शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

गांधीवादी दर्शन के यहां पांच नेता , सादगी ही बना जीवन की मिसाल

खबर - प्रशांत गौड़ 
जयपुर-। प्रदेश की विधानसभा में चुनकर आए पांच ऐसे विधायक है जिनके जीवन पर गांधीवादी दर्शनकी पूरी झलक दिखती है। इनका जीवन गांधीवादी विचारधारा से पूरी तरह ओतप्रोत रहा है। इसमें पूर्व मु यमंत्री अशोक गहलोत के जीवन पर तो युवा पीढ़ी से छाप ही गांधीवादी चिंतन की रही है। सुब्बाराव के कैंप को ज्वाइन करने के साथ जोधपुर में उन्होंने गांधीवादी साहित्य का भरपूर अध्ययन है शायद यही कारण रहा कि गहलोत की लाइफस्टाइल में सादगी सबसे बड़ा गुण दिखता है तो कांग्रेस के कार्यकर्ता और उनके शुभचिंतक उनको राजस्थान का गांधी कहते आए है। 
अशोक गहलोत 
अशोक गहलोतको राजनीति का जादुगर कहा जाता रहा है तो मारवाड़ के गांधी के रूप में भी आम अवाम और कार्यकर्ताओं में चर्चित है।गहलोत गांधीवादी सुब्बाराव, महात्मा गांधी की जीवनी से बेहद प्रभावित रहे है। इस कारण उनका जीवन बचपन से ही सादगी मेंकटा। बड़े होने के बाद नौकरीके लिए संघर्ष करने वाले अशोक गहलोत अपना छोटा व्यवसाय भी नहीं चला पाए। एक छोटे से घर से निकले और आम कार्यकर्ता से मु यमंत्री पद तक पहुंचे गहलोत को हमेशा सादगी के लिए जाना जाता रहा है। उनकी लाइफ स्टाइल रहनसहन भी सादा रहा है। पजामा-कुर्ता, काला कोट और एक मफलर उनकी पहचान रहा है। उनसे मु यमंत्री जब थे तब भी उनसे कोईकार्यकर्ता आसानी से मिल सकता थी यही बात उनको दूसरी मु यमंत्री से अलग करती है।

1.बी डी कल्ला
 बीकानेर की राजनीति में अपना खास स्थान रखने वाले बी डी कल्ला बेहद सरल व्यक्तित्व के धनी है। उनकी जीवन भी सादगी से भरा है। हर समय कल्ला को अब आप  कुर्ता, पजामा, खादी कोट में देखा जा सकता है।कार्यकर्ता आम कार्यकर्ताओं के बीच घुल-मिल जाते है तो उनसे मिलना भी सहज आसान है। बी डी कल्ला शिक्षामंत्री रहने के साथ विभिन्न पदो पर अपनी सेवाएं दे चुके है।कांग्रेस में बीकानेर की राजनीति में इनको गांधीवादी दर्शन से इनके जीवन को जोड़कर देखा जाता है।
2. सी पी जोशी
सीपी जोशी का पूरा परिवार ही अपनी सादगी के लिए जाना जाता है। सी पी जोशी उदयपुर की राजनीति में उनके परिवार की चर्चाएं इसी कारण रही है। उच्चकुलीन वर्ग से आने के बावजूद उनका सादगी से रहना लोगों में चर्चा का विषय रहता है। सीपी जोशी इस क्षेत्र में खासा असर है। उस संभाग में इनकी शैली, जीवनऔर सादगी को गांधीवादी दर्शन से ही जोड़कर देखा जाता है।
3. राजकुमार शर्मा
राजकुमार शर्मा का नवलगढ की राजनीति में अपना व्यापक प्रभाव रखते है। राजकुमार  उनके कार्यकर्ताओं के बीच आसानी से घुल मिल जाने के कारण लोगों में बेहद चर्चित है। शायद यही कारण रहा कि राजकुमार शर्मा की लोकप्रियता के कारण निर्दलीय भी भारी मतो से जीते तो अब कांग्रेस का टिकट मिलने के बाद आसान जीत दर्ज की । राजकुमार शर्मा साधारण गोठ और कार्यक्रमों में लोगों के बीच बैठकर पंगत प्रसादी लेते है उनके यही सादगी के गुण कार्यकर्ताओं के बीच चर्चित करते है।

 4.संयम लोढ़ा
कांग्रेस के धुंरधर नेता और शब्दो के धनी, बेहद कुशल वक्ता के रूप में पहचान बना चुके संयम लोढ़ा का जीवन भी गांधीवादी दर्शन से जुड़ा हुआ रहा है। संयम लोढ़ा को भी अपने क्षेत्र में उनकी सादगी के लिए जाना जाता रहा है। वह एक बेहद सादगी पूर्ण जीवन जीते है। उनका उस क्षेत्र में खास दबदबा है।
5.दीपेन्द्र सिंह शेखावत 
दीपेन्द्र सिंह शेखावत कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष रहे है। पूर्वगहलोत सरकार के समय इनकी सादगी और लोगों के बीच मिलनसारिता के कारण इनको जाना जाता रहा है। दीपेन्द्र सिंह की लाइफस्टाइल बहुत सिंपल रही है। विधानसभा अध्यक्ष में जब वह रहे तो उनकी हर सदस्य से बोलने की कला, शांतिपूर्ण व्यक्तित्व चर्चित रहा।

Share This