मंगलवार, 8 मई 2018

खेतड़ी बहुत पवित्र और ऐतिहासिक स्थान है -स्वामी अच्युतात्मानंद

खबर - जयंत खांखरा 
खेतड़ी -कस्बे के रामकृष्ण मिशन विवेकानंद स्मृति मंदिर में मंगलवार को विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री वितरित करते हुए बेलूर मठ हावड़ा से पधारे मुख्य अतिथि स्वामी अच्युतात्मानंद महाराज ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेतड़ी बहुत ही पवित्र और ऐतिहासिक स्थान है क्योंकि यह स्वामी विवेकानंद की कर्म स्थली रही है ।राजस्थान में स्वामी जी की बहुत सी स्मृतियां है जिसमें खेतड़ी तो उनके जीवन में एक विशेष स्थान रखती है स्वामी जी सभी भारत वासियों को अपना भाई मानते थे और उन्होंने शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में भाग लेकर वहां के लोगों को संबोधित करते हुए भी यही वाक्य कहा था मेरे अमेरिकी भाइयों और बहनों और उन्होंने वहां पर कहा था कि मेरा भारत सभी धर्मों की जननी है स्वामी जी एक ओजस्वी व्यक्ति थे। आप सभी स्वामी जी के आदर्शों को अपने जीवन में ग्रहण करिए स्वामी जी कहा करते थे कि सब के भीतर एक शुद्ध आत्मा है और सभी के भीतर ब्रह्म तत्व है। आप अभी अबोध बालक हो मां शारदा और स्वामी विवेकानंद के आदर्शों का अपने जीवन में अनुसरण करो निश्चित ही आपको जीवन में सफलता हासिल होगी। कार्यक्रम में गदाधर अभुदय प्रक्लप एवं विवेकानंद अभुदय  प्रकल्प के 185 विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री वितरित की गई कार्यक्रम की अध्यक्षता बेलूर मठ के स्वामी भक्तिदानंद ने की और कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मिशन के सचिव स्वामी आत्मा निष्ठा नंद महाराज और डॉक्टर राम प्रसाद रहे, मंच संचालन रमाकांत वर्मा ने किया। कार्यक्रम में आगंतुकों को संबोधित करते हुए स्वामी आत्मा निष्ठानंद महाराज ने कहां की मिशन द्वारा इन दो प्रकल्पों के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ स्वास्थ्य जांच, पोषण, छात्रवृत्ति ,सांस्कृतिक विकास किया जाता है ।विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी कच्चे घड़े के समान हैं स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र को पढ़े और अपने जीवन का निर्माण करें और उनके पद चिन्हों पर चलकर देश के विकास में भागीदारी निभाएं क्योंकि स्वामी विवेकानंद कहा करते थे कि युवा ही देश का भविष्य है। भारत वर्ष को ऐसे युवाओं की ही जरूरत है कार्यक्रम में कालीचरण गुप्ता, अनिल यादव, रूडा राम, नरेश वर्मा ,स्वामी आनं तआत्मानंद महाराज , अजय गुप्ता सहित विद्यार्थी और ग्रामीण उपस्थित रहे ।

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