खबर - प्रशांत गौड़
-मोदी सरकार पार्ट -2 में बने मंत्री
-अर्जुनराम मेघवाल को मिला मंत्री पद
-बाड़मेर से सांसद कैलाश चौधरी भी बने मंत्री
जयपुर। प्रदेश में केन्द्र की बीजेपी सरकार की झोली में जीतकर 25 सीट देने वाले राजस्थान से तीन सांसदों को एक बार फिर मंत्री पद का ताज मिला है। इसमें जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहजिला क्षेत्र से उनके पुत्र वैभव गहलोत को सांसद चुनाव में हराकर फिर चुनाव जीतने वाले गजेन्द्र सिंह शेखावत को केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है माना जा रहा है कि उनको पहले से भी अधिक महत्वपूर्ण मंत्रालय मिल सकता है। वहीं अर्जुनराम मेघावल और कैलाश चौधरी को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है।
इस बार जोधपुर में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत और केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का लोकसभा चुनाव के दौरान कांटे का मुकाबला था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकांश सभाएं जोधपुर जिले में की। वहीं कांग्रेस की हॉट सीट यह बनी रही। इसी सीट पर प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्रा मोदी ने कहा था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने पुत्र को बचाने के लिए गली-गली वोट मांगते घूम रहे है। कांग्रेस को इस सीट पर जीत की पूरी आस थी लेकिन आरएसएस समर्थक और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बेहद नजदीक माने जाने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस सीट से लगातार दूसरी बार बड़ी जीत हासिल की। जिसका तोहफा भी उनको मिला है। वहीं यह मैसेज भी मोदी सरकार ने दिया है कि जोधपुर की जनता की ओर से दी गई विजय के बाद सरकार ने इस जिले से केन्द को केबिनेट मंत्री देकर विकास की राह को भी जिलेवासियों के लिए खोला है।
वहीं अर्जुनराम मेघवाल बीकानेर सीट से बीजेपी की टिकट पर सांसद चुने गए हैं। सांसद अर्जुन राम मेघवाल अपनी जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और पगड़ी बांधकर साइकिल पर सवार होकर संसद में जाने वाले नेताओं में से एक हैं। राजनीति में शामिल होने के लिए मेघवाल ने आईएएस से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और लोकसभा चुनाव 2009 में बीकानेर लोकसभा सीट से पहली बार वे बीजेपी की टिकट पर सांसद चुने गए। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2014 में उन्हें 16वीं लोकसभा के लिए बीकानेर सीट से फिर जीत मिली। अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान वे लोकसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक रहे। लोकसभा के अध्यक्ष ने भी उन्हें लोक समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया। मेघवाल को साल 2016 में वित्त राज्य मंत्री बनाया गया था। जिसके बाद जल संसाधन राज्य मंत्री के रूप में भी उनका कार्यकाल रहा तो अब माना जा रहा है कि उनको राज्यमंत्री का स्वतंत्र प्रभार मिल सकता है तो बाड़मेर से बीजेपी से कांग्रसे में शामिल हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र मानवेन्द्र सिंह को हराने वाले सांसद कैलाश चौधरी को मंत्रीमंडल में जगह मिली है। माना यह भी जा रहा है कि इसके जरिए सरकार ने मैसेज देने की कोशिश की है कि पाकिस्तान से जुड़ी सीमावर्ती इलाकों पर विकास का सरकार का बड़ा फोकस है।
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