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गणपति घर आएंगे लेकिन पंडाल नहीं सजेंगे , पूरी शान से विराजेंगे गणपति

खबर - स्वप्निल सक्सेना 
जयपुर-  भगवन गणेश ,प्रथम पूज्य देव गणपति के आगमन का पर्व गणेश चतुर्थी पर हर वैष्णव घर में गणेशजी की पूजा होगी।  मंदिरों में लंबोदर का जन्माभिषेक-पूजन होगा. मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में भगवान श्रीगणेश विशेष पोशाक में सोने के मुकुट धारण कर चांदी के सिंहासन में विराजमान होकर भक्तों को ऑनलाइन दर्शन देंगे। 

कल यानि 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी हैऔर इस भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी शनिवार को गणेश चतुर्थी का पर्व पहली बार कोरोना संक्रमण के चलते बिना भक्तों की आवाजाही के मनाया जाएगा.


शहर के बड़े मंदिरों में जहां हर साल लाखों भक्तों का रैला नजर आता था. इस बार कोविड--19 के चलते पर्व पर पूरी तरह से मंदिरों में सन्नाटा पसरा हुआ है।  गणेश चतुर्थी और इससे पूर्व निभाई जाने वाली सभी रस्में मंदिर महंत परिवार और पुजारियों के सान्निध्य में निभाई जा रही है। कुछ मंदिर  भक्तों के लिए आनलाइन वेबसाइट के जरिए दर्शन की व्यवस्था भी कर रहे है।  गणेश चतुर्थी पर घरों से लेकर मंदिरों में प्रतिष्ठित प्रथम पूज्य की भक्तिभाव से पूजा की जाएगी।  घर के मुख्य द्व‌ार पर विराजित द्वारपाल गणेशजी का अभिषेक कर सिंदूरी चोला धारण करवाया जाएगा. चांदी के वर्क से श्रृंगार कर फूल माला चढ़ाकर गुड़धानी और मोदक का भोग लगाकर डंके भी अर्पित किए जाएंगे. घरों में दाल-बाटी-चूरमा बनाकर मंदिरों में भोग लगाया जाएगा।