बुधवार, 21 अक्तूबर 2020

पोदार संगठनों के संस्थापक की 146 वीं जयंती मनाई गई।


नवलगढ.
पोदार संगठनों के संस्थापक श्री आनन्दी लाल पोदार की 146 वीं जयंती के पोदार ट्रस्ट एवं अलायन्स क्लब इंटरनेशनल के संयुक्त तत्वाधान में पोदार सर्किल पर मनाई गई। इस मौके पर पोदार ट्रस्ट के अधिशाषी निदेशक श्री एम. डी. शानभाग, पोदार ट्रस्ट के सचिव एम. सी. मालू, अलायन्स क्लब के अध्यक्ष डॉ. दयाशंकर जॉगिड़, पोदार कॉलेज प्राचार्य डॉ. सत्येन्द्र सिंह, पोदार कॉलेज उप-प्राचार्य डॉ विनोद सैनी, पोदार बी. एड. कॉलेज प्राचार्या डॉ. दुर्गा भोजक, पोदार जी.पी.एस. प्राचार्य जीन सी. के., पोदार हिन्दी मिडियम प्राचार्य डॉ. मोहन सिंह, पोदार आई.टी.आई. प्राचार्य डॉ. श्याम सुन्दर बक्शी, पोदार एस. के. पी. टाइनी टोडलर प्राचार्या सुश्री प्रेमलता, समाजसेवी मोहनलाल जी चूड़ीवाल, फूलचन्द सैनी, जनाब जब्बार जी खोकर, कृष्णकान्त डीडवानिया, डॉ. अनिल शर्मा, डॉ. जगदीश प्रसाद कड़वासरा एवं समस्त पोदार शिक्षण संस्थाओं के स्टाफ सदस्यों ने आनन्दी लाल पोदार जी की प्रतिमा के समक्ष पुष्पाजंली अर्पित कर उन्हें याद किया। पोदार ट्रस्ट के अधिशाषी निदेशक श्री एम. डी. शानभाग एवं पोदार ट्रस्ट के सचिव एम. सी. मालू व अलायन्स क्लब के अध्यक्ष डॉ. दयाशंकर जॉगिड ने आनन्दी लाल पोदार जी के द्वारा लोकोपकारक कार्यो पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि 21 अक्टूबर सन् 1874 में नवलगढ़ में जन्में श्री आनन्दी लाल पोदार ने, पोदार परिवार की 31वीं पीढ़ी को सुशोभित किया। इनका बचपन बहुत ही कठिनाइयों में बीता। यहॉ से सर्विस करने के लिए आसाम चले गए। आसाम से सर्विस छोड़कर बम्बई गए। सन् 1893 में व्यापार जगत में कदम रखकर अपने नए कैरियर की शुरूआत कॉटन ट्रेड बम्बई की स्वयं स्थापना की व सन् 1907 में बम्बई कॉटन व्रॉकर्स संगठन के प्रथम अध्यक्ष बने। इन्हांने ईस्ट इंडिया कॉटन ट्रेडर्स एशोसियेशन बम्बई नामक संगठन में प्रमुख भूमिका निभाई तथा इसकी नीवं रखने व भूमि पूजन में सर पुरूषोŸाम दास ठाकुर के साथ मिलकर इस संस्था का शिला पूजन 1932 में किया। इन्होंने जापानी सहयोग से कॉटन मिल की स्थापना में रूचि दिखाई तथा जापान की संस्था मित्सुई के सहयोग से ”टोयो पोदार मिल्स“ की स्थापना सन् 1924 में की।



राष्ट्रपिता महात्मा गॉधी की प्रेरणा से सन् 1921 में ”तिलक स्वराज फंड” में 2,01,000 (दो लाख एक हजार) रूपयें का दान देकर राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र नवलगढ़ में आनन्दी लाल पोदार ट्रस्ट की स्थापना की तथा महात्मा गॉधी जी को प्रथम अध्यक्ष बनाया एवं महाराष्ट्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य किया। राजस्थान का शेखावाटी क्षेत्र उन दिनों शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ था यहॉ पर शिक्षालय की स्थापना करके शेखावाटी क्षेत्र को अग्रणी बनानें में अपनी अहम भूमिका निभाई। सन् 1923 मे जापान में आए भूकम्प में भूकम्प पीड़ितों की सहायता में बड़ी धनराशि भेजकर मानवता की सेवा का कार्य किया। डॉ. शिगियों अध्यक्ष, जापान-भारत व्यापार समिति द्वारा भी श्री आनन्दी लाल पोदार जी की मानवता की पवित्र भावना और मातृभूमि भारत के उत्थान में दिए गये योगदान की सराहना की गई।

सन् 1921 मं बम्बई में मारवाड़ी विद्यालय हाई स्कूल स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सांता क्रुज एजुकेशन सोसायटी, मुम्बई के प्रथम अध्यक्ष बनने के बाद सन् 1929 में सांता क्रुज मुम्बई में आनन्दी लाल पोदार स्कूल की स्थापना की। सन् 1925 में अखिल भारतीय अग्रवाल सभा के अध्यक्ष बने। इसके अलावा राजस्थान में जयपुर, नवलगढ़, भवानी मंडी और बम्बई में शिक्षालयों की स्थापना करके शिक्षा की कमी को दूर करने का पुनित कार्य किया।

सन् 1929 में ”साइमन कमीशन“ का विरोध करके राजनीति क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। तत्कालीन अंग्रेजी सरकार ने इनके कार्यों से प्रभावित होकर “रायबहादुर” व ”नाइट हुड“ जैसी उपाधियों (सम्मानों) से अलंकृत करने का निर्णय किया परन्तु एक राष्ट्रवादी विचारधारा के समर्थक होने के नाते इन्होंने विनम्रता पूर्वक दोनो ही सम्मान लेने से मना कर दिया। तत्कालीन झालावाड़ स्टेट राजस्थान ने इन्हें “व्यापार रत्न” व “तिजिमी सरदार” की उपाधि देकर सम्मानित किया।

श्री आनन्दीलाल पोदार को मुम्बई शहर में अनेक सड़कों का नामकरण इनके नाम पर करके सम्मानित किया गया है। ऐसे जनहित के कार्यो से प्रभावित होकर नवलगढ़ एवं मुम्बई के नागरिकों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर इनकी प्रतिमा को स्थापित करके अपने स्नेह को दर्शाया है। इन्होंने शिक्षा के क्षेत्र के अलावा धार्मिक क्षेत्र में रूचि दिखाकर इसी क्रम में सांता क्रुज मुम्बई में लक्ष्मी नारायण का मंदिर एवं जयपुर में राम मंदिर की स्थापना करके पुनित कार्य किया। श्री आनन्दी लाल जी पोदार द्वारा जो शिक्षा प्रचार-प्रसार के लिए शिक्षा रूपी वृक्ष रोपा गया उसको इनके पुत्र डॉ. रामनाथ ए. पोदार ने पल्लवित किया जो आज वट वृक्ष का रूप ले चुका है। अब वर्तमान में श्री कान्ति कुमार आर. पोदार ने अपने पूर्वजों द्वारा स्थापित की गई संस्थाओं को और अधिक विकसित किया जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण पोदार हवेली म्यूजियम जिसने देश मे ही नही अपितु दुनिया में नवलगढ़ को नई पहचान दिलाई इसके अलावा पोदार कॉलेज, पोदार बी. एड. कॉलेज, पोदार आई. टी. आई., पोदार इग्लिश मिडियम, पोदार हिन्दी मिडियम, पोदार एस. के. पी. टाइनी टोडलर प्ले स्कूल जैसी संस्थाएं प्रगति की ओर अग्रसर है। 

दी आनन्दीलाल पोदार ट्रस्ट के अधिशाषी निदेशक श्री एम. डी. शानभाग  के अनुसार ट्रस्ट के  वर्तमान चेयरमैन श्री कांतिकुमार आर पोदार पोदार कॉलेज नवलगढ का नवीनीकरण कर नवलगढ के विकास हेतु इस महाविद्यालय में नये रोजगारन्मुखी कोर्स लाने की तैयारी कर रहे है, इन कोर्सो के माध्यम से नवलगढ क्षैत्र के विद्यार्थीगण आसानी से रोजगार प्राप्त कर सकेगे जिससे नवलगढ का विकास सुचारू रूप से हो सकेंगा। 




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