खबर - प्रेम रतन
डूण्डलोद- रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य ने कहा कि हमारा शरीर संसार का है तथा आत्मा परमात्मा की है। ऐसे में शरीर से संसार का ज्यादा से ज्यादा भला करना ही शरीर का सदुपयोग है। परमात्मा हमें धन देता है धर्म करने के लिए और धर्म करने से सुख की प्राप्ति होती है। यही जीवन का परम लक्ष्य है। राघवाचार्य सोमवार सांयकाल केा यहां के श्याम विद्या निकेतन परिसर में आयोजित प्रवचन एंव सम्मान समारोह को सम्बोंधित कर रहे थे। उन्होनंे कहा कि सेवा करने वालों का सम्मान करना हमारी सनातन परम्परा रही है। इस अवसर पर गिरधारी लाल ईन्दोंरिया एंव राघवाचार्य ने भामाशाह सुभाष कौशिक ,कैलाश यादव एवं भगवान साहय यादव को शाल व श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। इससे पूर्व श्याम विद्या निकेतन पहुचनें पर राघवाचार्य का माल्यापर्ण कर स्वागत किया गया। विद्या निकेतन परिसर में राघवाचार्य के सानिध्य में पौधारोपण किया। इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता ओमप्रकाश मिंतर ,मनीष पारीक,भीमसिंह,डाॅ दयाशंकर जांगिड,भंवर सिंह शेखावत,सतीश चन्द्र कर्नाटक,सुभाश भूत, महावीर प्रसाद शर्मा,उमाषंकर शर्मा व मुकेष यादव ,एडवोकेट तरुण मिंतर सहित बडी संख्या में श्रद्वालु महिला एंव पुरूष उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ.अनिल शर्मा,हरीश हिन्दुस्तानी एंव राजाराम सुरोलिया ने किया तथा केडी यादव ने आभार प्रकट किया।
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