चित्तौड़ जिले की ग्राम पंचायत रावडदा के गांवों के लिए स्वीकृत हुए 775 लाख रुपए
चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ जिले की पंचायत समिति बेगूं की ग्राम पंचायत रावडदा के आसपास के गांवों में गर्मियों में पर्याप्त मात्रा में पेयजल जुटाना मुश्किल हो रहा है। सूखाग्रस्त क्षेत्र होने के कारण ज्यादातर हैंडपंप और नलकूप भी जवाब देने लगे हैं। ऎसे में जलदाय मंत्री की सर्वोच्च समिति की स्वीकृति के बाद प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में गठित वित्तीय समिति ने 774.88 लाख रुपए की योजना की स्वीकृति दे दी है। इन सभी गांवों को चम्बल-भीलवाड़ा परियोजना से जोड़कर पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। जलदाय विभाग ने सभी गांवों और मजरों की 2032 की अभिकल्पित आबादी को मानकर पेयजल की समस्या के स्थायी समाधान के लिए इस क्षेत्र को चम्बल-भीलवाड़ा परियोजना से जोड़ने के लिए 774.88 लाख रुपए की योजना को स्वीकृति दे दी है। इससे लगभग 6 हजार से ज्यादा ग्रामवासी शुद्ध जल का उपभोग कर सकेंगे। क्षेत्र के रावडदा, उमर, धारला, मेनाल तथा गोपालपुरा और खोखराढाणी, लाम्बीबेलडी, प्रेमनगर तथा हरी बडलिया जैसे कई मजरे सूखा ग्रस्त होने से पर्याप्त पेयजल की सुविधा से वंचित हैं। हालांकि सभी गांवों और मजरों में विभाग द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाया जाता है लेकिन कोई स्थाई समाधान नहीं मिल पा रहा था। क्षेत्र के पास में धारला में जोगणिया माता का प्रसिद्ध मंदिर होने से यहां प्रतिदिन काफी संख्या में दर्शनार्थी भी आते हैं। उक्त योजना की स्वीकृति के लिए चम्बल-भीलवाडा प्रोजेक्ट के आरोली फिल्टर प्लान्ट से आवश्यक 3 लाख लीटर स्वच्छ जल प्रतिदिन प्राप्त कर, पम्प स्थापित कर, उक्त जल को 14 किलोमीटर डीआई पाइप लाइन के माध्यम से जोगणिया माता में प्रस्तावित 250 किलोलीटर क्षमता के उच्च जलाशय तक पहुंचाया जाएगा। यहां से 15 किलोमीटर लोहे की पाइप लाइन के माध्यम से सभी गांवों में प्रस्तावित 11 भूतल जलाशयों को भरकर रावडदा ग्राम पंचायत के सभी गांवों की पेयजल समस्या का स्थायी समाधान हो सकेगा। उक्त योजना के क्रियान्वयन से सभी ग्रामवासियों तथा जोगणिया माता शक्तिपीठ में प्रतिदिन आने वाले दर्शनार्थियों के लिए लम्बे समय से चली आ रही शुद्ध पेयजल की मांग का स्थाई समाधान होगा।
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