सोमवार, 22 जनवरी 2024

एक दशक बाद फिर से बनेगी प्रदेश में युवा नीति !


गृहरक्षा मंत्री खराड़ी व यूडीएच मंत्री खर्रा ने कहा जो ड्राफ्ट तैयार होगा, उसे शामिल करते हुए बनवाएंगे युवा नीति

डूंडलोद. 21 जनवरी। प्रदेश में करीब एक दशक बाद जमाने के साथ और समय की मांग की अनुरूप युवा नीति बनने की आस जगी है। दरअसल डूंडलोद पब्लिक स्कूल में राजस्थान युवा बोर्ड, युवा साथी संगठन तथा डूंडलोद शिक्षण संस्थान डूंडलोद के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय यूथ कॉनक्लेव अरूणिमा-2024 के समापन पर पहुंचे आदिवासी क्षेत्रीय विकास व गृह रक्षा मंत्री बाबूलाल खराड़ी तथा यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने इस बात को लेकर युवाआंें को आश्वस्त किया है कि जो तीन दिन के यूथ कॉनक्लेव अरूणिमा-2024 में बिंदू सामने आए है। उन्हें शामिल करते हुए प्रदेश की नई युवा नीति बनाने के लिए वे मुख्यमंत्री से बात करेंगे। इससे पहले दोनों ही मंत्रियों का डूंडलोद पब्लिक स्कूल पहुंचने पर यूथ कॉनक्लेव अरूणिमा-2024 के संयोजक बीएल रणवां ने स्वागत किया। खराड़ी और खर्रा के साथ पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया, भाजपा नेता विश्वंभर पूनियां, निषित चौधरी बबलू, द्रोणाचार्य अवार्डी सागरमल धायल, भाजपा जिला उपाध्यक्ष इंजीनियर प्यारेलाल ढूकिया आदि ने स्कूल में लगाई गई राम जन्म से लेकर राजतिलक तक की प्रदर्शनी के अलावा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, जलियावाला बाग, देश के महापुरूषों की प्रदर्शनी देखी। वहीं नन्हें मुन्ने बच्चों द्वारा प्रदर्शित राजस्थानी संस्कृति, परंपरा और तीज त्यौहार से जुड़ी सजीव झांकी भी देखी। इस मौके पर अतिथियों ने यूथ कॉनक्लेव अरूणिमा-2024 के संभागियों के अलावा समाज में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले युवाओं का भी सम्मान किया। समापन कार्यक्रम के आरंभ में यूथ कॉनक्लेव अरूणिमा-2024 के सचिव एवं युवा साथी संगठन के अध्यक्ष मनु कम्बोज ने तीन दिन तक चले कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। संचालन नेशनल यूथ अवार्डी सुदेश पूनियां व सीए अजय अग्रवाल ने किया। इस मौके पर स्कूल निदेशक सुलतान सिंह रणवां, रामकुमार सिंह रणवां, प्रिंसिपल जी. प्रकाश, सुभाषचंद्र डीपीएस झुंझुनूं, अनुराग आर्य, पूर्व सरपंच रवि कैरू, केके जानूं, विष्णुकांत रूंथला, राकेश जाखड़ गुढ़ागौड़जी, डॉ. संदीप काजला, आरएसएस के जिला प्रचारक अक्षय कुमार, आरएसएस के जिला कार्यवाह योगेंद्र सिंह, शिक्षाविद एवं आरएसएस के जिला संपर्क प्रमुख डॉ. गुलजारीलाल कालेर, स्नेहा कम्बोज, पूर्व पार्षद सुनिल पूनियां, धनंजय, नेशनल यूथ अवार्डी हंसराज, अभिषेक मिश्रा आदि मौजूद थे। अंत में स्कूल सचिव बीएल रणवां ने आभार जताया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। 


मंत्रियों ने दिया संदेश, युवा संस्कारवान भी बनें

समापन कार्यक्रम में दोनों ही मंत्रियों ने युवाओं को संबोधित करते हुए उन्हें संस्कारवान बनने का आह्वान किया। केबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि युवा ही हमारे देश का भविष्य है। युवाओं के लिए नीति निर्धारण जरूरी है। युवाओं को ठीक दिशा मिलनी चाहिए। हमारा देश विश्व गुरू तभी बनेगा। जब हमारा युवा संस्कारवान, शिक्षित और निष्ठावान बनेगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को ठीक दिशा में ले जाना सभी की जिम्मेदारी बनती है। वहीं यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने युवाओं से आह्वान किया वे भारतीय सभ्यता और संस्कृति को ना भूलें। भूतकाल, वर्तमान और भविष्य, तीनों का अच्छे से अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो अच्छे काम किए। उनको जीवन में उतारे। उनके कार्यों में कोई कमी या खामी रही तो उन्हें कोसे नहीं। बल्कि उन्हें वर्तमान में मंथन, चिंतन और कमियों को ढूंढकर दूर करें। साथ ही भविष्य के लिए ये ध्यान रखें कि हम आने वाली पीढी को अच्छे संस्कार दें। सद्शिक्षा दें। सदसंस्कार दें। ताकि वो राष्ट्र को आगे ले जा सके। उन्होंने कहा कि हम युवा शक्ति के दम पर ही 2047 में सबल, सफल, शक्तिशाली, विकसित और सामाजिक समरसता वाले राष्ट्र बनेंगे। 


सभागार में गूंजे जय श्री राम के नारे

यूथ कॉनक्लेव अरूणिमा-2024 में उस समय सभागार जय श्री राम के नारे गूंज उठे। जब स्कूल के विद्यार्थियों ने भगवान श्रीराम से जुड़े भजनों पर प्रस्तुतियां दे रहे थे। जय श्री राम, जय श्री राम, राजाराम... गाने से शुरूआत हुई इस प्रस्तुति के आते ही सभागार में मौजूद सभी लोग हर्षित हो गए। लेकिन जब यह प्रस्तुति आगे बढी और मेरे घर श्रीराम आए है... तक पहुंची तो मौजूद संभागी खड़े हो गए और तालियों की ताल के साथ स्कूली बच्चों का उत्साहवर्धन किया। यही नहीं हरे राम, हरे राम भजन की लाइन्स आई तो जबरदस्त तालियों और जय श्री राम से पूरा सभागार गूंज उठा। इस प्रस्तुति ने सभी मौजूद संभागियों, अतिथियों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के दिल को छू लिया। 


बी.एल. रणवा ने दिया नया नारा, अपना भारत, सबका भारत, समृद्ध भारत, विकसित भारत

इस मौके पर तीन दिन तक चले यूथ कॉनक्लेव अरूणिमा-2024 के बारे में जानकारी देते हुए इसके संयोजक और डूंडलोद शिक्षण संस्थान के सचिव शिक्षाविद् बीएल रणवां ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान युवाओं ने मिलकर राजस्थान के हर युवा तक एक संदेश पहुंचाने का संकल्प लिया है। साथ ही एक नारा भी तैयार किया है। जिसे हर युवा तक किसी ना किसी माध्यम से पहुंचाया जाएगा। यह नारा है अपना भारत, सबका भारत, समृद्ध भारत और विकसित भारत। रणवां ने बताया कि इस नारे के जरिए युवा देश में अपनत्व, संस्कार, समृद्धि और विकास को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेंगे। इसके अलावा राजस्थान के पहले परमवीर चक्र प्राप्त मेजर पीरूसिंह की स्मृति में हर साल मेले का आयोजन करवाने का निवेदन भी सरकार को भेजा जाएगा।


अशोक कम्बोज को 19 फरवरी के दिन करेंगे याद

यूथ कॉनक्लेव अरूणिमा-2024 में आए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवकों से चर्चा करने के बाद यह भी निर्णय लिया गया है कि आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक रहे अशोक कम्बोज की स्मृति को चिर स्थायी बनाने के लिए 19 फरवरी को उनकी याद में रक्तदान शिविर का आयोजन झुंझुनूं में किया जाएगा। वहीं उनके जीवन पर लिखित पुस्तक अशोक कम्बोज स्मृतियों का लोकार्पण भी झुंझुनूं में होगा। डूंडलोद शिक्षण संस्थान के सचिव बीएल रणवां ने बताया कि अशोक कम्बोज मूल रूप से हनुमानगढ़ के रहने वाले थे। वे 17 साल तक आरएसएस में प्रचारक रहे। इनमें से 14 साल तक वे शेखावटी में एक प्रचारक के रूप में राष्ट्र भावना का प्रचार प्रसार करते रहे। ऐसे में उनकी यादें झुंझुनूं से जुड़ी हुई है। इसलिए उन्हें 19 फरवरी को झुंझुनूं में याद किया जाएगा। 


सात दिन में बन जाएगा ड्राफ्ट, फॉलो करेंगे ताकि युवा नीति बन सके

युवा साथी संगठन के अध्यक्ष व यूथ कॉनक्लेव अरूणिमा-2024 के आयोजन सचिव मनु कम्बोज ने बताया कि तीन दिन तक चले कार्यक्रम में देशभर के दो दर्जन से अधिक विशिष्टजनों ने आकर युवाओं को अपना संबोधन दिया। साथ ही युवाओं से संवाद कर उनके मन को जाना। उनकी आवश्यकताओं को टटोला। उन्होंने बताया कि सभी संभागी युवाओं से युवा नीति को लेकर सुझाव लिए गए है। इसके अलावा करीब 100 से ज्यादा सुझाव ऑनलाइन भी प्राप्त हुए है। इन सभी सुझावों का ड्राफ्ट तैयार कर राजस्थान युवा बोर्ड के जरिए सरकार तक भिजवाया जाएगा। हम कोशिश कर रहे है कि सात से दस दिनों में ये ड्राफ्ट सरकार तक पहुंचा दे। इसके बाद इस बात का भी लगातार फॉलोअप किया जाएगा कि प्रदेश सरकार युवा नीति जारी करे। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि एक निश्चित अंतराल के बाद युवा नीति में संशोधन होते रहे। उन्होंने बताया कि अंतिम युवा नीति 2013 में बनी थी। दस सालों में ड्राफ्ट तो कई बार तैयार हुए। लेकिन ना तो नई युवा नीति बनी और ना ही पुरानी नीति में कुछ संशोधन हुए। जो एक तरह से युवाओं के भविष्य के लिए सही नहीं कहा जा सकता।


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