मंगलवार, 26 अक्तूबर 2021

भीलवाड़ा के समाजसेवी सत्यनारायण मून्दड़ा को माहेश्वरी एकता राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से नवाजा


जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में मिला सम्मान, तत्कालीन सभापति रामपाल सोनी के टाइम मैनेजमेंट से मिली सीख

 पंकज पोरवाल

भीलवाड़ा। माहेश्वरी एकता परिवार, जयपुर द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में सत्यनारायण मून्दड़ा को उनके सांप्रदायिकता एकता व सामाजिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए माहेश्वरी एकता राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से सम्मानित समाज के विशिष्ट अतिथियों एवं मनीषियों की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर रमेश कुमार बंग, चेयरमैन, महेश बैंक, हैदराबाद, शरद गोपीदास बागड़ी, नागपुर, सत्यनारायण काबरा, जयपुर (जयपुर माहेश्वरी सभा पूर्वाध्यक्ष) तथा अनेक समाज बंधु उपस्थित थे। समाज के गौरव सत्यनारायण मून्दड़ा ने अनेक संस्थानों के पदों को सुशोभित किया। मून्दड़ा श्री महेश सेवा समिति स्कूल में उपाध्यक्ष, ओम शांति सेवा संस्थान वृद्ध आश्रम के सचिव, माहेष्वरी समाज संपति ट्रस्ट में ट्रस्टी, अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा कार्यकारी मंडल और दक्षिणी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी सभा के सदस्य तथा भीलवाड़ा जिला माहेष्वरी सभा में कार्यकारिणी सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 5 अप्रेल 1960 रामनवमीं को पीपलूंद में जन्में मून्दड़ा नें भीलवाड़ा को कर्मभूमि बनाया। यहां बोहरा व्यापारी शाबिर भाई व गफूर के साथ व्यवसाय शुरू किया। उन्होंने बताया कि 35 साल से उनके साथ व्यापार कर रहे हैं तथा आज दिन तक बैठकर हिसाब किताब नहीं करना पड़ा। अलग - अलग धर्म मे होने के बावजूद बिना किसी परेशानी के व्यापार आगे से आगे बढ़ता रहा। इस सांप्रदायिक एकता के कारण ही मुझे माहेश्वरी एकता राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से नवाजा गया। कार्यक्रम का आयोजन माहेश्वरी एकता के प्रधान संपादक राजेश गिलडा द्वारा किया गया।

टाइम मैनेजमेंट की सीख रामपाल सोनी से मिली

 मून्दड़ा ने बताया कि बिजनेस के साथ ही सामाजिक संस्थाओं में कार्य करने के के लिए टाइम मैनेजमेंट की सीख संगम उधोग समूह के चेयरमैन एवं अखिल भारतीय महासभा के तत्कालीन सभापति रामपाल सोनी से मिली। उसके बाद परिवार, बिजनेस के साथ ही समाज के लिए योगदान देना शुरू कर दिया। इस अवसर पर मून्दड़ा ने बताया कि वे देश व समाजहित मे कार्यो के लिए हमेशा तत्पर रहेंगें। 61 साल की उम्र में भी थकना नहीं सीखा, क्योंकि जब तक शरीर चलेगा तब तक समाज के लिए दायित्व निभाता रहुंगा।.


Share This