघुवंश नामक काव्य में गाय के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है।गाय के गोबर में संत ने लक्ष्मी का वास बताया
खेतड़ी -31 वर्षीय पर्यावरण में आध्यात्मिक गो पद यात्रा सुबह माधोगढ़पहुंचने पर 101 महिलाओं ने कलश यात्रा निकालकर कार्यक्रम में भाग लिया यह कलश यात्रा केशवदास आश्रमपहुंची जहां गो कथा का आयोजन किया गया कथा में देसी गाय व हेलिस्टन और जर्सी गाय का भेद बताया तथा मानव जीवन में देसी गाय के महत्व पर प्रकाश डालाकथावाचक संतने कहा कि पहले रोटी गाय को खिलाएं ताकि आपका भोजन प्रसाद बन सके इस कलयुग में दूध की नहीं दुआ व दवा की जरूरत है दूध की डेरी कम है मेडिकल स्टोर ज्यादा है साथ ही कहा कि गाय माता का दूध औषधि का काम करता है गाय हमें निरोग रखती है डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक 30% लोगों को भोजन नहीं पचता है पेट में कब्ज की शिकायत रहती है केवल गाय की छाछ ही पाचन तंत्र को सही रख सकती है रघुवंश नामक काव्य में गाय के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है।गाय के गोबर में संत ने लक्ष्मी का वास बताया