शनिवार, 22 मई 2021

अब तक देश में 224 ऑक्सीजन एक्सप्रेस के द्वारा मिशन मोड में 884 टैंकरों में 14500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई

दिल्ली- भारतीय रेलवे मौजूदा चुनौतियों का सामना और नए उपायों की तलाश के साथ देश के विभिन्न राज्यों की मांग पर तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के अपने अभियान पर निरंतर काम कर रही है। भारतीय रेलवे अब तक देश के विभिन्न राज्यों को 884 टैंकरों में लगभग 14500 मीट्रिक टन चिकित्सा उपयोग हेतु तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर चुका है। इस अभियान के अंतर्गत अब तक 224 ऑक्सीजन एक्सप्रेस की यात्रा पूरी हो चुकी है और विभिन्न राज्यों को राहत पहुंचाई गई है। इस विज्ञप्ति के जारी होने के समय तक 8 ऑक्सीज़न एक्सप्रेस 35 टैंकरों में 563 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) लेकर निर्धारित राज्यों में पहुँचने के लिए अपने मार्ग पर चल रही हैं। अब ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में ऑक्सीज़न की दैनिक आपूर्ति 800 मीट्रिक टन से अधिक हो गई है। भारतीय रेलवे, राज्यों की मांग पर यथासंभव मात्रा और कम से कम समय में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है और इस पर लगातार काम कर रहा है।



ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा जिन 13 राज्यों में ऑक्सीज़न की आपूर्ति अब तक की गई हैं उनके नाम हैं: उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश।


इस विज्ञप्ति के जारी किए जाते समय तक महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3463 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 566 मीट्रिक टन, दिल्ली में 4278 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1698 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 943 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 769 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 571 मीट्रिक टन, पंजाब में 153 मीट्रिक टन, केरल में 246 मीट्रिक टन और तेलंगाना में 772 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा चुकी है।


रेलवे ने ऑक्सीज़न की आपूर्ति के लिए नए मार्गों को भी चिन्हित किया है और आपात स्थिति में राज्यों की तरफ से आने वाली किसी भी तरह की मांग को पूरा करने के लिए तैयार है। तरल चिकित्सा ऑक्सीज़न के लिए भारतीय रेलवे को टैंकर राज्य की तरफ से उपलब्ध कराये जाते हैं।


उल्लेखनीय है कि ऑक्सीज़न एक्सप्रेस की शुरुआत 28 दिन पहले 24 अप्रैल को हुई थी और पहली ऑक्सीज़न एक्सप्रेस 126 मीट्रिक टन ऑक्सीज़न के साथ महाराष्ट्र पहुंची थी।


भारतीय रेलवे की यह ऑक्सीज़न एक्सप्रेस ऑक्सीज़न की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इधर से उधर दौड़ रही हैं। पश्चिम में हापा, बड़ौदा और मुंद्रा से तो पूरब में राऊरकेला, दुर्गापुर, टाटानगर और अंगुल से ऑक्सीज़न लेकर उसकी आपूर्ति उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में सुव्यवस्थित योजनबद्ध ढंग से कर रही हैं।


ऑक्सीजन के रूप में सहायता की आपूर्ति यथासंभव शीघ्रता से करने के लिए भारतीय रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रहा है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्रथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। चालक दल बदलने जैसी तकनीकी आवश्यकताओं के लिए गाड़ी के ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।


मार्गों को लगातार खुला रखा जा रहा है और ऑक्सीज़न एक्सप्रेस के सुचारु परिचालन के लिए उच्च स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है।


यहा यह भी उल्‍लेखनीय है कि ऑक्सीज़न एक्सप्रेस के लिए किए गए इन प्रबंधों के साथ यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि अन्य मालगाड़ियों के परिचालन में किसी तरह का व्यवधान ना आए।


ऑक्सीज़न की ढुलाई एक जटिल प्रक्रिया है और ढुलाई से जुड़े आंकड़े लगातार अपडेट किए जा रहे हैं। कुछ और ऑक्सीजन एक्सप्रेस देर रात अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगी।


 भारतीय रेलवे ने देश में अब तक 224 ऑक्सीजन एक्सप्रेस के द्वारा मिशन मोड में 884 टैंकरों में 14500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की


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