बुधवार, 19 दिसंबर 2018

नि:शुल्क दवा योजना को रिव्यू करने की तैयारी

खबर - प्रशांत गौड़ 
-समित शर्मा ने संभाला कार्यभार 
-बढ़ेगा दायरा, करोड़ों होंगे लाभान्वित 
जयपुर। गहलोत सरकार ने नि:शुल्क दवा और जांच योजना को रिव्यू करने की तैयारी कर ली है। पिछली सरकार के समय इस योजना के आकार को घटाया गया था और इसकी जगह भामाशाह योजना को प्रभावी बनाया गया था। अब गहलोत सरकार पूरी योजनागर्त कार्यों को रिव्यू करके इसको नए सिरे से लोगों के लिए लागू करने की तैयारी में है। इस कारण इस योजना को शुरू करने वाले समित शर्मा को फिर इसी योजना का चार्ज सौंपा गया है। तब शर्मा ने बड़ी सफलता के साथ इस योजना ो लागू किया था। बुधवार को समित शर्मा ने भी अपना पदभार ग्रहण कर लिया।
गहलोत सरकारकी मंशा से साफ हो चुका है कि वह भामशाह योजना की बजाए पूर्व कांग्रेस शासनकाल में शुरू नि:शुल्क दवा योजना और जांच योजना को नए सिरे से आगे बढ़ाएगे। पूर्व कांग्र्रेस सरकार की इस योजना का सबसे बड़ा लाभ गरीबों को मिला था। इस योजना के कारण प्रदेश के करोड़ों गरीब और मध्यमवर्गीयों परिवारों का दवाओं पर खर्च होने वाली बड़ी राशि की बचत हुई थी हालांकि गहलोत सरकारके खिलाफ बीजेपी सरकार ने इस योजना में दवाओं का जहर बताकर इसको योजना को विफल करने की भरपूर कोशिश की लेकिन सत्ता मेंं आने के बाद इस योजना को चालू रखना मजबूरी बना।नि:शुल्क दवा योजना का सबसे बड़ा लाभ आम मध्यमवर्गीय परिवारों को मिला था और दवामाफियों के शिंकजे से राहत मिली थी। इस योजना के लागू होने से पहले सामन्य दवाओं दर और योजना को लागू करने के बाद उनकी दर में बेहद कमी आना बता रहा था कि दवाओं के नाम पर आम जनता की जेंब किस तरह से काटी जा रही थी। इस योजना से सरकार पर करोड़ों रुपए का अतिरिक्त भार पड़ा लेकिन इसकी सफलता ने सरकार के उत्साह को और बढ़ा दिया था।नि:शुल्क दवा जांच योजना के तहत 100 से ज्यादा  और दवाएं नि:शुल्क क्षेणीमें आ सकती है और दवाओं की गुणवता पर भी सरकार का विशेष फोकस रहेगा।


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