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लोक सभा में गूंजा केंद्रीय विधालय का मुद्दा

खबर - पवन शर्मा 
झुंझुनू सांसद संतोष अहलावत ने संसद में उठाया मुद्दा
केंद्रीय विधालय को दो पारियो में चलाने का उठाया मुद्दा
सूरजगढ़ । जिले में संचालित हो रहे केंद्रीय विधालय के छात्रों के हितो से जुड़े मुद्दे की गूंज सोमवार को लोकसभा में सुनाई दी। झुंझुनू सांसद संतोष अहलावत ने जिला मुख्यालय पर संचालित हो रहे केंद्रीय विधालय को दो पारियो में चलाये जाने का मुद्दा उठाया। सांसद संतोष अहलावत ने संसद के शून्यकाल के दौरान जिला मुख्यालय पर चल रहे केंद्रीय विधालय में 20 नए कमरे बनाये जाने या फिर उसे दो पारियो में चलाये जाने की बात कही। सदन में शून्यकाल पर बोलते हुए सांसद संतोष अहलावत ने जिले में शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे सराहनीय कार्यो का भी ब्यौरा दिया। सांसद संतोष अहलावत ने जिले में राज्य सरकार द्वारा सरकारी विधालयों में नामांकन वृद्धि में किये गए अभूत पूर्व कार्यो का भी उल्लेख करते हुए कहा की पीएम मोदी ने भी मन की बात में जिले में चलाये जा रहे " अपना विधालय अपना बच्चा " अभियान की भी जमकर सराहना कर चुके है। सांसद अहलावत ने कहा की इस अभियान में विधालय से ड्राप आउट हुए बच्चो को दुबारा विधालय से जोड़ा गया है। सांसद ने मानव संसाधन विकास मंत्री से आग्रह करते हुए केंद्रीय विधालय झुंझुनू में जल्द से जल्द 20 कमरों का निर्माण कराने या फिर विधालय को दो पारियो में चलाने की अनुमति देने का आग्रह किया जिस पर सदन में मौजूद मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उनकी मांगो पर ध्यान देते हुए उस पर शिघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।  

विपक्ष पर किया हमला 
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने झुंझुनू सांसद संतोष अहलावत को अपनी बात रखने का जब न्यौता दिया उस दौरान संसद में विपक्षी सांसदों द्वारा काफी शोर मचाया जा रहा था। अधिक शोर शराबा होता देख सांसद संतोष अहलावत ने विपक्षी सांसद ज्योतिराजे सिंधिया को टोका। संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत में सांसद संतोष अहलावत ने कहा विपक्ष द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है कि सदन की कार्यवाही बाधित की जाए। संसद के शून्यकाल के दौरान ऐसा ही हुआ। अहलावत ने कहा कि शून्यकाल के दौरान सांसद अपने क्षेत्र की महत्वपूर्ण समस्याओ को रखते है और ऐसे में यदि विपक्ष ऐसा करने से बढ़ा उत्पन्न करता है तो उस क्षेत्र की जनता के साथ नाइंसाफी है। सांसद ने कहा की वे पहली बार चुनकर संसद में पहुंची है और वे चाहती है की उनके क्षेत्र की समस्याओ को सरकार के सामने रखे और सरकार से उनके निराकरण कराये। परन्तु विपक्ष यह नहीं होने देना चाहता है। उन्हें विकास व जनकी की समस्या  से क्या लेना वो तो केवल हर मुद्दे पर बस राजनीती कर रहे है।