विशेष-लेख
करौली। घटते लिगांनुपात को देखते हुए बालिका प्रोत्साहन के लिए सरकारी सहायता से चार साल में 1 हजार 828 बेटियों के हाथ पीले किए गए। राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहन दे रही है। ताकि लोग बेटियों कों बोझ ना समझे। निर्धन परिवारों को बेटियों के विवाह में राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त आर्थिक सहयोग से सम्बल मिल रहा है।
जिले में पिछले चार साल में 1 हजार 828 बेटियों के विवाह के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने 210.75 लाख रूपये की सहायता मुहैया कराई। विधवाओं की पुत्री के विवाह के लिए सहायता योजना के तहत इस वित्त वर्ष में 22 बेटियों के विवाह पर 2.20 लाख रूपये खर्च किए गए। बीपीएल परिवार की बेटियों के विवाह के लिए भी श्रेणीवार सहायता उपलब्ध कराई गई है। इस वित्तीय वर्ष में अनूसूचित जाति के बीपीएल परिवारों जाति के बीपीएल परिवारों की 49 बेटियों के विवाह के लिए 6.50 लाख दिए गए। जबकि अनूसूचित जनजाति परिवार की 32 बेटियों को 4.70 लाख की सहायता दी गई। सामान्य वर्ग के बीपीएल परिवारों की 111 बेटियों के विवाह के लिए 18.65 लाख की आर्थिक सहायता दी गई।
विशेष योग्यजन का बसा घर
योजना में मिली सहायता से जिले के विशेष योग्यजनों के भी घर बसे है। 2 विशेष योग्यजनों को विवाह के लिए विभाग की ओर से 50 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी गई। वहीं अन्तरजातीय विवाह के 2 जोडों को 10 लाख की आर्थिक सहायता से नया जीवन शुरू करने में सहयोंग मिला।
यह है पात्रता
ऐसी महिला जिसके पति की मृत्यू हो गई और उसने पुनर्विवाह नहीं किया हो। वार्षिक आय 50 हजार से अधिक नहीं हो। परिवार में 25 वर्ष व इससे अधिक आयु का कमाने वाला कोई सदस्य नहीं हो। ऐसी महिला की पुत्री के विवाह पर 10 हजार रूपए की सहायता दी जाती है। बीपीएल परिवार की 18 वर्ष या इससे अधिक आयु की बेटी का विवाह करने पर 10 हजार रूपए की सहयोग राशि दी जाती है। अस्पृश्यता उन्मूलन को प्रोत्साहित करने के लिए अन्तरजातिय विवाह योजना में अनुसूचित जाति के युवक-युवती स्वर्ण जाति के युवक-युवती से विवाह करते है। तो 5 लाख की सहायता मिलती है।
करौली। घटते लिगांनुपात को देखते हुए बालिका प्रोत्साहन के लिए सरकारी सहायता से चार साल में 1 हजार 828 बेटियों के हाथ पीले किए गए। राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहन दे रही है। ताकि लोग बेटियों कों बोझ ना समझे। निर्धन परिवारों को बेटियों के विवाह में राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त आर्थिक सहयोग से सम्बल मिल रहा है।
जिले में पिछले चार साल में 1 हजार 828 बेटियों के विवाह के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने 210.75 लाख रूपये की सहायता मुहैया कराई। विधवाओं की पुत्री के विवाह के लिए सहायता योजना के तहत इस वित्त वर्ष में 22 बेटियों के विवाह पर 2.20 लाख रूपये खर्च किए गए। बीपीएल परिवार की बेटियों के विवाह के लिए भी श्रेणीवार सहायता उपलब्ध कराई गई है। इस वित्तीय वर्ष में अनूसूचित जाति के बीपीएल परिवारों जाति के बीपीएल परिवारों की 49 बेटियों के विवाह के लिए 6.50 लाख दिए गए। जबकि अनूसूचित जनजाति परिवार की 32 बेटियों को 4.70 लाख की सहायता दी गई। सामान्य वर्ग के बीपीएल परिवारों की 111 बेटियों के विवाह के लिए 18.65 लाख की आर्थिक सहायता दी गई।
विशेष योग्यजन का बसा घर
योजना में मिली सहायता से जिले के विशेष योग्यजनों के भी घर बसे है। 2 विशेष योग्यजनों को विवाह के लिए विभाग की ओर से 50 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी गई। वहीं अन्तरजातीय विवाह के 2 जोडों को 10 लाख की आर्थिक सहायता से नया जीवन शुरू करने में सहयोंग मिला।
यह है पात्रता
ऐसी महिला जिसके पति की मृत्यू हो गई और उसने पुनर्विवाह नहीं किया हो। वार्षिक आय 50 हजार से अधिक नहीं हो। परिवार में 25 वर्ष व इससे अधिक आयु का कमाने वाला कोई सदस्य नहीं हो। ऐसी महिला की पुत्री के विवाह पर 10 हजार रूपए की सहायता दी जाती है। बीपीएल परिवार की 18 वर्ष या इससे अधिक आयु की बेटी का विवाह करने पर 10 हजार रूपए की सहयोग राशि दी जाती है। अस्पृश्यता उन्मूलन को प्रोत्साहित करने के लिए अन्तरजातिय विवाह योजना में अनुसूचित जाति के युवक-युवती स्वर्ण जाति के युवक-युवती से विवाह करते है। तो 5 लाख की सहायता मिलती है।