खबर - जयंत खांखरा
आर्मी में सीनियर हवलदार के पद पर कार्यरत शमशाद खान हुए शहीद
खेतडी -माधोगढ ग्राम पंचायत के ताल ग्राम का जवान शहीद हो गया। 42
वर्षीय शहीद शमशाद खान पुत्र अब्दुल हमीद खान आर्मी में 5 गर्नेडियर चार्ली कंपनी में जम्मु कश्मीर
के उरी सेक्टर में सीनियर हवलदार के पद पर कार्यरत था जो 16 जनवरी मंगलवार उरी सेक्टर में ही बॉर्डर पर दुश्मनों के साथ मुठभेड़ करने में शहीद हो गया। शहीद के पिता अब्दुल हमीद खान राजस्थान पुलिस में ऑन ड्यूटी जब खत्म हुए तब शमशाद खान की उम्र 4 वर्ष की थी। अपने आठ भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे शमशाद खान आर्मी में भर्ती हुए । आठ भाइयों में 3 फौज में रह चुके हैं। एक राजस्थान पुलिस में है। एक भाई एडवोकेट है ।और दो भाई विदेश तथा एक भाई घर पर है । शहीद शमशाद खान की उम्र लगभग 42 वर्ष थी । शमशाद खान की मां का नाम आमना बानो है। पत्नी का नाम नेक बनो है।
शहीद के दो बेटी और दो बेटे हैं बड़ा बेटा सुफियान खान 14 वर्ष का है उससे छोटी बेटी खुशबू 12 वर्ष की है उससे छोटी बेटी शालीका खान 9 वर्ष की है सबसे छोटा बेटा शोएब खान 7 वर्ष का है जो पास नंगली की स्कूल में पढ़ता है । सूचना के अनुसार बुधवार रात तक शहीद का पार्थिव शरीर खेतड़ी थाने में लाया जाएगा उसके बाद सुबह गांव ले जाकर लगभग 2:00 बजे शहीद को राजकीय सम्मान के साथ मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
परिवार के बहादुरी के किस्से दूर दूर तक है मशहूर
शहीद शमशाद खान की परिवार के किस्से दूर-दूर तक प्रसिद्ध है शमशाद खान के पङदादा खेतड़ी ठिकाने में कार्यरत थे उन्होंने अपनी बहादुरी का लोहा मनवाते हुए जिंदा शेर को पकड़ लिया। इस पर खेतड़ी नरेश ने उनको बहादुर खान के नाम से नवाजा और आज जो उनकी पैतृक जमीन है तालग्राम में वहां पर उनको जमीन दी गई और खेतड़ी ठिकाना की तरफ से तीन पीढ़ियों की पेंशन भी दी गई शमशाद खान के भांजे आरिफ खान जो कि 16 गर्नेडियर में आर्मी में कार्यरत हैं उनको राष्ट्रपति द्वारा 15 अगस्त 2017 को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। वहीं अगर पूरे परिवार की बात की जाए तो अब तक दादा, भाई और चाचा, ताऊ सहित लगभग 30 के करीब लोग सेना में देश की सेवा कर चुके हैं।
