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वकिलो की हड़ताल के समर्थन में बाजार बन्द शनिवार को , एएसपी को वकिलो ने सुनवाई जमकर खरी खोटी

वकिलो व स्टाम्प वेन्डरो की हड़ताल की वजह से फरियादी परेशान
सादुलपुर (ओमप्रकाश)।
न्यायालय इजलास के बुुधवार को हुए गोलीकाण्ड व हत्याकाण्ड के विरोध मंे वकिलों के चल रहे आदोलन को शुक्रवार को सयुक्त व्यापार मण्डल ने समर्थन देते हुए शनिवार को सम्र्पूण बाजार बन्द रखने का निर्णय लिया गया। अधिवक्ताओ ने वार्ता के लिए धरने पर पहूॅचे अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक को जमकर खरी खोटी सुनाते हुए आक्रोस व्यक्त किया। वही वकिलो की अनिशितकालिन हड़ताल व माॅगो का समर्थन करते हुए स्टाम्प विक्रेेताओ व लेख-प्रलेखकों ने भी समर्थन देकर कार्य बन्द करने से न्यायालय व प्रशासनिक कार्य से आने वाले फरियादी परेशान हो रहे है। बुधवार को न्यायालय मे पेशी भुगताने आये हिस्ट्रीस्टिर अजय जैतपुरा हुए फायरिंग मे अधिवक्ता रतन प्रजापत के धायल होने के विरोध में समस्त अधिवक्ताओ ने बुधवार को ही अनिशितकालिन हड़ताल पर जाने का निर्णय करते हुए पुलिस प्रशासन से माॅग की थी कि अधिवक्ता रतन पर गोली चलाने वालो की जब तक गिरफ्तारी नहीं होने, न्यायालय परिसर मे सीसीटीवी कैमरे लगाने, पुलिस चैकी स्थापित करने व कोर्ट परिसर के मुख्य द्वार पर मेटल डिक्टेक्टर लगाने की माॅग की थी। उसी के समर्थन में सयुक्त व्यापार मण्डल के अध्यक्ष पवन मोहता एवं खाद्य पदार्थ व्यापार मण्डल के अध्यक्ष राधेश्याम डोकवेवाला ने धरना स्थल पर वकिलो की माॅग का समर्थन करते हुए शनिवार को बाजार बन्द की घोषणा की।
अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक से वार्ता में वकिलो ने जताया आक्रोस-
शुक्रवार को वकिलो ने उपखण्ड अधिकारी को राजगढ थानाधिकारी को धरना स्थल पर बुलाने की माॅग की मगर थानाधिकारी की जगह अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक राजेन्द्र मीणा व उपखण्ड अधिकारी सुभाषकुमार भड़िया धरना स्थल पर पहूॅचे तो एडवोकेेट प्रीतम शर्मा, फतेहचन्द पूनिया, मनोज पचार, अशोकसिंह लाखलाण, भवरलाल कुल्ड़ीया, चन्द्रभान कुल्ड़ीया आदि ने आक्रोस व्यक्त करते हुए कि सरेआम न्याय के मंदिर इजलास में घूसकर गोेलीबारी होना राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे भारत के न्यायायिक इतिहास में शर्मनाक हादसा होने के बाद भी पुलिस का देरी से पहुॅचना तथा वकिलो द्वारा ही घायलो को गाड़ी में डालकर इलाज के लिए भिजवाना चिन्तनिय है। वकिलो ने आरोप लगाय कि राजगढ थाना पुलिस शराब माफियो से मिली हुई है जो मात्र आर्थिक लाभ के लिए उन्ही के लिए काम करती है, इसलिए यहां की कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। उन्होने आरोप लगाया कि घटना का चश्मदीद गवाह व घायल अधिवक्ता की सुरक्षा हेतू तीन दिन बाद भी पुलिस ने अब तक उसकी सुधबुध नही ली तथा रतन के इलाज करवाकर घर आने के बाद भी उसकी सुरक्षा का कोई इतजाम नही किया गया जो कि पुलिस की घोर लापरवाही है। इस पर अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक राजेन्द्र मीणा ने न्यायालय परिसर में छः सुरक्षा कर्मियो की सशस्त्र गार्ड मौके पर ही लगाने तथा वकिल रतन की सुरक्षा के लिए भी गार्ड लगाने तथा फरार हमलावरो की शिघ्र गिरफतारी का आश्वासन दिया।