खबर - जयंत खांखरा
खेतड़ी -कस्बे के रामकृष्ण मिशन आश्रम में स्वामी विवेकानंद का तिथि अनुसार 156 वां जन्मदिवस धूमधाम से मनाया गया। स्वामी विवेकानंद की जन्मोत्सव में कर्नाटक से आए स्वामी धर्मानंद महाराज हिमाचल प्रदेश से आए स्वामी शिवानंद महाराज मिशन के सचिव आत्मानिष्ठानंद महाराज अनंत आत्मानंद महाराज ने सर्वप्रथम प्रभात पूजा की उसके बाद हवन का आयोजन किया गया और स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस तथा गुरु माता शारदा देवी की आरती की गई इस उपलक्ष पर स्वामी योगयुक्तानंद महाराज ने शांति पाठ किया बुहाना (बलोदा) से आए दिव्यांग दंपत्ति कृष्णा देवी को आश्रम की ओर से सिलाई मशीन भेंट की गई सैकड़ों विद्यार्थियों और ग्रामीणों ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में मंच संचालन अध्यापक रमाकांत वर्मा ने किया। इस मौके पर आत्मानिष्ठानंद महाराज ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद युवाओं के प्रेरणा स्रोत है सभी विद्यार्थियों को उनके चरित्र को जीवन में ग्रहण करना चाहिए और उनके पद चिन्हों पर चलते हुए देश सेवा में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। स्वामी विवेकानंद ने पूरे विश्व में सनातन धर्म का परचम लहराया स्वामी विवेकानंद और राजा अजीत सिंह का गहरा नाता था खेतङी नरेश द्वारा स्वामी विवेकानंद को पगड़ी अंगरखा और वेशभूषा प्रदान की गई थी इसी के साथ ही स्वामी विवेकानंद का नाम करण भी खेतड़ी नरेश की ही देन है स्वामी विवेकानंद तीन बार खेतड़ी आए खेतड़ी नरेश गोस्वामी जी खगोल विज्ञान भी पढ़ाते थे।
खेतड़ी -कस्बे के रामकृष्ण मिशन आश्रम में स्वामी विवेकानंद का तिथि अनुसार 156 वां जन्मदिवस धूमधाम से मनाया गया। स्वामी विवेकानंद की जन्मोत्सव में कर्नाटक से आए स्वामी धर्मानंद महाराज हिमाचल प्रदेश से आए स्वामी शिवानंद महाराज मिशन के सचिव आत्मानिष्ठानंद महाराज अनंत आत्मानंद महाराज ने सर्वप्रथम प्रभात पूजा की उसके बाद हवन का आयोजन किया गया और स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस तथा गुरु माता शारदा देवी की आरती की गई इस उपलक्ष पर स्वामी योगयुक्तानंद महाराज ने शांति पाठ किया बुहाना (बलोदा) से आए दिव्यांग दंपत्ति कृष्णा देवी को आश्रम की ओर से सिलाई मशीन भेंट की गई सैकड़ों विद्यार्थियों और ग्रामीणों ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में मंच संचालन अध्यापक रमाकांत वर्मा ने किया। इस मौके पर आत्मानिष्ठानंद महाराज ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद युवाओं के प्रेरणा स्रोत है सभी विद्यार्थियों को उनके चरित्र को जीवन में ग्रहण करना चाहिए और उनके पद चिन्हों पर चलते हुए देश सेवा में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। स्वामी विवेकानंद ने पूरे विश्व में सनातन धर्म का परचम लहराया स्वामी विवेकानंद और राजा अजीत सिंह का गहरा नाता था खेतङी नरेश द्वारा स्वामी विवेकानंद को पगड़ी अंगरखा और वेशभूषा प्रदान की गई थी इसी के साथ ही स्वामी विवेकानंद का नाम करण भी खेतड़ी नरेश की ही देन है स्वामी विवेकानंद तीन बार खेतड़ी आए खेतड़ी नरेश गोस्वामी जी खगोल विज्ञान भी पढ़ाते थे।
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