शुक्रवार, 7 अगस्त 2020

ऊब छठ का व्रत कब और क्यों करना चाहिए ?


*भाद्र पद महीने की कृष्ण पक्ष की छठ 09:08:2020 वार:-रविवार
ऊब छठ का व्रत और पूजा विवाहित स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए तथा कुंआरी लड़कियां अच्छे पति की कामना के लिये करती है। भाद्र पद महीने की कृष्ण पक्ष की छठ (षष्टी तिथि) ऊब छठ होती है। ऊब छठ को चन्दन षष्टी , चन्ना छठ  और चाँद छठ के नाम से भी जाना जाता है।
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भाद्र पद महीने की कृष्ण पक्ष की छठ को ऊब छठ ‘चंदन षष्ठी’ के रूप में धूमधाम से मनाया जाएगा। शाम ढलने के बाद व्रत रखने वाली महिलाए और कुंआरी लड़कियां ने मंदिरों में ठाकुरजी के दर्शन के साथ, परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करेंगी । महिलाए रात्रि में चंद्रोदय के बाद, अध्र्य देकर पूजा करने के बाद व्रत का पालना करेंगी।
💠ऊब छठ का व्रत रखने वाली महिलाए और कुंआरी लड़कियां सूर्यास्त के बाद से चंद्रोदय तक खड़े रहकर पौराणिक कथाओं का श्रवण करेंगी। साथ ही मंदिरों में ठाकुरजी के दर्शन कर पूजा अर्चना की जाएगी!
✴️✴️🕉️ऊब छठ क्यो कहते है🕉️✴️✴️
ऊब छठ के दिन मंदिर में भगवान की पूजा की जाती है। चाँद निकलने पर चाँद को अर्ध्य दिया जाता है। उसके बाद ही व्रत खोला जाता है। सूर्यास्त के बाद से लेकर चाँद के उदय होने तक खड़े रहते है। इसीलिए इसको ऊब छठ कहते है।
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पंडित :- भानुप्रकाश शर्मा
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महाकाल ज्योतिष, जड़ाऊ मेड़ता, नागौर(राज.)

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