खबर - प्रशांत गौड़
-नोटबंदी ने छीने रोजगार, प्रदेश सरकार शिक्षकों की गरिमा को पहुंचा रही ठेस
जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र की मोदी सरकार और प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा है कि भाजपा सरकार शिक्षक दिवस समारोह की गरिमा को भी ठेस पहुंचा रही है। राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए इस समारोह के आयोजन में पहली बार शिक्षकों में भी भेदभाव बरता जा रहा है तथा इस आयोजन पर पहली बार 11.51 करोड़ रूपये सरकारी कोष से खचज़् किये जा रहे हैं।
गहलोत ने शुक्रवार सुबह नोटबंदी पर केंद्र के वित्त राज्यमंत्री के बयान पर निशाना साधते हुए कहा है कि मोदी सरकार और उनके मंत्री आत्ममुग्धता से बाहर आएं और आंखें खोलकर देखें हालात कितने खराब हैं, नोटबंदी एक ऐतिहासिक डिसास्टर साबित हो चुकी है, रूपये की कीमत 71 रूपये प्रति डॉलर पहुँच चुकी है, पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं।
गहलोत ने यह बात केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला के बयान पर कही है। शुक्ला ने नोटबंदी को पर कहा है कि नोटबंदी से फायदा हुआ है लोगों के तिजोरी में बंद माल बाहर आया और कालेधन पर रोक लगी।
गहलोत ने प्रदेश की वसुंधरा राजे सरकार पर निशान साधते हुए कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में केवल नव-चयनित शिक्षकों को ही इस समारोह में उपस्थित होने के लिए पाबन्द किया गया है कि यदि वे जयपुर स्थित अमरूदों के बाग में आयोजित इस समारोह में उपस्थित नहीं होंगे तो उनके वेतन में कटौती की जायेगी। किसी राजकीय समारोह में उपस्थित होने वाले नव-चयनित शिक्षकों को यात्रा भत्ता भी पहली बार दिया जा रहा है।
गहलोत ने कहा कि भाजपा सरकार 4 सितम्बर को अनुसूचित जाति जनजाति की ऋण माफी योजना के लाभान्वितों एवं नव-नियुक्त सफाईकर्मियों को भी जयपुर में बुला रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे विधानसभा चुनाव नजदीक आते देखकर हताशा और निराशा में ऐसे कदम उठा रही है। लाभार्थियों की भीड़ एकत्रित कर अपनी लोकप्रियता प्रदर्शित करने का नया तरीका निकाला है, जो लोकतांत्रिक दृष्टि से किसी भी रूप में उचित नहीं माना जा सकता है। गौरव यात्रा के दौरान भी मुख्यमंत्री ऐसी लोक-लुभावन घोषणाएं कर रही है, जिन्हें पूरा करना अब उनके बस में नहीं है।