खबर -जयनारायण बिस्सा
बीकानेर। ऐलिवेटेड के विरोध व रेलवे बाईपास के समर्थन में बीकानेर व्यापार एसोसिएशन की ओर से एलिवेटेड रोड़ बनने वाला मार्केट पूर्णतया बंद रहा। ऐलिवेटेड से प्रभावित क्षेत्र में बाजार बंद का असर दिखा।
एसोसिएशन सचिव ने बताया कि केईएम रोड मुख्य बाजार, स्टेशन रोड, रानी बाजार, गवर्नमेंट प्रेस मार्ग तथा इससे जुड़े शॉपिंग कॉम्पलेक्स दोपहर दो बजे तक शांतिपूर्ण बंद रखने का आह्वान किया गया। दोपहर 12 बजे व्यापारी कोटगेट से रैली के रूप में कलक्ट्रेट पहुंचें। जहां जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन भी सौंपा गया । एलिवेटेड रोड को लेकर शहर के लोगों की दो राय है। कुछ इसके समर्थन में तथा कुछ विरोध में। एलिवेटेड रोड की जगह रेलवे बाईपास की मांग कर रहे है। हालाँकि अभी न एलिवेटेड रोड का निर्माण शुरू हुआ हे और न ही बाईपास को लेकर कोई कवायद चल रही है। बंद के दौरान एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने दुकानें बंद न करने वाले दुकानदारों से समझाईश कर प्रतिष्ठान बंद करवाये। बाद में व्यापारी जूलुस के रूप में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला कलक्टर को मुख्ख्मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ज्ञापन में अवगत करवाया कि सरकार की ओर से किए जा रहे सर्वे से कुछ ऐसे ही तथ्य सामने आ रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि पूरा प्रोजेक्ट 250 करोड़ रुपए का है, जो स्वयं सरकार ने तैयार किया है। यानी जो काम महज 250 करोड़ रुपए में हो सकता है, उसके लिए 950 करोड़ रुपए का खर्च क्यों किया जा रहा है। इसमें केंद्र सरकार के धन का दुरुपयोग हो रहा है और चहेते ठेकेदारों को मलाई खिलाने का काम हो रहा है। ज्ञात रहे 250 करोड़ में समस्या समाधान का प्रोजेक्ट भी इसी सरकार ने तैयार किया थाए फिर अचानक से यह राशि क्यों बढ़ाई गई। अगर सरकार फोर लेन का निर्माण करती है तो 671 दुकान मालिकों के प्रतिष्ठानों पर कम या ज्यादा तोडना पड़ सकता है। इसमें बड़ी संख्या में लोगों के मकान भी है, जिनमें उनके परिवार रहते हैं। राष्ट्र हित में अगर यह काम भी करना पड़े तो किया जाए लेकिन जिस माजिसा मंदिर के पास पहले से 80 फीट रोड है, वहां मकान तोडने को सरकारी समझदारी नहीं कहा जा सकता बल्कि हिटलरशाही व्यवस्था ही बताया जाएगा। अगर एलिवेटेड रोड के कारण तय दुकानों को तोड़ा जाता है तो करीब अस्सी हजार लोग प्रभावित होंगे। यह लोग इन दुकानों, मकानों के मालिक और वहां काम करने वाले मालिक व कर्मचारियों के परिवार है। यह भी सरकार की ओर से करवाए गए सर्वे में स्पष्ट हो रहा है। जो दुकानें तोड़ी जाएगी, वहां भविष्य में न तो दुकान बन सकेगी और न ही मकान। ऐसे में अस्सी हजार लोगों को दरबदर करने का प्रयास हो रहा है। आसुदानी के अनुसार कोई भी मकान, दुकान राष्ट्र की संपत्ति है। अगर फोर लेन के लिए इनको तोड़ा जाता है तो यह राष्ट्रीय सम्पत्ति का नुकसान भी है। एक अनुमान के मुताबिक अरबों रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। जितनी बड़ी समस्या नहीं है, उससे बड़ी परेशानी स्वयं सरकार पैदा करने पर आमादा है।
इस मौके पर नरपत सेठिया,सोनूराज आसूदानी,श्याम तंवर,जतिन यादव,रवि पुरोहित सहित बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद रहे।
विधायक ने बंद रखा प्रतिष्ठान
बीकानेर पश्चिम से विधायक डॉ गोपाल जोशी ने भी बंद को समर्थन देते हुए अपना प्रतिष्ठान बंद रखा। स्टेशन रोड़ स्थित छोटू मोटू जोशी की दुकान भी स्वेच्छिक रूप से बंद रही।
वर्जन
व्यापारियों ने कहा कि अगर एलीवेटेड रोड़ के निर्णय को वापिस नहीं लिया गया भयंकर आंदोलन छेड़ा जाएगा। अगर सरकार दीनदयाल सर्किल से रानी बाजार तक फोर लेन का निर्माण करती है तो वर्तमान डीएलसी दर के आधार पर न्यूनतम मुआवजा भी दिया जाता है तो यह 950 करोड़ रुपए का होगा।
सोनूराज आसूदानी, उपाध्यक्ष बीकानेर व्यापार एसोसिएशन
बीकानेर। ऐलिवेटेड के विरोध व रेलवे बाईपास के समर्थन में बीकानेर व्यापार एसोसिएशन की ओर से एलिवेटेड रोड़ बनने वाला मार्केट पूर्णतया बंद रहा। ऐलिवेटेड से प्रभावित क्षेत्र में बाजार बंद का असर दिखा।
एसोसिएशन सचिव ने बताया कि केईएम रोड मुख्य बाजार, स्टेशन रोड, रानी बाजार, गवर्नमेंट प्रेस मार्ग तथा इससे जुड़े शॉपिंग कॉम्पलेक्स दोपहर दो बजे तक शांतिपूर्ण बंद रखने का आह्वान किया गया। दोपहर 12 बजे व्यापारी कोटगेट से रैली के रूप में कलक्ट्रेट पहुंचें। जहां जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन भी सौंपा गया । एलिवेटेड रोड को लेकर शहर के लोगों की दो राय है। कुछ इसके समर्थन में तथा कुछ विरोध में। एलिवेटेड रोड की जगह रेलवे बाईपास की मांग कर रहे है। हालाँकि अभी न एलिवेटेड रोड का निर्माण शुरू हुआ हे और न ही बाईपास को लेकर कोई कवायद चल रही है। बंद के दौरान एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने दुकानें बंद न करने वाले दुकानदारों से समझाईश कर प्रतिष्ठान बंद करवाये। बाद में व्यापारी जूलुस के रूप में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला कलक्टर को मुख्ख्मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ज्ञापन में अवगत करवाया कि सरकार की ओर से किए जा रहे सर्वे से कुछ ऐसे ही तथ्य सामने आ रहे हैं। आश्चर्य की बात है कि पूरा प्रोजेक्ट 250 करोड़ रुपए का है, जो स्वयं सरकार ने तैयार किया है। यानी जो काम महज 250 करोड़ रुपए में हो सकता है, उसके लिए 950 करोड़ रुपए का खर्च क्यों किया जा रहा है। इसमें केंद्र सरकार के धन का दुरुपयोग हो रहा है और चहेते ठेकेदारों को मलाई खिलाने का काम हो रहा है। ज्ञात रहे 250 करोड़ में समस्या समाधान का प्रोजेक्ट भी इसी सरकार ने तैयार किया थाए फिर अचानक से यह राशि क्यों बढ़ाई गई। अगर सरकार फोर लेन का निर्माण करती है तो 671 दुकान मालिकों के प्रतिष्ठानों पर कम या ज्यादा तोडना पड़ सकता है। इसमें बड़ी संख्या में लोगों के मकान भी है, जिनमें उनके परिवार रहते हैं। राष्ट्र हित में अगर यह काम भी करना पड़े तो किया जाए लेकिन जिस माजिसा मंदिर के पास पहले से 80 फीट रोड है, वहां मकान तोडने को सरकारी समझदारी नहीं कहा जा सकता बल्कि हिटलरशाही व्यवस्था ही बताया जाएगा। अगर एलिवेटेड रोड के कारण तय दुकानों को तोड़ा जाता है तो करीब अस्सी हजार लोग प्रभावित होंगे। यह लोग इन दुकानों, मकानों के मालिक और वहां काम करने वाले मालिक व कर्मचारियों के परिवार है। यह भी सरकार की ओर से करवाए गए सर्वे में स्पष्ट हो रहा है। जो दुकानें तोड़ी जाएगी, वहां भविष्य में न तो दुकान बन सकेगी और न ही मकान। ऐसे में अस्सी हजार लोगों को दरबदर करने का प्रयास हो रहा है। आसुदानी के अनुसार कोई भी मकान, दुकान राष्ट्र की संपत्ति है। अगर फोर लेन के लिए इनको तोड़ा जाता है तो यह राष्ट्रीय सम्पत्ति का नुकसान भी है। एक अनुमान के मुताबिक अरबों रुपए की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। जितनी बड़ी समस्या नहीं है, उससे बड़ी परेशानी स्वयं सरकार पैदा करने पर आमादा है।
इस मौके पर नरपत सेठिया,सोनूराज आसूदानी,श्याम तंवर,जतिन यादव,रवि पुरोहित सहित बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद रहे।
विधायक ने बंद रखा प्रतिष्ठान
बीकानेर पश्चिम से विधायक डॉ गोपाल जोशी ने भी बंद को समर्थन देते हुए अपना प्रतिष्ठान बंद रखा। स्टेशन रोड़ स्थित छोटू मोटू जोशी की दुकान भी स्वेच्छिक रूप से बंद रही।
वर्जन
व्यापारियों ने कहा कि अगर एलीवेटेड रोड़ के निर्णय को वापिस नहीं लिया गया भयंकर आंदोलन छेड़ा जाएगा। अगर सरकार दीनदयाल सर्किल से रानी बाजार तक फोर लेन का निर्माण करती है तो वर्तमान डीएलसी दर के आधार पर न्यूनतम मुआवजा भी दिया जाता है तो यह 950 करोड़ रुपए का होगा।
सोनूराज आसूदानी, उपाध्यक्ष बीकानेर व्यापार एसोसिएशन