खबर - प्रशांत गौड़
जयपुर। नगर निगम जयपुर में मंगलवार को एक नया इतिहास रच दिया जब भाजपा के बागी उम्मीदवार विष्णु लाटा ने बीजेपी के बोर्ड में भारी बहुमत के बाद भाजपा प्रत्याशी मनोज भारद्वाज को कड़े मुकाबल में हराकर जयपुर मेयर बने। मनोज भारद्वाज महज एक वोट से हार गए। बीजेपी में इस हार के बाद पांव के नीचे की जमीन खिसक गई है। पार्षदों में इतना असंतोष होने के बावजूद पार्टी अपनी जीत के दावं कैसे करती रही। मेयर बनने के बाद विष्णु लाटा ने सबका धन्यवाद देते हुए कहा कि जयपुर का विकास, सफाई पर उनका फोकस होगा।
विष्णु लाटा ने बीजेपी संगठन को पहले ही दो टूक कह दिया था कि वह मनोज भारद्वाज के बीजेपी प्रत्याशी होने पर उनका समर्थन नहीं करेंगे। लाटा ने करीब 48 घंटे तक सभी उन भाजपा पार्षदों से संपर्क साधा जो बीजेपी का बोर्ड आने के बाद सही महत्व नहीं मिलने से खफा था। ऐसे में उन असंतुष्टों पार्षदो के वोट के बाद विष्णु लाटा ने बड़ी जीत दर्ज करा ली। ऐसे में करीब 20 भाजपा पार्षदों के खिलाफ वोट हुए जिससे लाटा की जीत आसान हुई। वैसे यह अजीब तालमेल दिखा कि सांगानेर से जयपुर के मेयर के बाद एक विधायक दिया तो उसी क्षेत्र से नया महापौर भी मिल गया।
सांगानेर से चुनाव के लिए मांगा था टिकट
विष्णु लाटा सांगानेर के दिग्गज ब्राह्मण नेता है। वह पहले सरपंच रह चुके है। उन्होंने वार्ड 42 से पार्षद का चुनाव जीता था जिसके बाद उनको लाईसेंस कमेटी का चेयरमैन बनाया गया जिसके बाद उन्होंने लगातार सांगानेर में काम किया। उन्होंने अपने वार्ड सेबाहर जाकर भी लोगों के काम कराए। सांगानेर से बीजेपी विधायक घनश्याम तिवाडी केबागी होने के बाद प्रबल संभावना था कि विष्णु लाटा को बीजेपी सांगानेर में विधायक प्रत्याशी बना सकती है लेकिन अंत समय में बीजेपी ने अशोक लाहोटी को उम्मीदवार बनाया तब विष्णु लाटा को आश्वस्त किया गया था कि उनको मेयर का टिकट लड़ाया जाएगा यहां तक कि अशोक लाहोटी ने उनसे चुनाव में पूरा सहयोग के लिए मेयर की लड़ाई में उनके साथ देने का वादा किया था। अब मेयर पद नहीं मिलने पर लाटा नाराज थे।
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