Wildlife conservation hero Dr. Kamlesh Sharma13th Shri Fatehsingh Rathore Memorial Wildlife Conservation Award 2025 - Dr. Kamlesh Sharma to Receive People & Nature Services to Wildlife Award
13वें श्री फतेहसिंह राठौड़ स्मृति संरक्षण पुरस्कार - 2025 की घोषणा
जयपुर, 28 फरवरी 2025: वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले श्री फतेहसिंह राठौड़ स्मृति वन्यजीव संरक्षण पुरस्कार 2025 की घोषणा कर दी गई है। इस वर्ष, राजस्थान के प्रमुख वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर और लेखक, डॉ. कमलेश शर्मा को ‘पीपल एंड नेचर सर्विसेज टू वाइल्डलाइफ’ अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। डॉ. शर्मा को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उनके द्वारा पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए किए गए दीर्घकालिक और समर्पित प्रयासों के लिए दिया जा रहा है।
पुरस्कार समारोह की तारीख और स्थान
यह पुरस्कार 1 मार्च 2025 को सवाईमाधोपुर के फतेह पब्लिक स्कूल में आयोजित होने वाले 13वें श्री फतेहसिंह राठौड़ स्मृति व्याख्यान एवं संरक्षण पुरस्कार समारोह के दौरान प्रदान किया जाएगा। यह समारोह फतेहसिंह राठौड़ की स्मृति में आयोजित किया जाता है, जिन्होंने रणथंभौर के बाघों के संरक्षण के लिए अद्वितीय योगदान दिया था। यह आयोजन प्रत्येक वर्ष उन व्यक्तियों को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है जिन्होंने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
Dr. Kamlesh Sharma Honored with People & Nature Services to Wildlife Award
डॉ. कमलेश शर्मा का संरक्षण कार्य
डॉ. कमलेश शर्मा, जो वर्तमान में पुलिस मुख्यालय जयपुर में अतिरिक्त निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, अपने पिछले 25 वर्षों के कार्यकाल में पर्यावरण, वन्यजीव और पक्षी संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे चुके हैं। उन्होंने देशभर के प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में अपने लेखों के माध्यम से जनजागरूकता पैदा की है। इसके अलावा, उन्होंने बोम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी की मैगजीन में विभिन्न दुर्लभ और संकटग्रस्त वन्यजीवों, पक्षियों और पौधों पर शोध पत्र और आलेख प्रकाशित किए हैं।
डॉ. शर्मा का कार्य कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में बाघों के पुनर्वास, श्यामपुरा में पक्षी प्रजातियों की खोज और डूंगरपुर में ब्लैक हेडेड आईबीस के संरक्षण को लेकर किए गए प्रयासों के लिए बेहद सराहनीय रहा है। उन्होंने बर्ड फेस्टिवल के आयोजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति भ्रांतियों को दूर किया है।
Dr. Kamlesh Sharma's Contribution to Wildlife Conservation
बर्ड फेस्टिवल में योगदान
डॉ. शर्मा डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर और जयपुर में बर्ड फेस्टिवल की शुरुआत से ही साथ है जो आज पूरे राज्य में एक प्रमुख फेस्टिवल बन चूका है । इस फेस्टिवल के माध्यम से उन्होंने पक्षियों की अद्भुत प्रजातियों के संरक्षण और उनके महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया।
Why Dr. Kamlesh Sharma Was Chosen for the Award
Importance of the Award for Wildlife Conservation in India
अवार्ड का महत्व
‘पीपल एंड नेचर सर्विसेज टू वाइल्डलाइफ अवार्ड’ डॉ. कमलेश शर्मा को उनकी निरंतर कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए दिया जा रहा है, जो उन्होंने संरक्षण के क्षेत्र में लगाए हैं। यह अवार्ड उन्हें पर्यावरणीय लेखन, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी और संरक्षण संबंधी कार्यों के लिए सम्मानित करता है।
डॉ. धर्मेंद्र खांडल ने भी की डॉ. शर्मा की सराहना
टाइगर वॉच के ख्यातिप्राप्त जीवविज्ञानी और संरक्षक, डॉ. धर्मेंद्र खांडल ने डॉ. शर्मा की सराहना करते हुए कहा, "डॉ. शर्मा का काम न केवल वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को भी वन्यजीवों और पर्यावरण के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करता है। उनके प्रयासों ने समग्र रूप से पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया है।"
फतेहसिंह राठौड़ का योगदान
स्वर्गीय फतेहसिंह राठौड़ के योगदान की याद में यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। राठौड़ ने रणथंभौर के बाघों के संरक्षण में अद्वितीय कार्य किया था, और उनका समर्पण आज भी वन्यजीव संरक्षण के कार्यों में एक प्रेरणा स्रोत बना हुआ है। उनके द्वारा किए गए कार्यों के कारण ही यह पुरस्कार अब तक जारी है, जो हर वर्ष उन लोगों को दिया जाता है, जिन्होंने प्रकृति और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए अपने कार्यों से विश्वभर में प्रभाव डाला है।
इस अवसर पर, डॉ. कमलेश शर्मा को सम्मानित किया जाना न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों को मान्यता देता है, बल्कि यह पूरे राज्य और देश में वन्यजीव संरक्षण के लिए जारी प्रयासों का उत्साहवर्धन भी करेगा। यह पुरस्कार समारोह पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए एक शानदार पहल है, जो समाज में जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देता है।
यह आयोजन उन सभी व्यक्तियों को एक साथ लाता है जिन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्य में योगदान दिया है और स्थानीय एवं राष्ट्रीय संरक्षणवादियों के उत्कृष्ट कार्य को मान्यता देने का एक मंच प्रदान करता है।