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मौत बनकर दौड़ती लोक परिवहन की बसें, अब लोक नही मौत परिवहन की बसें बन गई है

खबर - नरेंद्र स्वामी
बस ने मारी बाईक सवार को टक्कर
मौके पर हुई मौत
सिंघाना
. आए दिन सडक़ हादसों को अंजाम देती तेज रफ्तार से सरपट दौड़ती लोक परिवहन की बसें वास्तव में अब लोक नही मौत परिवहन की बसें बन गई है। जो आए दिन कहीं ना कहीं किसी ना किसी को मौत के घाट उतार रही है। गुरूवार को चिड़ावा झुंझुनूं सडक़ मार्ग पर परसादाराम की ढ़ाणी में हुई टवेरा व लोक परिवहन की बस के बीच हुई टक्कर में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि 14 लोग घायल हो गए थे। शुक्रवार को लोग इस चर्चा में मसगूल थे कि दोपहर में तेज रफ्तार से दौड़ती लोक परिवहन की बस एक और जिंदगी लील गई। शुक्रवार दोपहर को सिंघाना निवासी रतन लाल जांगिड़ अपनी दुकान से अपने लडक़े को अभी आ रहा हूं कहकर बाईक लेकर चिड़ावा बाईपास की तरफ जा रहा था तभी न्यू ईडन स्कूल के पास सामने से तेज गति से आ रही लोक परिवहन सेवा की खेतड़ी सीकर रूट की बस ने बाईक को टक्कर मार दी जिससे रतन लाल की मौके पर ही मौत हो गई। टक्कर इतनी भंयकर थी जिससे बाईक का अगला हिस्सा बस के बोनट में घुस गया। चालक का सिर बोनट से टकराने से उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। ग्रामीणों ने जल्द ही रतन सिंह को सरकारी अस्पताल पहुंचाया जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया की बस तेज गति से आ रही थी जिससे बाईक सवार को बचने का मौका ही नही मिला। पुलिस घटनास्थल का मौका मुआयना कर क्षतिग्रस्त बाईक व बस को थाने ले आई। 

कौन है इनका जिम्मेदार
आए दिन होने वाले सडक़ हादसों में ज्यादातर लोक परिवहन की बसें सामने आ रही है जो सडक़ पर मौत बनकर दौड़ रही है। और आए दिन किसी का बेटा, किसी का पापा और किसी का भाई उनसे छीन लेती है। गुरूवार को बगड़  हुई मठ के पास बाईक व लोक परिवहन की बस में हुई टक्कर में मां बेटे की मौत हो गई थी वहीं परसादाराम की ढ़ाणी के पास हुए टवेरा व लोक परिवहन बस की टक्कर में एक व्यक्ति की मौत हो गई वहीं टवेरा में सवार 14 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। शुक्रवार को सिंघाना में बाईक सवार को टक्कर मारी जिससे बाईक सवार ने मौक पर ही दम तौड़ दिया। आए दिन हादसों को अंजाम देती इस मौत की रफ्तार को कौन लगाम लगाऐगा। क्या परिवहन विभाग एक ही समय पर दो तीन बसों को एक साथ छोडक़र सवारियों के लिए इनको तेज दौडऩे की परमिशन दे देता है। विभाग के अधिकारियों ने कभी यह देखने की कोशिश नहीं करते की बस चालक नियमों को ताक पर रखकर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाते है। पहले पहुचकर सवारियां उठाने के चक्कर में बसों के चालक तेज रफ्तार में भूल जाते है कि इनकी छोटी सी गलती से किसी के घर में कोहराम मच सकता है।