नवलगढ़:- दी आनन्दीलाल पोदार ट्रस्ट द्वारा संचालित डाॅ रामनाथ ए पोदार हवेली म्यूजियम में विश्व विरासत दिवस मनाया गया। पहला विश्व विरासत दिवस 18 अप्रेल 1982 को टयूनीषिया में इन्टरनेशनल काउंसिल आॅफ मोनुमेटस एण्ड साईडस द्वारा मनाया गया था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र की संस्था युनेस्को ने वर्ष 1983 में इसे मनाने की मान्यता दी। इससे पहले इसे प्रत्येक 18 अप्रेल को विश्व स्मारक एवं पुरातत्व स्थल के दिवस रूप में मनाया जाता था। अब विष्व विरासत दिवस विश्वभर में मूल्यवान सम्पति और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और रक्षा हेतु लोगो के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए प्रत्येक वर्ष 18 अप्रेल को इसे मनाया जाता है। इस दिन पोदार ट्रस्ट द्वारा संचालित पोदार काॅलेज, पोदार बीएड काॅलेज, पोदार जीपीएस अंग्रेजी माध्यम, पोदार टायनी टोडलर, पोदार हिन्दी माध्यम, पोदार प्राथमिक विद्यालय, पोदार आईटीआई के विद्यार्थियों ने एवं स्टाफ ने पोदार हवेली म्यूजियम का दीदार किया और यहां के भिति चित्रों, आर्ट गैलेरी, गांधी गैलेरी, फोर्ट गैलेरी, पोदार परिवार गैलेरी, को बहुत ही बारीकी से देखा और भिति चित्रों के बारे में जानकारी जुटाई। गाईड सुनील शर्मा एवं राहुल ने विद्यार्थियों एवं स्टाफ को सभी गैलेरियों एवं भीति चित्रों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विष्व विरासत संरक्षण में सभी से सहयोग करने की बात कहीं।
पोदार ट्रस्ट के चेयरमैन कांतिकुमार आर पोदार व ट्रस्टी सुश्री वेदिका पोदार हमेषा से मूल्यंवान सम्पति और सांस्कृतिक विरासत के सरंक्षण हेतु काफी समय से प्रयासरत है। इनका मानना है कि नवलगढ ने अपनी हवेलियों की बनावट, कारीगरी एवं चित्रकला शैली के कारण ही विष्व मानचित्र पर आज अपनी पहचान बना रखी है। इसी कारण देषी -विदेषी पर्यटक जो राजस्थान आता है वह शेखावाटी भ्रमण के दौरान नवलगढ कीे हवेलियों का दीदार करने अवष्य आता है।
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