गुरुवार, 7 मई 2020

डीजीपी बन गए , चिकित्सक, दार्शनिक,चिंतक व पथ प्रदर्शक

खबर - अमित तिवारी 
:राजस्थान पुलिस के मुखिया डॉ भूपेंद्र सिंह गुरुवार को फेसबुक के ऑनलाइन सैशन में  जनता से जुड़े ।
चूरू । चूरू पुलिस, फिल्मस्थान और संप्रीति संस्थान की ओर से आयोजित फेसबुक ऑनलाइन लाइव चैट  श्रृंखला के कारण पुलिस महानिदेशक डॉ भूपेंद्र सिंह ने जनता से दिल खोल कर बातें की। 
जनता के सवालों का जवाब देते हुए  पुलिस महानिदेशक डॉ भूपेंद्र सिंह ने चिकित्सक, दार्शनिक चिंतक और पथ प्रदर्शक के रूप मे जनता के साथ संवाद स्थापित किया। 
 कोरोना वायरस काल में संयम,धैर्य  और लॉकडाउन  के दिशा निर्देशों की अनुपालना करने की अपील जनता से की।
 चूरू पुलिस के इस अनूठे नवाचार के बारे में डीजीपी ने जनता से कहा कि जनता खुद चूरू जिला पुलिस के काम का आकलन करें और उन्हें नंबर दे। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि चूरू जिला पुलिस का सिपाही से लेकर एसपी तक उनके लिए बधाई के पात्र हैं। 
 भूपेंद्र सिंह ने कहा कि उनके  जीवनकाल में पहली बार स्थिति बनी है कि पुलिस और जनता एक साथ मिलकर किसी अदृश्य   शत्रु से लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा करते हुए पुलिस तनाव में नहीं आती बस लगातार काम करते हुए पुलिसकर्मियों को थकान जरूर हो जाती है।  कोरोनावायरस काल में पुलिस को जनता का स्नेह व अनूठा सहयोग मिला इसके लिए वे प्रदेश की जनता के आभारी हैं । 
पुलिस महानिदेेशक भूपेंद्र सिंह ने कहा कि बेहतर समाज के लिए बेहतर पुलिसिंग जरूरी है। पुलिस  के नवाचार से  पुलिस की छवि में निखार आ रहा है ऐसे में सिपाही  स्तर से लेकर उच्च अधिकारी स्तर तक सभी पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी बन जाती है कि ऐसा कोई कार्य नहीं किया जाए जिससे पुलिस की छवि धूमिल हो। 


 चिकित्सा कर्मी के रूप में डीजीपी: डीजीपी राजस्थान डॉ. भूपेंद्र सिंह ने कहा कि एमबीबीएस और एमडी की डिग्री हासिल करने के बाद कुछ समय तक उन्होंने प्रदेश में बतौर चिकित्सक सेवाएं दी । 
उन्होंने कहा कि आज वह अपने अनुभव के आधार पर कह सकते हैं कि चिकित्सकों सहित पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टाफ का काम भी अतिमहत्वपूर्ण होता है।  उन्होंने नर्सिंग स्टाफ व पैरामेडिकल स्टाफ के सेवा के जज्बे को सलाम किया । 


 डीजीपी का आध्यात्मिक स्वरूप: भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सन  93-94 में उनकी पोस्टिंग थी यही उनके छोटे पुत्र का जन्म हुआ। यहां की धरती पर सवेरे ओस की बूंदों के बीच कुमार गंधर्व का संगीत सुनकर उन्हें आध्यात्मिक सुकून मिला। चूरू में रहने के दौरान ही मंदिर शिल्प व स्थापत्य कला के बारे में उन्हें जानकारी मिली। 


 डीजीपी का दार्शनिक व चिंतक स्वरूप : 
पुलिस महानिदेशक डॉ भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कोरोना  काल बीतने के साथ ही ऐसी आशंकाएं हैं की अर्थव्यवस्था पर खासा असर होगा और बेरोजगारी बढ़ेगी ऐसे में अपराधों की संख्या बढ़ सकती है लेकिन अल्पकालिक है। राज्य सरकार ऐसी नीति बनाने  में जुटी है जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें। 

 बॉक्स फॉर 
 पथ प्रदर्शक के रूप में डीजीपी:  पुलिस महानिदेशक डॉ भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मन की शांति पाने के सब के अलग-अलग तरीके हैं और इस पर सब के विचार भी अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन सही मायने में अगर व्यक्ति को शांति हासिल करनी है तो उसे सेवा और कर्म के रास्ते को अपनाना होगा । 
सेवा और कर्म के रास्ते पर चलकर ही जीवन को गति मिलती है और व्यक्ति की राहें आसान होती हैं।

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