खबर - अरुण मूंड
देरवाला में प्लांट लगाए जाने का विरोध जारी, नगर परिषद की शोक बैठक सातवें रोज भी जारी, 51 ग्रामीणों ने जमीन समाधि लेकर किया विरोध
झुंझुनूं। झुंझुनूं के देरवाला गांव में प्रस्तावित बायो-सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट का विरोध जारी है। ग्रामीणों ने गांव में झुंझुनूं नगर परिषद की 12 दिन की शोक बैठक जारी कर रखी है। जिसे रविवार को सातवां दिन है। रविवार को सातवें रोज 51 ग्रामीणों ने जमीन समाधि लेकर अनूठा प्रदर्शन किया और प्रशासन को ये चेतावनी दी कि कि वे किसी भी हाल में गांव की जमीन का ऐसा उपयोग नहीं होने देंगे। जिससे आने वाले दिनों में ग्रामीणों को परेशानी हो। संघर्ष समिति के अध्यक्ष जिला परिषद सदस्य दिनेश सुंडा तथा देरवाला सरपंच रेखादेवी समेत महिलाओं और पूर्व सैनिकों ने जमीन समाधि ली और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। सुंडा ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री झुंझुनूं मुख्यालय या फिर विधानसभा क्षेत्र में आती है तो उनका विरोध किया जाएगा। साथ ही प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे आंदोलन को हलके में ले रहे है। लेकिन यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो ये आंदोलन जिले का एक ऐतिहासिक आंदोलन बन जाएगा। इस मौके पर उप सरपंच सुधीर शर्मा, मंगेज मीणा, अनिल बेनीवाल, महेश हर्षवाल, राजेश बेनीवाल आदि मौजूद थे। इसके अलावा समाधि लेने वालों में ओमप्रकाश, शंकरलाल, पितराम पूनियां, मेहरसिंह पुरा की ढाणी, मनोज स्वामी वारिसपुरा, महावीरसिंह, बंटी गहलोत, मुश्ताक अली, सांवरमल, मोहम्मद इमरान, मुश्ताक, निशार, शबीर, हारून खां, महेंद्र रोहिला, विकास कड़वासरा, इंद्रपाल सिहाग, नसीर काजी, जगदेव रोहिला आदि प्रमुख थे।
समाधि उसी जगह, जहां पर प्लांट प्रस्तावित
51 ग्रामीणों ने जहां पर समाधि ली, वो वही जगह थी। जहां पर प्लांट लगने प्रस्तावित है। ग्रामीणों ने कहा कि इस प्लांट की जगह पर उनकी आत्मा बसती है। यदि नगर परिषद या फिर प्रशासन यहां पर प्लांट लगाने की कोई भी कोशिश करेगा तो वे यहां पर स्थायी समाधि लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे। रविवार को समाधि लेने के लिए इसी जगह पर 51 गड्ढे खुदवाकर इसमें ग्रामीण करीब तीन घंटों तक सांकेतिक रूप से गड्ढे में बैठ गए। जिनके आधे शरीर भी मिट्टी में दब गए थे।
सरपंच के साथ महिलाओं ने भी ली समाधि
जमीन समाधि लेने में महिलाएं भी पीछे नहीं रही। सरपंच रेखा देवी के अलावा महिला सावित्री व अन्य ने भी जमीन समाधि लेकर संघर्ष समिति के आंदोलन में पूरा साथ लेने का निर्णय लिया। सरपंच रेखादेवी ने कहा कि प्रशासन यह भूल से भी ना सोच लें कि केवल यह मामला देरवाला से जुड़ा है। इस समस्या से 30 गांवों के लोग प्रभावित है।
इन 51 ग्रामीणों ने ली जमीन समाधि
जमीन समाधि लेने वालों में संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सुंडा, सरपंच रेखादेवी, ओमप्रकाश, शंकरलाल, पितराम पूनियां, मेहरसिंह पुरा की ढाणी, मनोज स्वामी वारिसपुरा, महावीरसिंह देरवाला, बंटी गहलोत, सांवरमल, मुश्ताक अली, महेंद्र हर्षवाल, जगदीश हर्षवाल, सुशील हर्षवाल, दिनेश कुमावत, दिलीपकुमार, निशार, हाफिज, मोहम्मद इमरान, मुश्ताक, निशार, शबीर, हारून खां, अजरूद्दीन, झिंडू खां, महेश बेनीवाल, मोहम्मद युनूस, धर्मपाल कड़वासरा, जगदेव रोहिला, रामसिंह कड़वासरा, महेंद्र तंवर, मोहम्मद लियाकत अली, नसीर काजी, रामचंद्र कड़वासरा, पप्पू काजी, लतीफ, राजेंद्र बेनीवाल, हमीद, रामनिवास हर्षवाल, करणीराम बेनीवाल, सुदेश बेनीवाल, मघाराम सिहाग, सुनीलकुमार देरवाला, महेंद्र रोहिला, रणधीर बेनीवाल, जगदीश हर्षवाल, विकास कड़वासरा, इंद्रपाल सिहाग, रामकरण देरवाला झाझडिय़ा, सुरजाराम बेनीवाल, मनीराम हर्षवाल, सावित्रीदेवी तथा रामनिवास हनुमानपुरा शामिल थे।
नारायण बलि के साथ संपन्न होगी शोक बैठक
संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सुंडा ने बताया कि आठ दिसंबर को नगर परिषद की शोक बैठक के 12 दिन पूरे हो जाएंगे। इस दिन प्रदेश की वसुंधरा राजे सरकार के भी चार साल पूरे हो रहे है। इस दिन नगर परिषद की नारायण बलि दी जाएगी और कलेक्ट्रेट के समक्ष हवन होगा। इसके लिए भी सभी ग्रामीणों से संपर्क किया जा रहा है। जिसमें हजारों की संख्या में लोग उपस्थित होंगे और एक बार फिर शहर को बताएंगे कि किस तरह नगर परिषद भ्रष्टाचार में आकंठ डूबकर ना केवल शहर, बल्कि पैराफेरी के गांवों को सुविधा देने की बजाय, उन्हें समस्याओं में डाल रही है।
सीएम झुंझुनूं आई तो विरोध करेंगे, देना होगा जवाब
संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सुंडा व सरपंच रेखादेवी ने बताया कि सीएम वसुंधरा राजे दो दिनों तक झुंझुनूं जिले में रही। अधिकारियों का लवाजमा भी साथ था। लेकिन देरवाला मामले में अभी तक कोई सुध नहीं ली गई है। उन्होंने कहा कि आंदोलन को हलके में लेने वाले बड़ी भूल कर रहे हैं। यदि गांव से दोनों प्लांटों के लिए जगह आबंटन निरस्त नहीं किया जाता है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा और सीएम के झुंझुनूं मुख्यालय पर आने पर उनका विरोध किया जाएगा। साथ ही इसका जवाब सीएम से भी मांगा जाएगा कि ग्राम पंचायत की एनओसी के बिना नगर परिषद व प्रशासन ने राठौड़ी में किस तरह जमीन का आबंटन कर लिया।
हजारों की संख्या में पहुंचे अनूठा प्रदर्शन देखने
देरवाला में प्रस्तावित प्लांट के विरोध में जमीन समाधि जैसे अनूठे प्रदर्शन को देखने और इस प्रदर्शन में शामिल आंदोलनकारियों का हौंसला बढ़ाने के लिए हजारों की संख्या में लोग भी पहुंचे। ना केवल देरवाला बल्कि पास पड़ौस के गांवों से आए लोगों ने नारेबाजी करते हुए नगर परिषद और प्रशासन को खूब कोसा और कहा कि देरवाला अकेला नहीं, सभी गांव इनके साथ है। क्योंकि एक बार यदि देरवाला की आबो हवा खराब हो गई तो इसका असर धीरे-धीरे अन्य गांवों को भी खराब कर देगी। इस प्रदर्शन में अपना समर्थन देने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची। जिन्होंने शोक बैठक में भी नगर परिषद की आत्मा शांति की प्रार्थना की।
देरवाला में प्लांट लगाए जाने का विरोध जारी, नगर परिषद की शोक बैठक सातवें रोज भी जारी, 51 ग्रामीणों ने जमीन समाधि लेकर किया विरोध
झुंझुनूं। झुंझुनूं के देरवाला गांव में प्रस्तावित बायो-सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट का विरोध जारी है। ग्रामीणों ने गांव में झुंझुनूं नगर परिषद की 12 दिन की शोक बैठक जारी कर रखी है। जिसे रविवार को सातवां दिन है। रविवार को सातवें रोज 51 ग्रामीणों ने जमीन समाधि लेकर अनूठा प्रदर्शन किया और प्रशासन को ये चेतावनी दी कि कि वे किसी भी हाल में गांव की जमीन का ऐसा उपयोग नहीं होने देंगे। जिससे आने वाले दिनों में ग्रामीणों को परेशानी हो। संघर्ष समिति के अध्यक्ष जिला परिषद सदस्य दिनेश सुंडा तथा देरवाला सरपंच रेखादेवी समेत महिलाओं और पूर्व सैनिकों ने जमीन समाधि ली और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। सुंडा ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री झुंझुनूं मुख्यालय या फिर विधानसभा क्षेत्र में आती है तो उनका विरोध किया जाएगा। साथ ही प्रशासन पर आरोप लगाया कि वे आंदोलन को हलके में ले रहे है। लेकिन यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो ये आंदोलन जिले का एक ऐतिहासिक आंदोलन बन जाएगा। इस मौके पर उप सरपंच सुधीर शर्मा, मंगेज मीणा, अनिल बेनीवाल, महेश हर्षवाल, राजेश बेनीवाल आदि मौजूद थे। इसके अलावा समाधि लेने वालों में ओमप्रकाश, शंकरलाल, पितराम पूनियां, मेहरसिंह पुरा की ढाणी, मनोज स्वामी वारिसपुरा, महावीरसिंह, बंटी गहलोत, मुश्ताक अली, सांवरमल, मोहम्मद इमरान, मुश्ताक, निशार, शबीर, हारून खां, महेंद्र रोहिला, विकास कड़वासरा, इंद्रपाल सिहाग, नसीर काजी, जगदेव रोहिला आदि प्रमुख थे।
समाधि उसी जगह, जहां पर प्लांट प्रस्तावित
51 ग्रामीणों ने जहां पर समाधि ली, वो वही जगह थी। जहां पर प्लांट लगने प्रस्तावित है। ग्रामीणों ने कहा कि इस प्लांट की जगह पर उनकी आत्मा बसती है। यदि नगर परिषद या फिर प्रशासन यहां पर प्लांट लगाने की कोई भी कोशिश करेगा तो वे यहां पर स्थायी समाधि लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे। रविवार को समाधि लेने के लिए इसी जगह पर 51 गड्ढे खुदवाकर इसमें ग्रामीण करीब तीन घंटों तक सांकेतिक रूप से गड्ढे में बैठ गए। जिनके आधे शरीर भी मिट्टी में दब गए थे।
सरपंच के साथ महिलाओं ने भी ली समाधि
जमीन समाधि लेने में महिलाएं भी पीछे नहीं रही। सरपंच रेखा देवी के अलावा महिला सावित्री व अन्य ने भी जमीन समाधि लेकर संघर्ष समिति के आंदोलन में पूरा साथ लेने का निर्णय लिया। सरपंच रेखादेवी ने कहा कि प्रशासन यह भूल से भी ना सोच लें कि केवल यह मामला देरवाला से जुड़ा है। इस समस्या से 30 गांवों के लोग प्रभावित है।
इन 51 ग्रामीणों ने ली जमीन समाधि
जमीन समाधि लेने वालों में संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सुंडा, सरपंच रेखादेवी, ओमप्रकाश, शंकरलाल, पितराम पूनियां, मेहरसिंह पुरा की ढाणी, मनोज स्वामी वारिसपुरा, महावीरसिंह देरवाला, बंटी गहलोत, सांवरमल, मुश्ताक अली, महेंद्र हर्षवाल, जगदीश हर्षवाल, सुशील हर्षवाल, दिनेश कुमावत, दिलीपकुमार, निशार, हाफिज, मोहम्मद इमरान, मुश्ताक, निशार, शबीर, हारून खां, अजरूद्दीन, झिंडू खां, महेश बेनीवाल, मोहम्मद युनूस, धर्मपाल कड़वासरा, जगदेव रोहिला, रामसिंह कड़वासरा, महेंद्र तंवर, मोहम्मद लियाकत अली, नसीर काजी, रामचंद्र कड़वासरा, पप्पू काजी, लतीफ, राजेंद्र बेनीवाल, हमीद, रामनिवास हर्षवाल, करणीराम बेनीवाल, सुदेश बेनीवाल, मघाराम सिहाग, सुनीलकुमार देरवाला, महेंद्र रोहिला, रणधीर बेनीवाल, जगदीश हर्षवाल, विकास कड़वासरा, इंद्रपाल सिहाग, रामकरण देरवाला झाझडिय़ा, सुरजाराम बेनीवाल, मनीराम हर्षवाल, सावित्रीदेवी तथा रामनिवास हनुमानपुरा शामिल थे।
नारायण बलि के साथ संपन्न होगी शोक बैठक
संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सुंडा ने बताया कि आठ दिसंबर को नगर परिषद की शोक बैठक के 12 दिन पूरे हो जाएंगे। इस दिन प्रदेश की वसुंधरा राजे सरकार के भी चार साल पूरे हो रहे है। इस दिन नगर परिषद की नारायण बलि दी जाएगी और कलेक्ट्रेट के समक्ष हवन होगा। इसके लिए भी सभी ग्रामीणों से संपर्क किया जा रहा है। जिसमें हजारों की संख्या में लोग उपस्थित होंगे और एक बार फिर शहर को बताएंगे कि किस तरह नगर परिषद भ्रष्टाचार में आकंठ डूबकर ना केवल शहर, बल्कि पैराफेरी के गांवों को सुविधा देने की बजाय, उन्हें समस्याओं में डाल रही है।
सीएम झुंझुनूं आई तो विरोध करेंगे, देना होगा जवाब
संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सुंडा व सरपंच रेखादेवी ने बताया कि सीएम वसुंधरा राजे दो दिनों तक झुंझुनूं जिले में रही। अधिकारियों का लवाजमा भी साथ था। लेकिन देरवाला मामले में अभी तक कोई सुध नहीं ली गई है। उन्होंने कहा कि आंदोलन को हलके में लेने वाले बड़ी भूल कर रहे हैं। यदि गांव से दोनों प्लांटों के लिए जगह आबंटन निरस्त नहीं किया जाता है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा और सीएम के झुंझुनूं मुख्यालय पर आने पर उनका विरोध किया जाएगा। साथ ही इसका जवाब सीएम से भी मांगा जाएगा कि ग्राम पंचायत की एनओसी के बिना नगर परिषद व प्रशासन ने राठौड़ी में किस तरह जमीन का आबंटन कर लिया।
हजारों की संख्या में पहुंचे अनूठा प्रदर्शन देखने
देरवाला में प्रस्तावित प्लांट के विरोध में जमीन समाधि जैसे अनूठे प्रदर्शन को देखने और इस प्रदर्शन में शामिल आंदोलनकारियों का हौंसला बढ़ाने के लिए हजारों की संख्या में लोग भी पहुंचे। ना केवल देरवाला बल्कि पास पड़ौस के गांवों से आए लोगों ने नारेबाजी करते हुए नगर परिषद और प्रशासन को खूब कोसा और कहा कि देरवाला अकेला नहीं, सभी गांव इनके साथ है। क्योंकि एक बार यदि देरवाला की आबो हवा खराब हो गई तो इसका असर धीरे-धीरे अन्य गांवों को भी खराब कर देगी। इस प्रदर्शन में अपना समर्थन देने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची। जिन्होंने शोक बैठक में भी नगर परिषद की आत्मा शांति की प्रार्थना की।