शनिवार, 19 अक्तूबर 2019

अब छोटे होंगे वार्ड, कम जनसंख्या में चुन जाएंगे पार्षद


खबर -- प्रशांत गौड़ 
जयपुर। प्रदेश में छोटे वार्डों के जरिए ज्यादा विकास की परिकल्पना करने का लक्ष्य आगे रखकर की मंशा से राज्य सरकार ने जयपुर, जोधपुर, कोटा में दो महापौर करने के  साथ वार्डों की जनसंख्या बढ़ा दी है जिसके बाद अब जयपुर में 250 वार्ड होंगे और दो नगर निगम क्षेत्र होंगे। इसमें नए सिरे से वार्डों का सीमांकन होने से कम जनसंख्या और क्षेत्र में ही नया पार्षद चुना जाएगा यानि सरकार ने कुछ समय पहले ही लिया अपना फैसला पलटते हुए फिर बदलाव किया है इसके बाद अब नए सिरे सीमांकन, नए सिरे से वार्ड जनसंख्या, नए सिरे से वोटरकार्ड और बाकी प्रक्रियाओं में छ माह का समय लगेगा। इसके बाद यहां पर चुनाव होंगे इस दौरान यहां पर प्रशासक काम करेगा।
सूत्रों की माने तो जयपुर में प्रति जोन में अब वार्डों की संख्या दो गूना होना तय है। वीआईपी इलाकों और पिछड़े इलाकों में वार्डों की जनसंख्या बढ़ सकती है। सूत्रों की माने तो छोटे वार्डों में लॉटरी आरक्षण के बाद चुनाव जीतने की प्रक्रिया आसान भी होंगी। सरकार के इस फैसले के बाद निकाय चुनाव में विपक्ष की राह मुश्किल करने की कोशिश की गई है। वहीं पुराने सीमाकन में ही जनसंख्या और क्षेत्र निर्धारण पर सवाल खड़े होते रहे बीजेपी नेता ही नहीं कांग्रेस के नेता भी सरकार को कठघेरे में खड़ा करते रहे।
पार्षद बनने के सपने हुए काफूर
वर्तमान में अभी वार्ड आरक्षण लॉटरी के बाद अधिकांश क्षेत्रों में फिर से ही उसी वर्गविशेष का आरक्षण होने के बाद करीब 40 फीसदी पार्षदों को आस थी कि उनको फिर से चुनाव लडऩे का मौका मिलेगा वहीं नए  परिसीमन के बाद जिन नए नेताओं ने पूरे क्षेत्रों को विज्ञापन,हार्डिंग्स, बैनर से अटा दिया था अब उनकी उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फिर चुका है।
अब काम करना होगा आसान
सूत्रों की माने तो नई प्रणाली के बाद क्षेत्र छोटा होने के कारण पार्षद से काम करना बेहद आसान होगा। वहीं पार्षद पर भी काम करने का बेहद ज्यादा दवाब रहेगा। नई प्रणाली के बाद पार्षदों की संख्या बढऩे से ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को चुनाव लडऩे का मौका मिलेगा।
सरकार पर बढ़ जाएगा वित्तीय भार
नई व्यवस्था के बाद राज्य सरकार पर वित्तीय भार  बढ़ जाएगा जिन तीन शहरों में सरकार ने दो महापौर करने की घोषणा की वहां पर नया भवन, नए अधिकारी, नए कार्मिक सहित नगर निगम से जुड़े संसाधन, वित्तीय और प्रशासनिक व्यवस्थाए,ं सफाईकर्मी सहित बाकी प्रक्रियाओं में सरकार पर वित्तीय भार काफी बढ़ जाएगा।
जयपुर में पुरानी विधानसभा हो सकती है ऑफिस
सूत्रों की माने तो वर्तमान नगर निगम के हैरिटेज कार्यालय या पुरानी विधानसभा को अस्थायी तौर पर नए निगम कार्यालय के दायरे में लाया जा सकता है। इसके लिए कांग्रेस के कुछ नेताओं ने राय भी दी है। कांग्रेस नेता गिरिराज अग्रवाल ने बताया कि इस संबंध में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को राय दी गई वहीं सरकार भी इस तरफ  विचार कर रही है।
सरकार के रेवन्यू स्त्रोत बढ़ेगे
सूत्रों की माने तो नई व्यवस्था के बाद कई नए क्षेत्र भी नगर निगम के दायरे में आ जाएंगे इसमें बगरू,झोटवाड़ा, आमेर, आगरा रोड  के इलाके बताए जा रहे है। जिनके बाद इन क्षेत्रों से रेवन्यू स्त्रोत भी बढ़ेगा अब नए सीमाकंन के बाद पता चलेगा कि सरकार जयपुर शहर के दायरे को और बढ़ाती है या वर्तमान क्षेत्र में ही वार्डों की संख्या का और विस्तार करती है।
छह माह का मिल जाएगा अतिरिक्त समय
राजनीतिक जानकारों की माने तो धारा 370 पर केन्द्र सरकार के बड़े निर्णय के बाद देश में बीजेपी की ओर से बनाए गए राष्ट्रवद के माहौल के बाद राज्य सरकार को निकाय चुनाव पर इसका असर पड़ता दिख रहा था इस कारण पहले राज्य सरकार ने महापौर का प्रत्यक्ष निर्वाचन निरस्त किया तो अप्रत्यक्ष निर्वाचनलागू किया वहीं इसके बाद सरकार ने उस फैसले को भी हाईब्रिड प्रणाली लागू कर दी इसके बाद अब चुनाव से पहले तीन बड़े शहरों में दो महापौर होने का बड़ा निर्णय लेकर चुनाव छ माह टल गए अब बाकी जगह तो चुनाव होंगे लेकिन तीन बड़े शहरों में छ माह बाद चुनाव होगा ऐसे में राज्य सरकार के पास वर्तमान चुनाव के रिजल्ट आने के बाद उसीके अनुसार आगामी तैयारी करने का भरपूर अवसर मिलेगा।
10 लाख से अधिक जनसंख्या का हवाला
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने मीडिया से मिलते हुए साफ कहा कि जहां पर जनसंख्या दस लाख से ज्यादा हैवहां पर दो निगम की आवश्यकता है ऐसे मेंस रकार का फैसला सही हे। धारीवाल ने कहा कि जयपुर की चारदीवारी को वल्र्ड हैरिटेज सूची में बनाए रखने के लिए यूनेस्को ने गाइडलाइन जारी की है कि इस हैरिटेज सिटी के संरक्षण के लिए अलग से नगर निगम का गठन हो। इसके लिए यह फैसला लिया गया है।
लॉटरी 20 अक्टूबर को
प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के प्रमुखों की लॉटरी 20 अक्टूबर को निकाली जाएगी। इस लॉटरी में सभी 196 निकाय शामिल होंगे। इसमें जयपुर, जोधपुर औ कोटा में नवगठित निकाय भी शामिल होगी।



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