खबर - जितेश सोनी
बूंटिया: जिले की बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत
‘‘बाल विवाह न करेंगे - न होने देंगे’’ की शपथ ली गई
चूरू। राजस्थान राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने कहा है कि बेटियां अपनी माताओं पर इतना बोझ नहीं है कि वे किसी भी उम्र में किसी भी उम्र के व्यक्ति से अपनी बेटियों की शादी कर अपनी जिम्मेदारी अदा करें। चतुर्वेदी बुधवार को चूरू पंचायत समिति की ग्राम पंचायत बूंटिया में आयोजित बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत शपथ ग्रहण समारोह में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक अपराध एवं सामाजिक अभिशाप है, इस सामाजिक कुरीति को जड़ मूल से खत्म करने के लिए समाज के हर वर्ग को पहल करनी होगी। उन्होंने नाबालिग बच्ची की पीड़ा, ख्वाब व ख्याल बयां करते हुए ‘‘अभी ना ब्याह कर बापू - अभी तो मुझे खेलन दे’’ मार्मिक कविता प्रस्तुत की। उन्होंने बाल विवाहों के दुष्परिणामों की जानकारी देते हुए कहा कि बाल विवाह किसी भी समाज में बच्चों को खौफ़नाक जिन्दगी की और धकेलता है, आवश्यकता है सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने के लिए अपने बच्चों को शिक्षा दिलाकर जिम्मेदार नागरिक बनाएं। समारोह में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव राजेश कुमार दड़िया ने बाल विवाहों के दुष्परिणामों की जानकारी देते हुए कहा कि इस सामाजिक कुरीति ने समाज को खोखला कर दिया है, इस सामाजिक अपराध को खत्म करने के लिए हमें आज ही संकल्प लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह जीवन को घुटनभरा बना देता है और जीवन समझ में आने से पहले ही खत्म हो जाता है। उन्होंने बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत घोषित होने पर बूंटिया के नागरिकों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में यह संदेश हर जाति व वर्ग के लोगों को सुखद महसूस होगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छ व सुरक्षित जीवन व समाज का निर्माण करने के लिए शिक्षा ग्रहण कर जीवन की शुरूआत करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया व पीपल पूर्णिमा के अबूझ सावों पर होने वाले बाल विवाहों को रोकने के लिए पुलिस को तत्काल सूचना देना अपना कर्तव्य समझना चाहिए ताकि बच्चों की जिन्दगियों को अन्धकार से बचाया जा सके। उन्होंने बाल विवाहों के दुष्परिणामों की जानकारी देते हुए कहा कि इस सामाजिक अपराध से समाज व राष्ट्र की उन्नति में बाधा, शिक्षा से वंचित होना, शारीरिक व मानसिक विकास रूकना, तनाव, ताउम्र गरीबी में जीवन यापन करना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सामाजिक चेतना एवं सोच में बदलाव जरूरी:- इस अवसर पर जिला कलक्टर ललित कुमार गुप्ता ने कहा कि बाल विवाह जैसे घिनौने अपराध को खत्म करने के लिए सामाजिक चेतना जागृत कर हमारी सोच में बदलाव करना आवश्यक है। उन्होंने बाल विवाह के दुष्परिणामों की जानकारी देते हुए कहा कि हमें बाल विवाह के बाद तलाक होने पर उस बच्ची की पीड़ा को समझने की जरूरत है।
जिला कलक्टर ने कहा कि एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार चूरू जिले में 38 प्रतिशत शादियां बाल विवाह के रूप में होती है जो हम सभी के लिए शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह की सूचना प्रशासन, पुलिस, लोक सेवक, जनप्रतिनिधि, मीडिया, संस्था को तत्काल देनी चाहिए, सूचना देने वालों को नाम पूर्ण रूप से गुप्त रखा जाता है। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार बाल विवाह में शामिल होने वाले मेजबान, मेहमान, टैण्ट वाला, हलवाई, बैण्ड बाजा, पण्डित एवं आम आदमी इस सामाजिक अपराध का भागीदार होता है।
बाल विवाह: समाज के लिए चिंताजनक:- पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ ने कहा कि सन् 1820 में राजा राममोहन राय ने बाल विवाह रोकने के लिए देश में मुहिम छेड़ी थी मगर आज 200 वर्ष बाद भी हम इस सामाजिक अपराध को लिए बैठे है, जो हमारे समाज के लिए चिन्ताजनक है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह करने वाले बच्चे अपनी जिम्मेदारी उठाने लायक नहीं होते है उन्हें शिक्षा दिलाने के बाद ही विवाह योग्य समझना चाहिए। उन्होंने ‘‘बाल विवाह न करेंगे और न होने देंगे’’ का संकल्प दिलाया।
झुंझुनू जिला पर्यावरण सुधार समिति के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने समिति की गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि बाल विवाह के विरूद्ध हम सब को आवाज उठाने की जरूरत है। उन्होंने ‘‘बेटी पढेगी तो समाज बढेगा’’ की अवधारणा को चरितार्थ करते हुए कहा कि सामाजिक कुरीतियों एवं अन्धविश्वासों को शिक्षा के जरिये ही खत्म किया जा सकता है।
शपथ व संकल्प:- समारोह में आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने अग्नि के समक्ष हाथ उठाकर उपस्थित अतिथियों एवं ग्रामीण महिलाओं व पुरूषों, लड़कों व लड़कियों को ‘‘बाल विवाह न करेंगे न होने दूंगा’’ की शपथ व संकल्प दिलाया।
लघु नाटिका:- इस अवसर पर चाईल्ड हैल्प लाईन - 1098 की महिला कार्यकर्ताओं ने ‘‘अबूझ सावो’’ लघु नाटिका एवं ‘‘बाबूल छोटी सी उम्र में परणाईयों मत ना’’ गीत प्रस्तुत कर ग्रामीणों को बाल विवाह के दुष्परिणामों की जानकारी दी।
इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी राकेश कुमार, विकास अधिकारी दीनबन्धु सुरोलिया, जिला बाल संरक्षण समिति की अध्यक्ष संतोष मासूम, सीडीपीओ सीमा सोनगरा, तहसीलदार नवीन भगवती, ग्राम सरपंच सूरजाराम प्रजापत, विजय सिंह नेहरा, शंकरलाल महर्षि सहित ग्रामीण महिला, पुरूष एवं युवा उपस्थित थे।
‘‘बाल विवाह न करेंगे - न होने देंगे’’ की शपथ ली गई
चूरू। राजस्थान राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने कहा है कि बेटियां अपनी माताओं पर इतना बोझ नहीं है कि वे किसी भी उम्र में किसी भी उम्र के व्यक्ति से अपनी बेटियों की शादी कर अपनी जिम्मेदारी अदा करें। चतुर्वेदी बुधवार को चूरू पंचायत समिति की ग्राम पंचायत बूंटिया में आयोजित बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत शपथ ग्रहण समारोह में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक अपराध एवं सामाजिक अभिशाप है, इस सामाजिक कुरीति को जड़ मूल से खत्म करने के लिए समाज के हर वर्ग को पहल करनी होगी। उन्होंने नाबालिग बच्ची की पीड़ा, ख्वाब व ख्याल बयां करते हुए ‘‘अभी ना ब्याह कर बापू - अभी तो मुझे खेलन दे’’ मार्मिक कविता प्रस्तुत की। उन्होंने बाल विवाहों के दुष्परिणामों की जानकारी देते हुए कहा कि बाल विवाह किसी भी समाज में बच्चों को खौफ़नाक जिन्दगी की और धकेलता है, आवश्यकता है सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने के लिए अपने बच्चों को शिक्षा दिलाकर जिम्मेदार नागरिक बनाएं। समारोह में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव राजेश कुमार दड़िया ने बाल विवाहों के दुष्परिणामों की जानकारी देते हुए कहा कि इस सामाजिक कुरीति ने समाज को खोखला कर दिया है, इस सामाजिक अपराध को खत्म करने के लिए हमें आज ही संकल्प लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह जीवन को घुटनभरा बना देता है और जीवन समझ में आने से पहले ही खत्म हो जाता है। उन्होंने बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत घोषित होने पर बूंटिया के नागरिकों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में यह संदेश हर जाति व वर्ग के लोगों को सुखद महसूस होगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छ व सुरक्षित जीवन व समाज का निर्माण करने के लिए शिक्षा ग्रहण कर जीवन की शुरूआत करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीया व पीपल पूर्णिमा के अबूझ सावों पर होने वाले बाल विवाहों को रोकने के लिए पुलिस को तत्काल सूचना देना अपना कर्तव्य समझना चाहिए ताकि बच्चों की जिन्दगियों को अन्धकार से बचाया जा सके। उन्होंने बाल विवाहों के दुष्परिणामों की जानकारी देते हुए कहा कि इस सामाजिक अपराध से समाज व राष्ट्र की उन्नति में बाधा, शिक्षा से वंचित होना, शारीरिक व मानसिक विकास रूकना, तनाव, ताउम्र गरीबी में जीवन यापन करना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सामाजिक चेतना एवं सोच में बदलाव जरूरी:- इस अवसर पर जिला कलक्टर ललित कुमार गुप्ता ने कहा कि बाल विवाह जैसे घिनौने अपराध को खत्म करने के लिए सामाजिक चेतना जागृत कर हमारी सोच में बदलाव करना आवश्यक है। उन्होंने बाल विवाह के दुष्परिणामों की जानकारी देते हुए कहा कि हमें बाल विवाह के बाद तलाक होने पर उस बच्ची की पीड़ा को समझने की जरूरत है।
जिला कलक्टर ने कहा कि एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार चूरू जिले में 38 प्रतिशत शादियां बाल विवाह के रूप में होती है जो हम सभी के लिए शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह की सूचना प्रशासन, पुलिस, लोक सेवक, जनप्रतिनिधि, मीडिया, संस्था को तत्काल देनी चाहिए, सूचना देने वालों को नाम पूर्ण रूप से गुप्त रखा जाता है। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार बाल विवाह में शामिल होने वाले मेजबान, मेहमान, टैण्ट वाला, हलवाई, बैण्ड बाजा, पण्डित एवं आम आदमी इस सामाजिक अपराध का भागीदार होता है।
बाल विवाह: समाज के लिए चिंताजनक:- पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ ने कहा कि सन् 1820 में राजा राममोहन राय ने बाल विवाह रोकने के लिए देश में मुहिम छेड़ी थी मगर आज 200 वर्ष बाद भी हम इस सामाजिक अपराध को लिए बैठे है, जो हमारे समाज के लिए चिन्ताजनक है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह करने वाले बच्चे अपनी जिम्मेदारी उठाने लायक नहीं होते है उन्हें शिक्षा दिलाने के बाद ही विवाह योग्य समझना चाहिए। उन्होंने ‘‘बाल विवाह न करेंगे और न होने देंगे’’ का संकल्प दिलाया।
झुंझुनू जिला पर्यावरण सुधार समिति के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने समिति की गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि बाल विवाह के विरूद्ध हम सब को आवाज उठाने की जरूरत है। उन्होंने ‘‘बेटी पढेगी तो समाज बढेगा’’ की अवधारणा को चरितार्थ करते हुए कहा कि सामाजिक कुरीतियों एवं अन्धविश्वासों को शिक्षा के जरिये ही खत्म किया जा सकता है।
शपथ व संकल्प:- समारोह में आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन चतुर्वेदी ने अग्नि के समक्ष हाथ उठाकर उपस्थित अतिथियों एवं ग्रामीण महिलाओं व पुरूषों, लड़कों व लड़कियों को ‘‘बाल विवाह न करेंगे न होने दूंगा’’ की शपथ व संकल्प दिलाया।
लघु नाटिका:- इस अवसर पर चाईल्ड हैल्प लाईन - 1098 की महिला कार्यकर्ताओं ने ‘‘अबूझ सावो’’ लघु नाटिका एवं ‘‘बाबूल छोटी सी उम्र में परणाईयों मत ना’’ गीत प्रस्तुत कर ग्रामीणों को बाल विवाह के दुष्परिणामों की जानकारी दी।
इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी राकेश कुमार, विकास अधिकारी दीनबन्धु सुरोलिया, जिला बाल संरक्षण समिति की अध्यक्ष संतोष मासूम, सीडीपीओ सीमा सोनगरा, तहसीलदार नवीन भगवती, ग्राम सरपंच सूरजाराम प्रजापत, विजय सिंह नेहरा, शंकरलाल महर्षि सहित ग्रामीण महिला, पुरूष एवं युवा उपस्थित थे।
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