प्रशासन एवं स्थापना समिति में सीईओ ने दी जानकारी, गत बैठक में सुंडा ने रखी थी मांग
झुंझुनूं,।जिसके
नाम जमीन है, उसे ही कृषि आदानों पर अनुदान मिलता था। जिसके कारण कई किसान
ऐसे थे। जो अनुदान से वंचित रह जाते थे। लेकिन अब सरकार ने फैसला किया है
कि पुश्तैनी जमीन पर जिस किसान का जितना हिस्सा होगा। उसकी रिपोर्ट पटवारी
देगा और उस किसान को अपनी पुश्तैनी जमीन में जितना हिस्सा होगा। उस मुताबिक
कृषि आदानों पर सरकार अनुदान देगी। यह जानकारी मंगलवार को प्रशासन एवं
स्थापना समिति की बैठक में सीईओ जेपी बुनकर ने दी। गत बैठक में जिप सदस्य
दिनेश सुंडा ने यह मांग रखी थी। जिसके बाद प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाया
गया और राज्य सरकार ने इस वाजिब मांग पर तुरंत फैला लिया। मंगलवार को जिला
प्रमुख सुमन रायला की अध्यक्षता में हुई बैठक में सुंडा ने जिले के झोला
छाप चिकित्सकों ेका मुद्दा उठाया। जिस पर डिप्टी सीएमएचओ डॉ. राहुल सुमन ने
बताया कि अब तक 41 झोला छाप चिकित्सकों पर विभाग कार्रवाई कर चुका है और
भी जानकारी जुटाकर कार्रवाई की जा रही है। साथ ही सुंडा ने रक्तदान करने
वाले रक्तदाताओं को कार्ड बनाने की मांग की। ताकि रक्तदाता अपने किसी
परिचित को समय आने पर रक्त दिलवा सके। नियम कायदे होने के बाद भी यह सुविधा
झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल द्वारा नहीं दी जा रही है। इसके अलावा
चिकित्सा विभाग के आरबीएसके कार्यक्रम में दो बार सर्वे के कार्यक्रम को और
विस्तृत करते हुए जब चाहे, तब लो के आधार पर मदद देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि साल में दो बार सर्वे के आधार पर बच्चों की गंभीर
बीमारियों का फ्री इलाज होता है। लेकिन कई बार बीमारी का तुरंत इलाज चाहिए
तो ऐसे में इस योजना का लाभ बच्चे को नहीं मिलता। इसलिए सर्वे में शिथिलता
की आवश्यकता है। बैठक में एसीईओ प्रतिष्ठा पिलानियां, सदस्य बजरंग चारावास,
सहीराम गुर्जर, इंजी. प्यारेलाल ढूकिया, सिलोचनादेवी, सुमित्रा चौधरी आदि
मौजूद थे।