धौलपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में रविवार को हुये मतदान के दौरान किसी भी मतदाता व किसी भी राजनैतिक दल से वीवीपीएटी मशीन में पर्ची मुद्रित नहीं होने की शिकायत प्राप्त नहीं हुईधौलपुर। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत ने बताया है कि राज्य में वीवीपीएटी के माध्यम से धौलपुर निर्वाचन क्षेत्र के उप चुनाव में रविवार 9 अप्रेल को प्रथम बार किये गये मतदान के दौरान किसी भी मतदाता द्वारा निर्वाचन का संचालन नियम 1961 के नियम 49 एमए के अन्तर्गत यह घोषणा पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है कि उसके द्वारा दिये गये मतदान के अनुसार वीवीपीएटी मशीन में पर्ची मुद्रित नहीं हुई। इस प्रकार की शिकायत किसी राजनैतिक दल से भी मतदान प्रक्रिया के दौरान प्राप्त नहीं हुई है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी बताया कि मतदान प्रक्रिया के दौरान कुल 24.24 प्रतिशत आरक्षित वीवीपीएटी का ही प्रयोग किया गया जो आयोग द्वारा निर्धारित मापदण्डों से काफी कम है। ये आंकड़े यह दर्शाते हैं कि उप चुनाव के दौरान व मतदान केन्द्रों पर वीवीपीएटी मशीनाें का भली प्रकार से प्रयोग किया गया है। मतदान से पूर्व एवं मतदान के दौरान वीवीपीएटी मशीनों को भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार बदले गये हैं।
मीडिया में इस प्रकार की खबर आई है कि ”बटन किसी उम्मीदवार को दबाया और मत किसी और उम्मीदवार को मिला”। इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर), धौलपुर से विस्तृत जांच करवाई गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर), धौलपुर ने अपनी रिपोर्ट में अंकित किया है कि मीडिया में प्रसारित इस खबर के संबंध में किसी मतदाता, उम्मीदवार अथवा किसी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि ने कोई भी लिखित अथवा मौखिक शिकायत नहींं दी है। मतदान केन्द्र संख्या 163 के पीठासीन अधिकारी एवं माइक्रो ऑब्जर्वर ने अपने लिखित बयान में दर्ज कराया है कि सम्पूर्ण मतदान प्रक्रिया के दौरान न तो किसी मतदाता ने और न ही किसी पोलिंग एजेण्ट ने ऎसी कोई शिकायत की है।
समाचार के संबंध में शिकायतकर्ता राकेश जैन से भी बयान लिया गया जिसमें भी उन्होंने अंकित किया है कि मैंने जिस प्रत्याशी को मत दिया था वीवीपेट में पर्ची उसी प्रत्याशी की निकली थी। मुझे मतदान प्रक्रिया से किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं है। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि समस्त मतदान ईवीएम एवं वीवीपेट मशीनों के द्वारा भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित गाइड लाइन से सम्पन्न हुआ है। मीडिया में इस संबंध में जो भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है, वह निराधार है।
उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ईवीएम एवं वीवीपेट मशीनों की चुनाव पूर्व एवं चुनाव के दौरान तैयारियों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं जिसके अनुसार प्रत्येक स्तर पर राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मशीन तैयार की जाती है। चुनाव से पूर्व ही प्रथम स्तरीय जांच बी ई एल के इंजीनियरों द्वारा सम्पूर्ण चौकिंग की जाती है तथा मशीन सही पाये जाने के उपरान्त इन्हें चुनाव के लिए तैयार किया जाता है।
चुनाव प्रक्रिया के दौरान चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों के नाम फाइनल होने के पश्चात मतपत्र भी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों एवं अभ्यर्थियों अथवा उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में बैलेट यूनिट में लगाया जाता है एवं कन्ट्रोल यूनिट में उम्मीदवारों की संख्या को सेट किया जाता है। यहां तक कि मशीन में बैटरी आदि भी उसी समय लगाई जाती है तथा समस्त चैकिंग की जाती है। इस बार वीवीपेट मशीन भी इसी प्रक्रिया के अन्तर्गत सभी की उपस्थिति में पारदर्शी तरीके से तैयार की गई है।
मतदान दिवस को उम्मीदवारों अथवा पोलिंग एजेण्टों की उपस्थिति में पीठासीन अधिकारी द्वारा मॉक पोल किया जाता है जिसमें प्रत्येक उम्मीदवार के पोलिंग एजेण्ट के द्वारा कम से कम एक-एक मत संबंधित उम्मीदवार को दिया जाता है। उम्मीदवार अथवा पोलिंग एजेण्ट यह देख सकता है कि बैलेट यूनिट एवं कन्ट्रोल यूनिट में किसी प्रकार की विसंगति तो नहींं है। सभी के संतुष्ट होने पर मोक पोल समाप्त कर इस डाटा को डिलीट कर वास्तविक मतदान प्रक्रिया आरंभ की जाती है। इस प्रक्रिया के कार्यवाही विवरण में सभी के हस्ताक्षर लिये जाते हैं।
रविवार 9 अप्रेल को धौलपुर विधान सभा उप चुनाव, 2017 के दौरान प्रत्येक मतदान केन्द्र पर इस प्रक्रिया का पालन किया गया। मोक पोल के दौरान 8 बैलेट यूनिट एवं 8 कन्ट्रोल यूनिट तथा 17 वीवीपेट बदले गये एवं वास्तविक मतदान के दौरान 2 बैलेट यूनिट, 2 कन्ट्रोल यूनिट एवं 56 वीवीपेट मशीन बदली गई।
धौलपुर विधानसभा क्षेत्र में 77.12 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत ने बताया कि धौलपुर विधान सभा क्षेत्र के लिए उप चुनाव 9 अप्रेल रविवार को शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। इस उप चुनाव में 231 मतदान केन्द्रों पर ईवीएम के साथ पहली बार वीवीपेट मशीनों का भी इस्तेमाल किया गया ताकि मतदाता पारदर्शी तरीके से यह जान सके कि उसने जिसको वोट दिया है, वह वोट सही जगह गया है। उन्हाेंने बताया कि धौलपुर विधानसभा क्षेत्र में रविवार को हुए मतदान में 77.12 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
भगत ने बताया कि धौलपुर विधानसभा के उप चुनाव के दौरान 1 लाख 47 हजार 992 मतदाताओं द्वारा मतदान किया गया, इनमें से 79 हजार 125 पुरुष मतदाता एवं 68 हजार 867 महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इस प्रकार पुरुष मतदाताओं द्वारा 77.12 प्रतिशत और महिला मतदाताओं द्वारा 76.45 प्रतिशत मतदान किया गया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान के दौरान 57.63 प्रतिशत मतदाताओं की मतदाता फोटो पहचान पत्र के माध्यम से पहचान की गई, 21.60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपनी पहचान वोटर पर्ची के माध्यम से करवाई तथा 20.67 प्रतिशत मतदाताओं ने निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित दस्तावेजों के माध्यम से अपनी पहचान करवा कर मतदान किया। उन्होंने बताया कि इस मतदान के दौरान 5 दृष्टिबाधित मतदाताओं ने ब्रेल लिपि मुद्रित मतपत्र का प्रयोग करते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 15 मतदाताओं ने साथियों के सहयोग से मतदान किया।
मतगणना गुरुवार 13 अप्रेल 2017 को
भगत ने बताया कि मतगणना गुरुवार 13 अप्रेल 2017 को ही निर्धारित समय प्रातः 8ः00 बजे से शुरू होगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी बताया कि मतदान प्रक्रिया के दौरान कुल 24.24 प्रतिशत आरक्षित वीवीपीएटी का ही प्रयोग किया गया जो आयोग द्वारा निर्धारित मापदण्डों से काफी कम है। ये आंकड़े यह दर्शाते हैं कि उप चुनाव के दौरान व मतदान केन्द्रों पर वीवीपीएटी मशीनाें का भली प्रकार से प्रयोग किया गया है। मतदान से पूर्व एवं मतदान के दौरान वीवीपीएटी मशीनों को भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार बदले गये हैं।
मीडिया में इस प्रकार की खबर आई है कि ”बटन किसी उम्मीदवार को दबाया और मत किसी और उम्मीदवार को मिला”। इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर), धौलपुर से विस्तृत जांच करवाई गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर), धौलपुर ने अपनी रिपोर्ट में अंकित किया है कि मीडिया में प्रसारित इस खबर के संबंध में किसी मतदाता, उम्मीदवार अथवा किसी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि ने कोई भी लिखित अथवा मौखिक शिकायत नहींं दी है। मतदान केन्द्र संख्या 163 के पीठासीन अधिकारी एवं माइक्रो ऑब्जर्वर ने अपने लिखित बयान में दर्ज कराया है कि सम्पूर्ण मतदान प्रक्रिया के दौरान न तो किसी मतदाता ने और न ही किसी पोलिंग एजेण्ट ने ऎसी कोई शिकायत की है।
समाचार के संबंध में शिकायतकर्ता राकेश जैन से भी बयान लिया गया जिसमें भी उन्होंने अंकित किया है कि मैंने जिस प्रत्याशी को मत दिया था वीवीपेट में पर्ची उसी प्रत्याशी की निकली थी। मुझे मतदान प्रक्रिया से किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं है। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि समस्त मतदान ईवीएम एवं वीवीपेट मशीनों के द्वारा भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित गाइड लाइन से सम्पन्न हुआ है। मीडिया में इस संबंध में जो भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है, वह निराधार है।
उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ईवीएम एवं वीवीपेट मशीनों की चुनाव पूर्व एवं चुनाव के दौरान तैयारियों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं जिसके अनुसार प्रत्येक स्तर पर राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मशीन तैयार की जाती है। चुनाव से पूर्व ही प्रथम स्तरीय जांच बी ई एल के इंजीनियरों द्वारा सम्पूर्ण चौकिंग की जाती है तथा मशीन सही पाये जाने के उपरान्त इन्हें चुनाव के लिए तैयार किया जाता है।
चुनाव प्रक्रिया के दौरान चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों के नाम फाइनल होने के पश्चात मतपत्र भी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों एवं अभ्यर्थियों अथवा उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में बैलेट यूनिट में लगाया जाता है एवं कन्ट्रोल यूनिट में उम्मीदवारों की संख्या को सेट किया जाता है। यहां तक कि मशीन में बैटरी आदि भी उसी समय लगाई जाती है तथा समस्त चैकिंग की जाती है। इस बार वीवीपेट मशीन भी इसी प्रक्रिया के अन्तर्गत सभी की उपस्थिति में पारदर्शी तरीके से तैयार की गई है।
मतदान दिवस को उम्मीदवारों अथवा पोलिंग एजेण्टों की उपस्थिति में पीठासीन अधिकारी द्वारा मॉक पोल किया जाता है जिसमें प्रत्येक उम्मीदवार के पोलिंग एजेण्ट के द्वारा कम से कम एक-एक मत संबंधित उम्मीदवार को दिया जाता है। उम्मीदवार अथवा पोलिंग एजेण्ट यह देख सकता है कि बैलेट यूनिट एवं कन्ट्रोल यूनिट में किसी प्रकार की विसंगति तो नहींं है। सभी के संतुष्ट होने पर मोक पोल समाप्त कर इस डाटा को डिलीट कर वास्तविक मतदान प्रक्रिया आरंभ की जाती है। इस प्रक्रिया के कार्यवाही विवरण में सभी के हस्ताक्षर लिये जाते हैं।
रविवार 9 अप्रेल को धौलपुर विधान सभा उप चुनाव, 2017 के दौरान प्रत्येक मतदान केन्द्र पर इस प्रक्रिया का पालन किया गया। मोक पोल के दौरान 8 बैलेट यूनिट एवं 8 कन्ट्रोल यूनिट तथा 17 वीवीपेट बदले गये एवं वास्तविक मतदान के दौरान 2 बैलेट यूनिट, 2 कन्ट्रोल यूनिट एवं 56 वीवीपेट मशीन बदली गई।
धौलपुर विधानसभा क्षेत्र में 77.12 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत ने बताया कि धौलपुर विधान सभा क्षेत्र के लिए उप चुनाव 9 अप्रेल रविवार को शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। इस उप चुनाव में 231 मतदान केन्द्रों पर ईवीएम के साथ पहली बार वीवीपेट मशीनों का भी इस्तेमाल किया गया ताकि मतदाता पारदर्शी तरीके से यह जान सके कि उसने जिसको वोट दिया है, वह वोट सही जगह गया है। उन्हाेंने बताया कि धौलपुर विधानसभा क्षेत्र में रविवार को हुए मतदान में 77.12 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
भगत ने बताया कि धौलपुर विधानसभा के उप चुनाव के दौरान 1 लाख 47 हजार 992 मतदाताओं द्वारा मतदान किया गया, इनमें से 79 हजार 125 पुरुष मतदाता एवं 68 हजार 867 महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इस प्रकार पुरुष मतदाताओं द्वारा 77.12 प्रतिशत और महिला मतदाताओं द्वारा 76.45 प्रतिशत मतदान किया गया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान के दौरान 57.63 प्रतिशत मतदाताओं की मतदाता फोटो पहचान पत्र के माध्यम से पहचान की गई, 21.60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपनी पहचान वोटर पर्ची के माध्यम से करवाई तथा 20.67 प्रतिशत मतदाताओं ने निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित दस्तावेजों के माध्यम से अपनी पहचान करवा कर मतदान किया। उन्होंने बताया कि इस मतदान के दौरान 5 दृष्टिबाधित मतदाताओं ने ब्रेल लिपि मुद्रित मतपत्र का प्रयोग करते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 15 मतदाताओं ने साथियों के सहयोग से मतदान किया।
मतगणना गुरुवार 13 अप्रेल 2017 को
भगत ने बताया कि मतगणना गुरुवार 13 अप्रेल 2017 को ही निर्धारित समय प्रातः 8ः00 बजे से शुरू होगी।