खबर - जीतेन्द्र वर्मा
पुलिस प्रशासन ने पूरे शहर और मीरागेट ईलाके में रखे सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त
2376 लोगो ने किए मानधाता एवं मीरा साहब के दर्शन
बूंदी । जिले में 31 दिसम्बर को उपजे माधाता छतरी विवाद में आज विराम लग
गया । प्रशासन ने आज रविवार को रामगढ़ वन्य जीव अभयारण्य क्षेत्र को बूंदी
शहर में पर्यटकों व आमजन के लिए वन विभाग की सहमति से पैदल आवाजाही के लिए
सुबह 10 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक प्रतिदिन शुरू कर दिया। अभयारण्य क्षेत्र
में आवाजाही की पैदल अनुमति के बाद आज सुबह मार्ग को आम लोगो के लिए खोल
दिया गया। जिसके बाद दोनो समुदायों ने अपने अपने धार्मिक स्थानो के दर्शन
करने कि होड लग गई। बाबा रामलखन श्रवणदास के जत्थे ने बालाजी के प्रथम
दर्शन किए। जिसके बाद दर्शनो के लिए मानो महिला, पुरूषो व नोजवान युवक,
युवतियो का जन सैलाब सा उमड पडा जिसके चलते दूर दूर तक लम्बी लाईने लग गयी।
हालांकि पुलिस प्रशासन ने लोगो कि सुरक्षा को देखते हुए शहर में तथा
मीरागेट ईलाके में भारी पुलिस बल तेनात रखा। आने जाने वालो कि तलासी ली गयी
तथा लोगो पर विडियोग्राफी व ड्राॅन से निगरानी रखी गई। आई.जी.विशाल
बंसल,एस.पी. आदर्श सिद्धू,जिला कलक्टर शिवांगी स्वर्णकार सहित पुलिस विभाग
तथा प्रशासन के वरिष्ट अधिकारी पूरे मामले पर अपनी निगरानी रखे रहे।
हांलाकि आमजन व पर्यटकों को यह अनुमति धारा 144 सीआरपीसी के प्रावधानों की
पालना की शर्त पर दि गई थी। टाईगर हिल क्षेत्र स्थित मानधाता छतरी क्षेत्र
में पुरातत्व विभाग का सर्वे कार्य जारी रहने से पुरातत्व अवशेषों की
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुरातत्व टीम द्वारा निषिद्ध क्षेत्र की
सीमा में बैरिकेटींग कर आमजन व पर्यटकों का छतरी तक आना निषेद रखा गया। एक
समय दोनो और से अपने अपने धर्म को लेकर हुई नारेबाजी ने माहोल को गर्मा
दिया जिसको पुलिस प्रशासन ने समझाईस कर शान्त कर दिया। दोनो और से आम जन के
साथ समाज के प्रबुधजनो ने मानधाता बालाजी व मीरा साहब के दर्शन किए तथा
दोनो ही समुदायों में अपने अपने समाज का वर्चस्व दिखाने कि होड सी बनी रही।
लोगो ने तीन बजे तक 2376 लोगो ने शान्तिपूर्ण तरिके से दर्शन किए। जिसके
बाद प्रशासन ने चेन कि सांस ली।