राज्य सरकार ने जारी किये नये नियम
जयपुर। राज्य सरकार ने निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 एवं राज्य प्रावधानों के तहत नये नियमों की अधिसूचना जारी की है। शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आर.टी.ई. की नई जारी की गई अधिसूचना के अंतर्गत शीघ्र ही लॉटरी से निःशुल्क प्रवेश प्रक्रिया जारी की जाएगी। उन्होने बताया कि नवीन नियमों के तहत कमजोर आय वर्ग के अंतर्गत ऎसे अभिभावक जिनकी वार्षिक आय 1 लाख रुपये या इससे कम है, उनके बच्चों के निःशुल्क प्रवेश के लिए अधिसूचित किया गया है। इससे पहले इस श्रेणी में अभिभावकों की वार्षिक आय 2.5 लाख या इससे कम निर्धारित थी। उन्हाेंने बताया कि इसके तहत सामान्य, बीसी, एसबीसी, एससी व एसटी वर्ग के बालकों को प्रवेश दिया जाएगा। प्रो. देवनानी ने बताया कि इसी प्रकार केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित बी.पी.एल. के बच्चों को भी नियमानुसार आर.टी.ई. के तहत विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा असुविधाग्रस्त समूह के अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अनाथ, एचआईवी अथवा कैंसर से प्रभावित माता-पिता/संरक्षक के बालक, युद्ध विधवा के बालक तथा निःशक्त बालक जो कि समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण सहभागिता अधिनियम, 1995 की परिभाषा में सम्मिलित हो को भी निःशुल्क सीट्स पर प्रवेश दिया जाएगा। शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 एवं राज्य के नियमों के प्रावधानों की पालना में प्रत्येक निजी विद्यालय को अपने विद्यालय की एन्ट्री लेवल कक्षा में उस कक्षा में प्रविष्ट कुल बालकों की संख्या के 25 प्रतिशत की सीमा तक ‘कमजोर वर्ग‘ एवं ‘असुविधाग्रस्त समूह‘ के बालकों को निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा हेतु प्रवेश दिए जाने का प्रावधान है।
जयपुर। राज्य सरकार ने निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 एवं राज्य प्रावधानों के तहत नये नियमों की अधिसूचना जारी की है। शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आर.टी.ई. की नई जारी की गई अधिसूचना के अंतर्गत शीघ्र ही लॉटरी से निःशुल्क प्रवेश प्रक्रिया जारी की जाएगी। उन्होने बताया कि नवीन नियमों के तहत कमजोर आय वर्ग के अंतर्गत ऎसे अभिभावक जिनकी वार्षिक आय 1 लाख रुपये या इससे कम है, उनके बच्चों के निःशुल्क प्रवेश के लिए अधिसूचित किया गया है। इससे पहले इस श्रेणी में अभिभावकों की वार्षिक आय 2.5 लाख या इससे कम निर्धारित थी। उन्हाेंने बताया कि इसके तहत सामान्य, बीसी, एसबीसी, एससी व एसटी वर्ग के बालकों को प्रवेश दिया जाएगा। प्रो. देवनानी ने बताया कि इसी प्रकार केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित बी.पी.एल. के बच्चों को भी नियमानुसार आर.टी.ई. के तहत विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा असुविधाग्रस्त समूह के अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अनाथ, एचआईवी अथवा कैंसर से प्रभावित माता-पिता/संरक्षक के बालक, युद्ध विधवा के बालक तथा निःशक्त बालक जो कि समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण सहभागिता अधिनियम, 1995 की परिभाषा में सम्मिलित हो को भी निःशुल्क सीट्स पर प्रवेश दिया जाएगा। शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 एवं राज्य के नियमों के प्रावधानों की पालना में प्रत्येक निजी विद्यालय को अपने विद्यालय की एन्ट्री लेवल कक्षा में उस कक्षा में प्रविष्ट कुल बालकों की संख्या के 25 प्रतिशत की सीमा तक ‘कमजोर वर्ग‘ एवं ‘असुविधाग्रस्त समूह‘ के बालकों को निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा हेतु प्रवेश दिए जाने का प्रावधान है।