मां गंगा से की प्रार्थना
नंदकिशोर महरिया ने कहा कि यह केवल एक स्नान नहीं, बल्कि एक आत्मशुद्धि का अवसर था। गंगा के निर्मल जल में डुबकी लगाकर उन्होंने आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव किया और कहा कि यह एक अलौकिक अनुभव था, जो जीवन को नए दृष्टिकोण से देखने की प्रेरणा देता है। महरिया ने अपनी प्रार्थना में कहा, "मां गंगा से मेरी विशेष प्रार्थना है कि वे समस्त देशवासियों को सुख, समृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति का आशीर्वाद दें।"
शेखावाटी क्षेत्र के लिए विशेष आशीर्वाद
नंदकिशोर महरिया ने शेखावाटी क्षेत्र के लोगों के लिए विशेष रूप से प्रार्थना की। उन्होंने कहा, "मैं मां गंगा से यह प्रार्थना करता हूं कि शेखावाटी के रेतीले धोरों में भी इन नदियों की कल-कल ध्वनि गूंजे, ताकि यहां के लोग, किसान और पशुपालक इस आशीर्वाद से लाभान्वित हो सकें।" महरिया ने बताया कि शेखावाटी के इलाके में पानी की समस्या और कृषि संबंधी कठिनाइयों के बावजूद, यदि इन क्षेत्रों को मां गंगा का आशीर्वाद मिले, तो यहां समृद्धि और खुशहाली का आगमन हो सकता है।
Prayers for the Prosperity of Shikhawati Region
Nandkishore Maharia specifically prayed for the prosperity of the Shikhawati region. He expressed, "I pray to Maa Ganga that the sound of these rivers' flowing waters reaches the sandy deserts of Shikhawati, so that the people, farmers, and cattle herders benefit from her blessings." He emphasized that if this sacred blessing reaches the region, it could bring prosperity and happiness to Shikhawati.
समाज और क्षेत्र की समृद्धि की कामना
नंदकिशोर महरिया ने आगे कहा कि यह महाकुंभ हमारे जीवन में जागरूकता और आत्मशुद्धि का संदेश लेकर आया है। महाकुंभ के प्रत्येक पल ने उन्हें आध्यात्मिक रूप से जागरूक किया।
उन्होंने ईश्वर से यह प्रार्थना की कि इस आशीर्वाद का प्रसार शेखावाटी क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति, हर किसान और हर परिवार तक हो। महरिया ने विश्वास व्यक्त किया कि इस आशीर्वाद से शेखावाटी में विकास और समृद्धि के नए रास्ते खुलेंगे और यहां के लोग खुशहाल जीवन जी सकेंगे।
महाकुंभ का महत्व
नंदकिशोर महरिया ने महाकुंभ के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह हमें आत्मसाक्षात्कार, मानसिक शांति और समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का एहसास दिलाता है।" उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए ईश्वर से समृद्धि और खुशहाली की कामना की और यह संदेश दिया कि हर व्यक्ति को इस महाकुंभ से प्रेरणा लेकर अपनी जीवन यात्रा में आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ना चाहिए।