गुरुवार, 14 मार्च 2019

पोदार ट्रस्ट द्वारा जल संरक्षण पर झाझड़ गांव में सेमीनार का आयोजन

नवलगढ़:- दी आनन्दीलाल पोदार ट्रस्ट की ट्रस्टी सुश्री वेदिका पोदार द्वारा चलाई जा रही ‘‘जल संरक्षण’’ की मुहिम (जल है तो कल है) के तहत झाझड़ गांव स्थित शेखावाटी ग्रामीण उच्च मा. शिक्षण  संस्थान में एक दिवसीय सेमीनार आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल प्राचार्य सचिन कुमार मान ने की। सेमीनार के संयोजक राजेश  वर्मा ने ट्रस्टी सुश्री वेदिका पोदार की पहल से चलाई जा रही सामाजिक सरोकारों से जुड़ी मुहिम ‘‘वृक्ष लगाओ-भविष्य बचाओं’’, ‘‘स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत’’, ‘‘पढ़ें भारत-बढ़े भारत’’, ‘‘बेटी पढ़ाओं-देश  बढ़ाओं’’, ‘‘जल है तो कल’’ के उद्देश्य  एवं इसके स्वरूप पर प्रकाश  डाला ।
 सेमीनार को सम्बोधित करते हुए पोदार काॅलेज के प्राणीशास्त्र  विभागाध्यक्ष प्रो. डाॅ. दाऊ लाल बोहरा ने कहा कि आज विश्व  के समक्ष घटता भू-जलस्तर सबसे बड़ी समस्या है और यही स्थिति रही तो आने वाले समय में देशों  के मध्य युद्ध का कारण पानी ही होगा। इसलिए हम सबको जल का समुचित उपयोग कर इसके दुरूप्योग या व्यर्थ दोहन को रोकना होगा तथा अधिकाधिक वृक्ष लगाने के लिए समाज को प्रेरित करना होगा। सेमीनार को सम्बोधित करते हुए विद्यालय प्राचार्य ने पोदार ट्रस्ट द्वारा चलाई जा रही जल संरक्षण व सामाजिक सरोकारों से जुड़ी अन्य मुहिमों की भूरि-भूरि प्रषंसा की और आष्वासन दिया कि पोदार ट्रस्ट की सभी मुहिमों में अपने सहयोग व समर्थन की प्रतिबद्धता जताई। सेमीनार में उपस्थित स्कूली विद्यार्थियों एवं ग्रामीणों ने जल संरक्षण की विधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की और इसे जीवन में अपनाने का भरोसा जताया। अन्त में सभी ने जल संरक्षण करने की शपथ ली। सेमीनार में पोदार काॅलेज, पोदार जी.पी.एस. एवं पोदार एस.के.पी. टायनी टोडलर प्ले स्कूल, पोदार हिन्दी माध्यम स्कूल एवं पोदार बी.एड. काॅलेज, पोदार आई.टी.आई. काॅलेज के स्टाॅफ सदस्यों ने भी जल संरक्षण पर अपने विचार रखे। सभी विद्यार्थियों एवं स्टाॅफ सदस्यों ने विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश  भी दिया।
पोदार ट्रस्ट के चेयरमैन कान्तिकुमार आर. पोदार एवं ट्रस्टी सुश्री वेदिका पोदार का मानना है कि ऐसी सेमीनारों के माध्यम से लोगों को जल बचानें एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक कर सकते है ऐसी सेमीनार भविष्य में प्रत्येक गांव व ढाणियों में आयोजित किए जायेगें जिससे लोगों को जल बचाने एवं अधिकाधिक वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित किया जायेगा।


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