बुधवार, 1 जनवरी 2020

आपका दावा मजबूत हो तो दुनिया के तमाम संसाधन आपके लिए

खबर - जितेश सोनी 
चूरू। जिला मुख्यालय स्थित राजकीय गोयन्का उमावि में चल रहे राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय शिविर बुधवार को संपन्न हुआ। 
इस दौरान संस्था प्रधान कासम अली की अध्यक्षता में आयोजित समापन समारोह के मुख्य अतिथि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक व युवा लेखक कुमार अजय ने कहा कि युवावस्था में व्यक्ति के मन में इतनी ताकत होती है कि वह जो भी मन में ठान ले, कर सकता है। जरूरत इस बात की है कि पूरी एकाग्रता और समर्पण के साथ प्रयास किए जाएं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें अपने मन की और हक की बात कहनी आनी चाहिए। यदि वे अपने हक की बात कह ही नहीं पाएंगे तो फिर दूसरे लोग उनकी क्षमता और योग्यताओं का लाभ उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि युवावस्था में प्रत्येक तरह के भटकाव के अनेक अवसर हैं, हमें सही और गलत का निर्णय करने का विवेक अपने भीतर विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे परिवेश के बच्चों के सामने संसाधनों का अभाव एक चुनौती होता है लेकिन यदि आप प्रमाणिकता और अधिकार के साथ अपना दावा पेश कर सकेंगे तो कोई भी व्यक्ति आपको संसाधन देने में खुशी महसूस करेगा। दुनिया के तमाम संसाधन आपके ही लिए हैं, यदि आप उनके लिए अपना अधिकार और अपनी जरूरत प्रमाणिकता के साथ प्रस्तुत कर सकें। अपने जीवन के अनुभव और संघर्ष साझा करते हुए अजय ने विद्र्याथियों से कहा कि वे अपने मन-मस्तिष्क को बांटने वाले और मानव-मानव के बीच खाई पैदा करने वाले विचारों से व व्यक्तियों से दूर रखें। दिमाग को खुला रखें और धर्म, जाति, भाषा, रंग  और क्षेत्र के आधार पर किसी प्रकार का भेद नहीं करें। यदि हम किसी व्यक्ति की पहचान उसके आचरण की बजाय धर्म, जाति, भाषा और रंग के भेद को दिमाग में रखकर करते हैं तो हम खुद ही इंसान कहलाने के काबिल लोग नहीं हैं।
प्रधानाचार्य कासम अली ने बच्चों को प्रेरक बातें बताईं। शिविर प्रभारी शीशराम कालेर ने सात दिन का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जीवन सैनी, सुलोचना सिहाग आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। कोमल जांगिड़, चंचल सोनी, गौरी आदि विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। एनएसएस स्वयंसेविकाओं व स्वयंसेवकों को अतिथियों ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर हेमंत वर्मा, हरिओम शर्मा, कृष्ण कांत शर्मा, कुलदीप राव, नंदराम हुड्डा, सत्यनारायण शर्मा आदि उपस्थित थे। संचालन हरिओम शर्मा ने किया।

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