शुक्रवार, 14 सितंबर 2018

राष्ट्र को एक सूत्र में बांधती है भाषा: श्यामसुन्दर जोशी

खबर - पंकज पोरवाल 
जिला साहित्यकार परिषद ने किया सात साहित्यकारों का सम्मान
हिन्दी दिवस पर ‘अटलजी’ के चित्रों की प्रदर्शनी लगाई
भीलवाड़ा । किसी भी राष्ट्र, प्रदेश, समाज व समुदाय को एक सूत्र में बांधने का काम भाषा ही करती है। यह बात शुक्रवार को सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के सेवानिवृत्त सहायक निदेशक श्यामसुन्दर जोशी ने जिला साहित्यकार परिषद द्वारा हिन्दी दिवस पर सिन्धुनगर स्थित संत कंवरराम धर्मशाला में आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि पद से सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज जहां विदेशों में हिन्दी का प्रचार प्रसार बढ़ा है वहीं भारत में राष्ट्रभाषा हिन्दी को पूरा सम्मान नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में आज भी क्षेत्रीय भाषाओं का बोलबाला है। जोशी ने कहा कि संचार क्रांति के इस युग में कम्प्यूटर पर भी अधिक से अधिक हिन्दी का प्रयोग होने लगा है। समारोह के अध्यक्ष व संस्थाध्यक्ष दयाराम मेठानी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि जिला साहित्यकार परिषद विगत 12 वर्षों से साहित्य के क्षेत्र में कार्यरत है। उन्होंने कहा कि अब तक 100 से अधि साहित्यकारों एवं 25 से अधिक प्रतिभाओं को परिषद द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। मेठानी ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी की जीवन चरित्र पर आधारित संस्मरण भी सुनाए। समारोह के विशिष्ट अतिथि डाॅ. कैलाश पारीक ने हिन्दी दिवस पर किये जा रहे आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि जिस राष्ट्र की स्वयं की भाषा होती है वो उन्नत राष्ट्र कहलाता है। उन्होंने देश की आजादी के साथ ही हिन्दी भाषा के समर्थन एवं विरोध के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अत्यधिक विरोध के चलते अंग्रेजी को सहराजभाषा का पद देना पड़ा। आज भी अंग्रेजी के कारण भारतीय गणतंत्र पर हिन्दी पूरी तरह स्थापित नहीं हो सकी है।  अटलजी के चित्रों की प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केन्द्र पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न स्व. अटलबिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा किया गया। प्रदर्शनी में 2 हजार से अधिक चित्रों का समावेश किया गया। साथ ही अटलजी के जीवन पर आधारित 26 पुस्तकों का प्रदर्शन भी किया गया। प्रदर्शनी में अटलजी के जीवन से अन्तिम यात्रा तक के चित्रों का प्रदर्शन किया गया जिसको देख सभी काव्य प्रेमी प्रशंसा किये बगैर रह नहीं सके। प्रदर्शनी के आयोजक एवं वरिष्ठ साहित्यकार गुलाब मीरचन्दानी का जिला साहित्यकार परिषद के सचिव द्वारा नकद पुरस्कार देकर अभिनन्दन किया गया। मीरचन्दानी ने यह संकलन पिछले सप्ताह भर की मेहनत के बाद किया।

7 साहित्यकारों का सम्मान

 जिला साहित्यकार परिषद द्वारा इस अवसर पर साहित्य एवं काव्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ सेवाएं देने वाले सात साहित्यकारों जिनमें श्रीमती कृष्णा माहेश्वरी, श्रीमती पुनीता भारद्वाज, श्रीमती शकुन्तला अग्रवाल, महेन्द्र कुमार शर्मा, ओम उज्जवल, श्यामसुन्दर सुमन व चिरंजीलाल टांक देशप्रेमी का शाॅल, दुपट्टा, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर अतिथियों द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन महासचिव राधेश्याम शर्मा ने किया।

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