खबर - पवन शर्मा
सूरजगढ़ ।
बेटियां किसी भी मामलों में बेटो से कम नहीं है तो उनके लाड में हम क्यों
कमी रखे कुछ ऐसा ही माहौल बड़बर गांव के वयोवृद्ध किसान रोहिताश यादव के घर
देखने को मिला जहां उसकी पौत्री मोनिका की रविवार को होने वाली शादी में
परिजनों द्वारा सारे लाढ़ चाव भी बेटो की भांति किये जा रहे है। रविंद्र
यादव की पुत्री मोनिका को शुक्रवार उसके चाचा एडवोकेट विक्रम यादव ने
बंदोरी दी। बंदोरी में परिवार की महिलाओ के साथ ग्रामीण महिलाओ ने मोनिका
को मंगलगीत गाकर घोड़ी पर चढ़ाकर उसकी बंदोरी निकाली। ग्रामीनो ने बताया की
आज बड़बर गांव में लड़की की बनोरी निकाले जानी की यह शुरुआत है। इससे प्रेरणा
लेकर अन्य ग्रामीणों को भी प्रेरणा मिलेगी। वही भतीजी की बनोरी निकाल
रहे चाचा विक्रम यादव ने बताया की भतीजी को घोड़ी पर बैठाकर बंदौरी निकालने
का निर्णय लिया तो एक बार तो बुजर्गो ने इसका विरोध किया था उसके बाद
उन्हें समझाया कि लड़की व लड़के का भेदभाव अच्छा नहीं है | बेटियां किसी
मामलों में बेटो से कम नहीं है तो उनके साथ ऐसा दोकला व्यवहार उचित नहीं है
इस प्रकार की समझाईस के बाद बुजुर्गो ने सहमती दी।
