डिग्री के साथ टैलेंट की जरूरत — राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े:
डूंडलोद गर्ल्स स्कूल वार्षिकोत्सव
Need talent along with degree
वार्षिकोत्सव में सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत, झुंझुनूं विधायक राजेंद्र भांबू, जिला कलेक्टर रामावतार मीणा, डीआईजी शरद चौधरी सहित कई जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, इसके बाद स्कूल की एनसीसी कैडेट्स ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
समारोह का आगाज और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
रविवार शाम को डूंडलोद गर्ल्स स्कूल के वार्षिकोत्सव का आगाज हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत गार्ड ऑफ ऑनर से हुई, जिसे स्कूल की एनसीसी कैडेट्स ने प्रस्तुत किया। इसके बाद दीप प्रज्ज्वलन के साथ इस भव्य समारोह की शुरुआत हुई। इस मौके पर डूंडलोद पब्लिक स्कूल ग्रुप ऑफ एजुकेशन के संचालक, स्कूल के प्रमुख और अन्य सम्माननीय लोग उपस्थित थे।
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने अपने संबोधन में कहा कि जब तक भारत में गुरूकुल की शिक्षा पद्धति थी, तब हमारे समाज में नीति और मूल्य थे, जो आजकल की शिक्षा व्यवस्था में कमी महसूस होती है। उन्होंने यह भी बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 में इसी बात का उल्लेख है कि हमें डिग्री के साथ-साथ टैलेंट की भी आवश्यकता है, ताकि हम ऐसे युवा तैयार कर सकें जो देश के विकास में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने यह भी कहा कि मैकाले ने भारत में अपनी शिक्षा पद्धति थोप कर हमारे पारंपरिक गुरूकुल शिक्षा पद्धति को खत्म कर दिया, जिससे हमारे देश के मूल्य और नीति प्रभावित हुए।
सांस्कृतिक विविधता की झलक
इस वार्षिकोत्सव में करीब 300 से अधिक छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिए देश के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक धरोहर की झलक दिखाई। इन प्रस्तुतियों ने मंच को मिनी इंडिया बना दिया, जिससे सभी दर्शकों ने भारतीय विविधता का अनुभव किया। वार्षिकोत्सव में शामिल देशभक्ति से जुड़ी प्रस्तुतियों ने सभी में जोश भर दिया, और कार्यक्रम ने एक नई ऊर्जा का संचार किया।
100 से अधिक छात्राओं का सम्मान
इस दौरान 100 से अधिक छात्राओं को उनके शैक्षणिक और सह-शैक्षणिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कक्षा आठ की छात्रा जया गुर्जर को स्पोर्ट्स स्टार का पुरस्कार दिया गया, जबकि कक्षा नौ की छात्रा आराध्या लाल को बेस्ट स्टूडेंट का अवार्ड मिला। इसके अतिरिक्त, स्कूल ने 100 प्रतिशत नियमितता के लिए अविहा तोमर, आराध्या लाल और हिमांशी शेखावत को सम्मानित किया।
कक्षा वार टॉप रैंकर्स के रूप में अविहा तोमर कक्षा दो, रक्षिता कक्षा तीन, आराध्या चौधरी कक्षा चार, हिमांशी कक्षा पांच, माही चौधरी कक्षा छह, भूमि गौरा कक्षा सात और ऋतिका चोटिया कक्षा आठ की टॉपर रही। प्राइमरी में अविहा तोमर और भूमि गौरा को मेरिट अवार्ड दिया गया।
इसके अलावा, स्कूल ने बेस्ट मॉनिटर, बेस्ट बस प्रीफेक्ट, और बेस्ट हाउस कैप्टन के रूप में विभिन्न छात्रों को पुरस्कृत किया। प्राइमरी में दिविशा वर्मा और सीनियर में गिरिशा को बेस्ट मॉनिटर का पुरस्कार मिला। बेस्ट बस प्रीफेक्ट के रूप में प्राइमरी में ऋतुप्रणा और सीनियर में साक्षी कटारिया को सम्मानित किया गया। बेस्ट हाउस कैप्टन के रूप में देवांशी, जाह्नवी अग्रवाल, तृषा वर्मा और आराध्या लाल को सम्मानित किया गया। एक्सीलेंस एचीवर के रूप में स्वाति को पुरस्कार मिला।
इस मौके पर स्कूल के सचिव बीएल रणवां ने कहा कि इस सत्र से स्कूल में डे स्कॉलर छात्राओं को भी प्रवेश दिया जाएगा, जिससे और अधिक छात्राएं शिक्षा का लाभ उठा सकेंगी। उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 की प्रशंसा की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत' के सपने को 2047 तक पूरा करना है। इस अवसर पर उन्होंने चिंता जाहिर की कि हम बच्चों को मशीन बना रहे हैं, जिनसे न तो अच्छे इंजीनियर मिल रहे हैं और न ही अच्छे डॉक्टर। उन्होंने बताया कि भारत में हर साल 15 लाख युवा इंजीनियर बन रहे हैं, लेकिन उनमें से केवल 1 प्रतिशत युवा ही अच्छे जॉब्स प्राप्त कर पा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने डिग्री के साथ-साथ कौशल का विकास किया है।
समारोह में विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस शानदार कार्यक्रम में पूर्व सांसद नरेंद्र कुमार, जिला प्रमुख हर्षिनी कुलहरि, डूंडलोद शिक्षण संस्थान के सदस्य रामकुमार सिंह रणवां, महावीर हुड्डा, अनुराग आर्य, डूंडलोद चेयरमैन हरफूलसिंह पूनियां, पंचायत समिति सदस्य रामनिवास डूडी, मेजर जयराम खीचड़सहित कई अन्य प्रमुख जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
डूंडलोद गर्ल्स स्कूल का वार्षिकोत्सव ‘स्पेक्ट्रा’ एक बेहतरीन मंच था, जहां छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया और राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े के संदेश ने शिक्षा और टैलेंट की महत्वता को स्पष्ट किया। कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि जब शिक्षा में टैलेंट और कौशल का मिश्रण होता है, तो युवा अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं।