Breaking News

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

ब्राह्मण को फिर से करनी होगी साधना

ग्रामीण भारत को जगाने से ही होगा भारतीय संस्कृति की समस्याओं का समाधान : झंवर
बीकानेर (जयनारायण बिस्सा)।
सांस्कृतिक संस्था परम्परा व भारतीय परम्परा चेतना अभियान की संरक्षिका श्रीमती मंजूलिका झंवर ने बीकानेर में कहा कि ग्रामीण भारत को जगाना बहुत जरुरी है उस समय जब भारतीय संस्कृति का क्षरण हो रहा है। भारतीय संस्कृति की समस्याओं के समाधान करने के लिए ग्रामीण भारत में रहने वाले हर उस शख्स के पास पहुंचकर उसे पुन: संस्कृति से रुबरु करवाने, उसे स्वयं परम्पराओं को जीवित करने वाले कार्य को अपनाने से ही होगा। झंवर शनिवार को अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। उन्होंने कहा कि गांवों के संरक्षण से देश के ह्रदय का संरक्षण होगा, सत्य का संरक्षण होगा तभी गांव का संरक्षण होगा। पहले ग्रामीण कमाने के लिए शहर जाते थे और वापस गांव लौट कर जीवन बिताते थे। गांव में ही अपने प्राण त्यागते थे। अपनी जड़ों से जुड़े थे। अब जो कमाने निकलता है वह लौटकर नहीं आता। यह चक्र धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। इससे देश खत्म हो रहा है। हमें गांवों के संरक्षण के लिए उनमें आध्यात्मिक चेतना को जगाना होगा। गांवों में काम करना होगा। एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि अभी वे पांच गांवों पर काम कर रहे हैं। इनमें नोखा तहसील का चरकड़ा, श्रीकोलायत का दियातरा, गडिय़ाला, गिरिराजसर व खारीचारणान का चयन किया है। गांव वालों की उन्नति गांव वालों द्वारा इस थीम को लेकर हम गांवों में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत माता के कष्ट का समय है, उसकी परम्पराओं द्वारा पोषित सनातन मान्यताओं, मूल्यों का नहीं। चकाचौंध, विज्ञापनों, मोह, अविद्या द्वारा आत्मा, बुद्धि को सुप्त कर मन को भावुक, बलहीन बनाए जैसे-तैसे जुगाड़ कर स्वार्थ सिद्धि का समय है। तप और स्वाभिमान का नहीं। केवल क्षुद्र अहं की तृप्ति का समय है। सर्वांगीण चेतनोत्थान के प्रयासों का नहीं, जीने का कोई महत्व लक्ष्य नहीं, पुरूषार्थ में खरे उतरने का नहीं । स्वयं को स्वयं ही सत्य से दूर रखने का समय है। इस अवसर पर डा. श्रीलाल मोहता भी पे्रस-कांफे्रंस में मौजूद थे। जिन्होंने भी संस्था के बारे में विविध जानकारियां दीं।
बॉक्स में
ब्राह्मण को फिर से करनी होगी साधना
ब्राह्मण कौन है ? यजुर्वेद में आया है जो आत्मा सूर्यलोक तक जाकर आए वह ब्राह्मण है। ब्राह्मण को फिर से साधना में जुटना होगा। यह साधकों का देश है। ब्राह्मण फिर से साधानारत हो जाए तो देश मजबूत होगा। केवल ब्राह्मणों की बात करेंगे तो समाज को बांटने का संदेश तो नहीं जाएगा सम्बन्धी सवाल के जवाब में मंजूलिका झंवर बोलीं कि समाज जाति से नहीं अज्ञान से बंटा है। हमें बोलना तो पड़ेगा ही। ब्राह्मण प्रज्ञा को मजबूत करेंगे क्योंकि ब्राह्मण स्वयं के लिए कुछ नहीं करता, वह पूरे देश के लिए करता है। इसलिए ब्राह्मण प्रज्ञा को छोटा नहीं समझे। ब्राह्मण प्रज्ञा को सक्षम बनाना होगा।