रविवार, 6 सितंबर 2020

11 लाख शिक्षकों के लिए पहली बार आया बेरोजगार शिक्षक दिवस ।


जिन्होंने फैलाया शिक्षा का उजियारा उनके ही जीवन में छाया अंधेरा ।
निजी स्कूलों के शिक्षकों को 6 महीने से नहीं मिला  वेतन ।
नवलगढ़ -  सर्वपल्ली राधकृष्णन जी के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप  में मनाया जाता है ,इस वर्ष यह शिक्षक दिवस उन सभी शिक्षकों के लिए निराशाजनक रहा जो शिक्षक समाज के अंदर शिक्षा का उजियारा फैलाते हैं, आज उनका ही जीवन अंधेरे में है कोविड-19 के तहत जहां संपूर्ण राष्ट्र में स्कूल  बंद पड़ी हैं वहीं निजी स्कूलों में कार्यरत लगभग 11 लाख शिक्षक 6 महीने से अपने घरों में हैं और सरकार ने किसी प्रकार की कोई सुध इस वैश्विक महामारी के दौरान नहीं ली ।
बहुत ही शर्मनाक और चिंतनीय बिंदु है कि समाज में अपनी एक अहम भूमिका निभाने वाला शिक्षक वर्ग जो भविष्य निर्माता है क्या सरकार के पास इस वर्ग के लिए किसी प्रकार की कोई राहत देने का प्रावधान नहीं है?
 निजी शिक्षकों के साथ ही ऐसी अनदेखी क्यों की गई जहां प्रत्येक वर्ग को कोई ना कोई सहायता सरकार के द्वारा प्रदान की गई है, पता करना तो दूर की बात रही सरकार ने तो तुगलकी फरमान जारी कर फीस ना लेने की बात कह दी और उससे शिक्षकों का जीना और दूभर हो गया जहां सक्षम अभिभावक फीस जमा करवाते अब वह भी आनाकानी करने लगे है  ऐसे में और 11 लाख शिक्षकों के पीछे उनके परिवार के सदस्य भी हैं सरकार ने उनके बारे में एक पल भी नहीं सोचा कि उनके पीछे पेट पालने वाले उन परिवार जनों का क्या होगा ?
क्या समाज में शिक्षक का यही सम्मान है यही मान है इस मुश्किल परिस्थिति में यह कैसा सम्मान दिया ?
 आज के समाज में और  यह वही शिक्षक वर्ग है जो 8 से 10 घंटे मेहनत करके नियमित रूप से परिश्रम करते हुए राष्ट्र के भविष्य निर्माता है भावी पीढ़ी को तैयार करते हैं इसी के साथ साथ वह निजी स्कूल संचालक जो खुद एक कमरे में रहकर अपना जीवन गुजार रहे हैं और बच्चो के लिए स्कूल भवन खड़ा करता है ,स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी से अच्छी सुविधा मुहैया करा रहे हैं उनके साथ भी कुछ ऐसा ही चल रहा है ऐसे में यह शिक्षक दिवस उनके मान सम्मान को वापस लौट आने के लिए नवलगढ़ के निजी स्कूल संचालकों ने काली पट्टी बांधकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार को सांकेतिक विरोध दर्ज कराया है कि सरकार हमारी भी सुन ले हम भी एक समाज में महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं और हमारी जिम्मेदारी का निर्वाहन कर रहे हैं हम भी इस समाज का एक हिस्सा है उम्मीद है कि राज्य सरकार हमारी बात सुनेगी और हमें भी कोई राहत प्रदान करेगी। शिक्षक दिवस के इस पावन मौके पर शिक्षकों का खोया हुआ मान सम्मान उन्हें पुनः मिलेगा नवलगढ़ की विभिन्न शिक्षण संस्थाओं उनके संस्था संचालकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। विरोध जताने वालों में गायत्री स्कूल, विश्व भारती स्कूल, प्रेरणा स्कूल, बालभारती, टैगोर पब्लिक स्कूल, संस्कार स्कूल ड्रीम जोन, सागर पब्लिक स्कूल, बाल विद्या मंदिर, सरस्वती बाल निकेतन, विवेकानंद पब्लिक स्कूल, नवलगढ़ पब्लिक स्कूल, आनंद विद्या निकेतन सहित अनेक निजी स्कूल संचालकों ने अपना विरोध दर्ज करवाया संस्था संचालक अनिल शर्मा और कृष्ण कुमार दायमा ने यह जानकारी दी ।

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