शुक्रवार, 19 जनवरी 2018

बागोरा में नवलगढ़ का कचरा नहीं डालने देंगे

उदयपुरवाटी |कस्बे के निकटवर्ती गांव बागोरा में कचरा निस्तारण के लिए बागौरा में आबंटित जमीन मे पिछले काफी महीनों से बागोरा में उदयपुवाटी को कचरा डाला जा रहा है था। शुक्रवार को बागोरा के स्थानीय लोगों ने कचरे के विरोध में सड़क पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है हम किसी भी सूरत में  नवलगढ़ का कचरा बागोरा में नहीं डालने देंगे। बागोरा में जो कचरा डाला जा रहा है यह बागोरा पंचायत की बिना एनओसी के यहां कचरा डाल रहे हैं। बागोरा के स्थानीय नेकीराम ने बताया यहां कचरा डालने से गांव में बीमारी फैल गई जिससे गांव आधे लोग खाट में पड़े हैं। और यहां आवारा पशु कुत्ते सूअर हमारे पशुओं को आए दिन काट रहे हैं। इस एक बह का माहौल बनाना हुआ है। बागोरा में पिछले 1 महीने से चोरी चुपे रात को नवलगढ़ से कचरे के
डम्फरो से दिन-रात कचरा डाला जा रहा था। जिसका पता लगा उसके बाद स्थानीय बागौरा गाँव के लोगों ने सरपंच प्रतिनिधि रोहिताश गुर्जर के नेतृत्व में शुक्रवार को डम्पर को रोक कर गाँव के लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। वही स्थानीय लोग विरोध कर रहे लोगों ने उदयपुवाटी से कचरा के भरे ऑटो टेंपो, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को कचरे से भरें वापस भेज दिया।कचरें का विरोध करने वालों में बागोरा सरपंच प्रतिनिधि रोहिताश गुर्जर ,नेकीराम, छीतरमल सैनी, राकेश मेहरा ,प्रहलाद गुर्जर,जयमल योगी, अरूण वर्मा, जगन्नाथ मेहरा ,बलवीर मेहरा, सुभाष चंद्र ,किशन लाल ,दयाल चंद, संतोषी देवी ,राजु देवी, विमलादेवी ,केसरी देवी ,रत्ना देवी, माया देवी ,संतोषी देवी, संगीता देवी, आदि मौजूद थे

बागोरा में नवलगढ़  के कचरे से भरे डंपरों का जमकर हुआ विरोध

बागोरा गांव के लोगों ने नवलगढ़ के कचरे से भरें आये डम्फरो को रोककर उनके सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।बागोरा के लोगों ने कहा हम किसी भी सूरत में बाहर के कचरे से भरे डंपरों को यहां खाली नहीं होने देंगे


*नवलगढ ईओ अनिता खीचड़ एक महीने से बागोरा में डलवा रही है नवलगढ़ का कचरा*

बागोरा के लोगों ने नगर पालिका ईओ अनिता खीचड़ व  विधायक शुभकरण चौधरी नगरपालिका चेयरमैन के खिलाफ लगाए मुर्दाबाद के नारे


*बागोरा में खुले में कचरा डालने से लोगों हुऐ बिमार*

बागोरा गांव के लगभग हर दूसरे घर में एक को बीमार बना दिया है। बीमार होने वालों में अधिकांशत: औरतें, बच्चे व बूढ़े शामिल हैं। हालांकि इसी गांव के पढाई करने वाले बच्चे बताते हैं, “हम तो अभी जवान हैं लेकिन फलांग भर साइकिल चलाई नहीं कि सांस फूल जाती है। हममें से अधिकांश को सांस फूलने, खांसी, सिर व पेट दर्द की शिकायत सदा बनी रहती है। कितना भी हम इलाज कराएं..

Share This