खबर -पवन शर्मा
ग्रामीणों ने ठेकदार पर घटिया सामग्री व बिना मापदंड के निर्माण कार्य करने का लगाया आरोप
सूरजगढ़ । पंचायत
समिति की बेरला ग्राम पंचायत के चीमा का बास गांव के उप स्वास्थ्य केंद्र
पर एनआरएचएम कि ओर से से करीब साढ़े तीन लाख रूपये की लागत से बनाई जा रही
दीवार के निर्माण में धांधली का मामला बुधवार को सामने आया है। इसको लेकर
ग्रामीणों ने सरपंच वीरसिंह खरड़िया के नेतृत्व में विरोध जताते हुए निर्माण
कार्य पर रोक लगाकर कार्य भी बंद करा दिया। जानकारी के अनुसार चीमा का बास
गांव में बने उप स्वास्थ्य केंद्र पर एनआरएचएम के द्वारा करीब साढ़े
तीन लाख रूपये की लागत से चार दीवारी का निर्माण कराया जा रहा है। दीवार
के निर्माण को लेकर बुधवार को ग्रामीणों ने विरोध जताया है। घटिया निर्माण
की जानकारी ग्रामीणों को मिलने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और सरपंच वीरसिंह
खरड़िया को भी मामले की जानकारी दी। ग्रामीणों की सुचना पर सरपंच वीरसिंह
खरड़िया भी मौके पर पहुंचे और ठेकदार को घटिया तरीके से निर्माण करने पर
लताड़ लगाई। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने ठेकदार पर निर्माण में धांधली
का आरोप लगाते हुए घटिया सामग्री व बिना मापदंड से निर्माण करने की बात
कही। ग्रामीणों ने कहा की दीवार के निर्माण
में बिना ग्रेड की सिमेंट व मसाले में बजरी की जगह मिट्टी का उपयोग किया
जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि नींव में पत्थर की चिनाई मिट्टी से की जा
रही है। निर्माण का कार्य ठेकेदार अमरसिंह निवासी पालोता द्वारा किया जा
रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब ठेकेदार को सही सामग्री लगाने की
बात कही तो उसने इसे सही बताते हुए ग्रामीणों के साथ उलझने लगा। इस बात से
नाराज ग्रामीण अपना विरोध करने लगे और निर्माण कार्य को मौके पर बंद करवा
दिया। वही इस मामले की सरपंच वीरसिंह खरडिया ने उच्चाधिकारियों को शिकायत
की है। जिस पर एनआरएचएम विभाग के सहायक अभियंता एमएल गुप्ता ने जांच करवाने
का आश्वासन दिया तो ग्रामीण शांत हुए। सरपंच
वीरसिंह खरड़िया ने एनआरएचएम के उच्च अधिकारियो को मामले से अवगत कराते
हुए कार्य की जाँच कराने के बाद निर्माण कार्य कराने की बात कही। इस मौके
पर विजेंद्र कुमार ,राजेंद्र कुमार ,सूबे सिंह ,सुनील कुमार ,उमराव सिंह सहित
अन्य ग्रामीण मौजूद थे। खैर अब देखना होगा की सरकारी अस्पताल के भवन की बन
रही चार दीवारी के निर्माण कार्य में धांधली व अनियमितता की शिकायत के
बाद ठेकेदार और संबंधित अधिकारियो पर विभाग क्या कोई कार्रवाई करता है या
उसे ठंडे बस्ते में डाल देता है।