खबर - पवन दाधीच
खिरोड़ -खिरोड़ क्षेत्र में स्थित भामू की ढ़ाणी की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय को शिक्षा विभाग नवलगढ़ ने बंद कर इसे तुर्काणी जोहड़ी स्कूल में मर्ज कर दिया जिसको को लेकर ढ़ाणी के ग्रामीणों ने शनिवार सुबह स्कूल के सामने एकत्रित होकर शिक्षा विभाग के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए विरोध प्रदर्शन किया एवं जमकर नारेबाजी की। इस संबंध में ए़ाणी के भामाशाह महावीर प्रसाद भामू ने बताया कि यह विद्यालय सन १९५९ में शुरू ुआ था जिसको ग्रामीणों ने तो चंदे से राशि एकत्रित करके चालाया बाद में इसे १९७७ में सरकार के अधिनस्त कर दिया गया। इस विद्यालय में २०-२५ बच्चों का नामांकन होने के बावजूद इसे बंद करके इस सकूल को दूसरी स्कूल में मर्ज कर दिया गया। भामू ने बताया ये सब राजनीतिक द्वैशता से किया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा खिरोड़ में पूर्व में भी तीन सकूलों को मर्ज कर दिया गया है जो काफी गलत किया। इधर विरोध जताने वाले ग्रामीणों ने बताया कि हम स्कूल में बच्चों की संख्या ओर बढ़ाने में सहयोग कर देंगे मगर यह स्कूल बंद नहीं होनी चाहिए। विरोध जताने वालों में संतोष देवी, मैनादेवी, सरिता देवी, हरकोरी देवी, छोटी देवी, विद्याधर भामू, नवरंगलाल, अजय कुमार, विद्याधर, रोहिताश, जितेंद्र, जीवणी देवी, अंकित कुमार, बिजेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।
खिरोड़ -खिरोड़ क्षेत्र में स्थित भामू की ढ़ाणी की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय को शिक्षा विभाग नवलगढ़ ने बंद कर इसे तुर्काणी जोहड़ी स्कूल में मर्ज कर दिया जिसको को लेकर ढ़ाणी के ग्रामीणों ने शनिवार सुबह स्कूल के सामने एकत्रित होकर शिक्षा विभाग के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए विरोध प्रदर्शन किया एवं जमकर नारेबाजी की। इस संबंध में ए़ाणी के भामाशाह महावीर प्रसाद भामू ने बताया कि यह विद्यालय सन १९५९ में शुरू ुआ था जिसको ग्रामीणों ने तो चंदे से राशि एकत्रित करके चालाया बाद में इसे १९७७ में सरकार के अधिनस्त कर दिया गया। इस विद्यालय में २०-२५ बच्चों का नामांकन होने के बावजूद इसे बंद करके इस सकूल को दूसरी स्कूल में मर्ज कर दिया गया। भामू ने बताया ये सब राजनीतिक द्वैशता से किया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा खिरोड़ में पूर्व में भी तीन सकूलों को मर्ज कर दिया गया है जो काफी गलत किया। इधर विरोध जताने वाले ग्रामीणों ने बताया कि हम स्कूल में बच्चों की संख्या ओर बढ़ाने में सहयोग कर देंगे मगर यह स्कूल बंद नहीं होनी चाहिए। विरोध जताने वालों में संतोष देवी, मैनादेवी, सरिता देवी, हरकोरी देवी, छोटी देवी, विद्याधर भामू, नवरंगलाल, अजय कुमार, विद्याधर, रोहिताश, जितेंद्र, जीवणी देवी, अंकित कुमार, बिजेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।