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सात सौ वर्ष पुरानी पांचवा की बावड़ी भी होगी पुनर्जीवित

जिला कलक्टर ने किया मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान कार्यों का निरीक्षण
कुचामन/नागौर। जिले में बावड़ियों को पुनर्जीवित करने के लिए उठाए गए कदम के तहत कुचामनसिटी के समीपवर्ती गांव पांचवा की प्राचीन बावड़ी का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा। बुधवार को जिला कलक्टर  राजन विषाल ने इस बावड़ी का दौरा किया। उन्होंने कहा कि प्राचीन जल स्रोत के रूप में सबसे महत्वपूर्ण समझी जाने वाली इस तरह की बावड़ियों को सहेजने के लिए ग्रामीणों को भी आगे आकर सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लगभग 700 वर्ष पुरानी पांचवा की बावड़ी जिले की सबसे बड़ी व गहरी बावड़ियों में से है। महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत इस बावड़ी का ग्रामीणों के सहयोग से जीर्णोद्धार करवाया जाएगा। जिला कलक्टर ने मौके पर ही विकास अधिकारी को बावड़ी के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव भिजवाने के निर्देष दिए। वहीं पांचवा सरपंच ने विष्व पर्यावरण के दिवस पर 5 जून को ग्रामीणों द्धारा बावड़ी की सफाई के लिए श्रमदान की घोषणा की। जिला कलक्टर ने कहा कि ग्रामीणों की सहमति से बावड़ी के जीर्णोद्धार के बाद इसका नामकरण स्थानीय धार्मिक स्थल नीजरणा के बालाजी के नाम पर करना चाहिए ताकि बावड़ी के साथ लोगों की धार्मिक आस्था भी जुड़ सके। गौरतलब है कि नीजरणा का बालाजी मंदिर भी लगभग 600 से 700 वर्ष पुराना ही है। 
जिला कलक्टर ने कहा कि केवल नहीं परियोजना या जलदाय विभाग की परियोजनाओं से ही जल आत्मनिर्भर नहीं बना जा सकता। उन्होंने सम्पूर्ण जल आत्मनिर्भरता के लिए तालाब व बावड़ियों जैसे पारम्परिक जल स्रोतों के संरक्षण को सबसे महत्वपूर्ण बताया। ग्रामीणों से चर्चा के दौरान जिला कलक्टर ने कहा कि हमें बावड़ियों और प्राचीन कुओं का पानी मोटर से खींचे जाने को अनुचित बताते हुए कहा कि हमें इन पारम्परिक जल स्रोतों से जल का उतना ही दोहन करना चाहिए जितना यह वर्षा ऋतु में रिचार्ज होते हैं। उन्होंने कहा कि जल की आपूर्ति के साथ ही इन जल स्रोतों को हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सहेज कर रखना चाहिए। 
जल संरक्षण कार्यों का किया निरीक्षणः- जिला कलक्टर ने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत आस-पास के क्षेत्रों में चल रहे जल संरक्षण कार्यों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने नालोट गांव में लाभार्थी गिरधारी लाल मेघवाल के खेत में बन रहे फार्म पौण्ड की प्रगति का जायजा लिया। इसके बाद नजदीकी भींचरों का बास में एमजेएसए के तहत निर्माणाधीन नारायणराम व चंदी देवी के घरेलु टांकों के कार्य का निरीक्षण किया। मौके पर जिला कलक्टर ने अभियंताओं से सीमेंट और पाइपों की क्वालिटी की जानकारी भी ली।